How to Take Care of a Newborn Baby in Polluted Air: देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरा एनसीआर एक बार फिर गैस चैंबर बन चुका है। दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक गुरुवार (14 नवंबर) को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में सुबह 11 बजे एक्यूआई 1300 दर्ज किया गया। वसंत विहार के अलावा भी दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 1000 के पार दर्ज किया गया है। दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण वयस्कों के साथ-साथ नवजात शिशु को भी नुकसान पहुंचा रहा है। नवजात शिशुओं के फेफड़े और इम्यून सिस्टम कमजोर होते हैं। ऐसे में वायु प्रदूषण उनके शारीरिक विकास में भी बाधा डाल सकता है।
प्रदूषित हवा के कारण शिशु को कौन से नुकसान हो सकते हैं और इससे बचाव के लिए पेरेंट्स को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आज इस लेख में हम इसी विषय पर बात करेंगे। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से बात की।
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प्रदूषित हवा के कारण शिशु को कौन सी परेशानियां हो सकती हैं?- What problems can a baby face due to polluted air?
डॉ. आस्था दयाल के अनुसार, प्रदूषित हवा शिशुओं के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। दरअसल, शिशुओं का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और उनका श्वसन तंत्र भी अभी विकसित हो रहा होता है। ऐसे में अगर शिशु वायु प्रदूषण के संपर्क में आता है, तो इसकी वजह से सांस लेने में परेशानी देखी जाती है। इसके अलावा प्रदूषित हवा के कारण शिशु को नीचे बताई गई परेशानियां भी हो सकती हैं।
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1. फेफड़ों का इंफेक्शन : हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि प्रदूषित हवा में धूल, मिट्टी और कई केमिकल मौजूद होते हैं। इस हवा में शिशु सांस लेता है, तो इससे उसे फेफड़ों का इंफेक्शन हो सकता है।
2. खांसी और गले की खराश : प्रदूषित हवा में मौजूद धूल, मिट्टी शिशु को खांसी और गले की खराश का कारण बन सकती है। इसकी वजह से उन्हें खांसी, छींक, नाक बंद होना जैसी समस्या भी हो सकती है।
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3. त्वचा संबंधी एलर्जी : प्रदूषित हवा में एलर्जेन और कई प्रकार के केमिकल्स होते हैं, जो शिशुओं में त्वचा पर खुजली, दाने, और एलर्जी की समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
4. आंखों में जलन : प्रदूषित हवा में रहने की वजह से शिशु को आंखों में जलन या लालिमा जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
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शिशु को प्रदूषित हवा से बचाने के टिप्स- Tips to protect your baby from polluted air
शिशु की सेहत को प्रदूषित हवा नुकसान न पहुंचाए, इसके लिए पेरेंट्स नीचे बताए गए 5 टिप्स अपना सकते हैं।
1. कमरे को रखें साफ
जन्म के बाद लगभग 1 साल तक शिशु अपना ज्यादातर समय कमरे और घर के अंदर ही बीताते हैं, इसलिए शिशु के कमरे को ज्यादा से ज्यादा साफ रखने की कोशिश करें। शिशु के कमरे में धूल और धुएं को रोकने के लिए वेंटिलेशन का ध्यान रखें।
2. एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
शिशु के कमरे में हवा के प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। एयर प्यूरीफायर कमरे की हवा में मौजूद हानिकारक कणों को हटाने में मदद करते हैं। इसकी मदद से शिशु स्वच्छ हवा में सांस ले पाते हैं और उन्हें बीमारियों से बचाने में मदद मिलती है।
3. बाहर ज्यादा न घुमाएं
शिशु को बाहर की हवा लगे और वह लोगों से मिल सके, इसके लिए पेरेंट्स सुबह या शाम के समय उन्हें बाहर घुमाने ले जाते हैं। ध्यान रहे दिल्ली में सुबह और शाम दोनों समय खराब है। शिशु वायु प्रदूषण से संपर्क न बनाएं, इसलिए उन्हें बाहर घुमाने से बचें। डॉ. आस्था दयाल का कहना है कि बाहर का धुआं, वाहनों का धुआं और औद्योगिक प्रदूषण शिशु के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए उन्हें बाहर ले जाने से बचना चाहिए।
4. कमरे में पेड़ या पौधे लगाएं
शिशु के कमरे की हवा को साफ करने के लिए तुलसी, एलोवेरा, मनी प्लांट जैसे पौधे लगाएं। इस तरह के पेड़-पौधे प्राकृतिक तौर पर हवा को साफ करते हैं। इसकी मदद से शिशु की सेहत को भी दुरुस्त रखने में मदद मिलती है। घर के अंदर और बाहर की हवा की स्थिति का भी ध्यान रखें। हवा की गुणवत्ता के बारे में जानने के लिए मोबाइल ऐप्स या सरकारी वेबसाइट्स पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) देखें।
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5. सिगरेट के धुएं से दूर रखें
इन दिनों जब हवा का प्रदूषण बढ़ रहा है, तब बच्चों को बाहर के साथ ही घर के प्रदूषण को भी कम करने की जरूरत है। इसलिए शिशु के आसपास किसी को भी सिगरेट पीने न दें। सेकेंड हैंड स्मोक (दूसरों के द्वारा छोड़ा गया धुआं) भी शिशु के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर घर में कोई सदस्य सिगरेट पीता है, तो शिशु को उससे दूर रखें।
निष्कर्ष
औद्योगिक धुआं और विकास के कारण हवा का प्रदूषण बढ़ता ही जा रही है। प्रदूषित हवा से बचाव में छोटे-छोटे कदम आपकी मदद कर सकते हैं।