सर्दियों के मौसम में नवजात शिशुओं को खास देखभाल की जरूरत होती है। ठंडी हवाएं, गिरता तापमान और बदलते मौसम के कारण शिशुओं का नाजुक शरीर बाहरी वातावरण के साथ तालमेल बैठाने में मुश्किल महसूस कर सकता है। नवजात शिशुओं की स्किन और प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) काफी कमजोर होती है, जिससे वे सर्दी-जुकाम, बंद नाक और ठंड के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं। ठंड की शुरुआत होते ही पेरेंट्स को अपने बच्चे की सेहत को लेकर कुछ खास सावधानियां बरतनी चाहिए। उदाहरण के लिए, शिशु को सही कपड़े पहनाना और ठंडी हवा से बचाना आदि। इस दौरान शिशुओं का शरीर ठंडी हवा और बदलते तापमान से अनुकूलन करने की कोशिश करता है। बच्चों की डॉक्टर माधवी भारद्वाज ने नवजात शिशुओं की सर्दियों में देखभाल से जुड़े कुछ जरूरी टिप्स शेयर किए हैं। आइए जानें सर्दियों में शिशुओं की देखभाल के सही तरीके।
सर्दियों में नवजात शिशु की देखभाल कैसे करें?
1. शिशु की बंद नाक का कारण और समाधान
सर्दियों के मौसम में शिशुओं की नाक से अक्सर म्यूकस निकलता है, सुड़-सुड़ या गड़-गड़ की आवाज आती है और कई बार छींक के साथ थोड़ा म्यूकस भी निकल सकता है। डॉक्टर माधवी के अनुसार, यह शरीर का प्राकृतिक कोपिंग मैकेनिज्म है। ठंडी हवा को काउंटर करने के लिए नाक में म्यूकस प्रोडक्शन बढ़ता है। अगर बच्चा कंफर्टेबल है तो किसी ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती। लेकिन अगर बच्चा अनकंफर्टेबल महसूस कर रहा है, तो सलाइन ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें और डॉक्टर से सलाह लें।
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2. शिशु को कितने कपड़े पहनाने चाहिए?
सर्दियों में यह सवाल अक्सर पूछा जाता है कि बच्चे को कितने कपड़े पहनाने चाहिए। डॉक्टर माधवी के अनुसार, मां जितने कपड़े पहन रही हैं, उससे एक लेयर अधिक बच्चे को पहनाना चाहिए। अगर मां ऊनी कपड़े पहन रही है तो बच्चे को भी ऊनी कपड़े पहनाएं। लेकिन यदि आप केवल कॉटन पहन रही हैं और आपको लगता है कि बच्चे को ठंड लग सकती है, तो उसे कॉटन कपड़ों की लेयरिंग करें। यह बच्चे को ठंड से बचाने और आरामदायक महसूस कराने का सही तरीका है।
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3. क्या शिशु को टोपा पहनाना चाहिए?
सर्दियों में शिशुओं को टोपा पहनाने का सवाल बहुत आम है। डॉक्टर के अनुसार, अगर तापमान 15-20 डिग्री से कम है और आप बच्चे को बाहर ले जा रहे हैं, तो टोपा पहनाना जरूरी है। लेकिन अगर बच्चा कमरे में है जहां तापमान नियंत्रित है या वह पेरेंट्स के साथ सो रहा है, तो टोपा पहनाने की आवश्यकता नहीं होती। पेरेंट्स के शरीर से मिलने वाली गर्माहट से शिशु को पर्याप्त गर्मी मिलती है।
4. शिशु का सिर गर्म रहना
डॉक्टर माधवी के अनुसार, शिशु का सिर गर्म होना या सिर से पसीना निकलना, उनके शरीर का तापमान रेगुलेट करने का तरीका है। अगर बच्चा असहज महसूस कर रहा हो, तो उसके कपड़े हल्के करें। यह संकेत है कि शिशु का शरीर अतिरिक्त गर्मी को बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है। इस स्थिति में बच्चे को अधिक कवर करने से बचें और तापमान को सामान्य बनाए रखें।
5. सर्दियों में शिशु ज्यादा पेशाब क्यों करता है?
सर्दियों में नवजात शिशु पहले से ज्यादा पेशाब करने लगते हैं। यह शरीर के पानी के संतुलन को बनाए रखने का संकेत है। हालांकि यह सामान्य है, लेकिन पेरेंट्स को बच्चे को पर्याप्त मात्रा में दूध पिलाना चाहिए ताकि वह हाइड्रेटेड रहे। अगर आपको पेशाब की मात्रा अधिक लग रही है, तो बच्चे को गर्म कपड़े पहनाएं और सुनिश्चित करें कि वह सर्दी में आरामदायक महसूस कर रहा हो।
निष्कर्ष
सर्दियों में नवजात शिशु की देखभाल के लिए सही जानकारी और सावधानी बरतना जरूरी है। ऊपर बताए गए टिप्स अपनाकर आप अपने शिशु को ठंड से सुरक्षित रख सकते हैं। डॉक्टर माधवी भारद्वाज के अनुसार, छोटे-छोटे बदलाव और सही देखभाल शिशु के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है।
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