Is it Okay to Set an Alarm to Feed Your Baby: नवजात शिशु की देखभाल करना बहुत ही मुश्किल काम होता है। घर में एक बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता के मन में कई तरह के सवाल आते हैं। नए पेरेंट्स बच्चों को कितनी देर के अंतराल में दूध पिलाना चाहिए, बच्चे को किस तरह से स्तनपान करवाना चाहिए और बच्चे का डायपर बदलते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसको लेकर डॉक्टर से कई तरह के सवाल करते हैं। कई बार देखा जाता है कि नवजात शिशु की देखभाल के लिए पेरेंट्स इतना ज्यादा अलर्ट होते हैं कि मोबाइल घर डेढ़ घंटे या 2 घंटे पर अलार्म लगाते हैं, ताकि जैसे ही अलार्म की घंटी बजे वो उठे और उसे दूध पिलाने लगें।
ऐसे में सवाल उठता है कि "क्या शिशु को जगा कर दूध पिलाना सही है?" या "क्या अलार्म शिशु को दूध पिलाना सही है?" आइए जानते हैं इस सवालों का जवाब राजस्थान के बीकानेर स्थित श्रीकृष्ण न्यूरो स्पाइन हॉस्पिटल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शैफाली दाधीच तुंगारिया से।
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क्या अलार्म लगाकर शिशु को दूध पिलाना सही है?- Is it Okay to Set an Alarm to Feed Your Baby?
नवजात शिशु को हर 2 घंटे पर अलार्म लगाकर दूध पिलाना सही है या नहीं, इस विषय पर डॉ. शैफाली दाधीच ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है। डॉ. शैफाली के अनुसार, नवजात शिशु की पेट की क्षमता बहुत छोटी होती है, इसलिए उन्हें बार-बार दूध की जरूरत पड़ती है। आमतौर पर, शिशु दिन-रात हर 2-3 घंटे में दूध पीते हैं। लेकिन यह उनकी भूख और उम्र पर निर्भर करता है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि नवजात शिशु ने अगर 15 से 20 मिनट तक स्तनपान किया है, स्तनपान के बाद शिशु ने स्वयं ही निप्पल और स्तनों को छोड़ दिया है और नई मां को बच्चे के स्तनपान के बाद स्तन हल्के और खाली महसूस हो रहे हैं, तो पेरेंट्स को अलार्म लगाकर बच्चे को दूध पिलाने की जरूरत नहीं है।
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नवजात शिशुओं को हर 2 घंटे पर दूध क्यों पिलाया जाता है?- Why are Newborn Babies Fed Every 2 Hours?
डॉ. शैफाली का कहना है कि बच्चे का पेट सही से भरे और उसे डिहाइड्रेशन की समस्या न हो इसलिए डॉक्टर हर 2 घंटे पर दूध पिलाने की सलाह देते हैं। साथ ही, समय से पहले जन्मे शिशु को उनके विकास के लिए अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। ऐसे में उन्हें नियमित अंतराल पर दूध पिलाना जरूरी होता है। यदि शिशु स्वस्थ है और सामान्य वजन में है, तो उन्हें भूख लगने पर ही दूध पिलाना चाहिए। ऐसे शिशुओं को हर 2 घंटे पर दूध पिलाने की जरूरत नहीं होती है।स्वस्थ शिशु अपनी भूख का संकेत देने लगते हैं। नए पेरेंट्स को इन संकेतों को पहचानना जरूरी होता है।
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- रोना या बेचैनी दिखाना।
- मुंह खोलकर दूध और निप्पल की तलाश करना।
- चूसने की कोशिश करना।
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शिशु को अलार्म लगाकर दूध पिलाने के नुकसान- Disadvantages of Feeding the Baby by Using an Alarm
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि शिशु को अलार्म लगाकर दूध पिलाने से माता-पिता के साथ-साथ शिशु पर नेगेटिव असर पड़ता है।
- बार-बार अलार्म से नई मां की नींद प्रभावित होती है, जिसकी वजह से उसे ज्यादा थकान और शारीरिक दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
- शिशु को बिना जरूरत जगाने से उसकी नींद प्रभावित हो सकती है। इसके कारण शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है।
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निष्कर्ष
आमतौर पर शारीरिक तौर से स्वस्थ्य शिशुओं को अलार्म लगाकर दूध पिलाने की जरूरत नहीं होती है। नए माता-पिता को शिशुओं को अलार्म लगाकर दूध तभी पिलाना चाहिए, जब डॉक्टर्स आपसे ऐसा करने के लिए कहें।
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