Doctor Verified

घर के अंदर की हवा में भी है प्रदूषण, डॉक्टर से जानें कैसे रखें नवजात शिशुओं और बच्चों का ध्यान

दिल्ली में घर के अंदर भी वायु प्रदूषण का प्रभाव देखा जा रहा है। इससे नवजात शिशुओं और बच्चों का ध्यान रखना जरूरी है।
  • SHARE
  • FOLLOW
घर के अंदर की हवा में भी है प्रदूषण, डॉक्टर से जानें कैसे रखें नवजात शिशुओं और बच्चों का ध्यान


How to Keep Indoor Air Pollution-Free for Newborn and Toddlers in hindi: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर दिन-ब-दिन बदतर होता जा रहा है। वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली के अब गैस चैंबर बनती जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सोमवार को दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 746 दर्ज किया गया है। वहीं, दिल्ली के मुंडका समेत कई इलाकों में एक्यूआई 1200 के करीब दर्ज किया गया। दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution Level) का स्तर बढ़ने के बाद मौसम वैज्ञानिकों ने लोगों को जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी है। कुल मिलाकर कहा जाए कि दिल्ली में एक्यूआई का स्तर जानलेवा हो गया है। दिल्ली में सिर्फ घर के बाहर ही नहीं, बल्कि घर के अंदर भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है।

घर के अंदर मौजूद प्रदूषण वयस्कों (Inside Air Pollution) से ज्यादा नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। घर के अंदर के प्रदूषण में बच्चों और नवजात शिशुओं का ध्यान कैसे रखा जाए, इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ खन्ना (Dr Saurabh Khanna, Lead Consultant, Paediatrics, CK Birla Hospital, Gurgaon) से बात की।

 

इसे भी पढ़ेंः हर पतला बच्चा नहीं होता है कमजोर, डॉक्टर से जानें क्या है हेल्दी बच्चे की निशानी

delhi-aqi-inside

घर के अंदर वायु प्रदूषण होने का कारण- Causes of Indoor Air Pollution

डॉ. सौरभ खन्ना के अनुसार, घर के अंदर वायु प्रदूषण होने का मुख्य कारण बाहर की हवा से आने वाली धूल, मिट्टी, धुआं, पेंट्स का फर और केमिकल्स वाले क्लीनिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना है। इसके अलावा किचन में बनने वाले खाने की वजह से भी घर के अंदर प्रदूषण होता है।

इसे भी पढ़ेंः शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है प्रदूषित हवा, पेरेंट्स इन 5 बातों का रखें ध्यान

घर के अंदर वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियां- Diseases Caused by Indoor Air Pollution

डॉक्टर का कहना है कि इनडोर एयर पॉल्यूशन के कारण नवजात शिशुओं और बच्चों को श्वांस संबंधी परेशानियां, एलर्जी, अस्थमा और स्किन एलर्जी का खतरा हो सकता है।

1. एलर्जी और अस्थमा : इनडोर एयर पॉल्यूशन के कारण शिशु को एलर्जी और अस्थमा हो सकता है। डॉक्टर की मानें, तो जिन घर में पालतू जानवर होते हैं, उन्हें एलर्जी और अस्थमा का खतरा ज्यादा रहता है।

2. श्वास संबंधी समस्याएं : नवजात शिशुओं की श्वसन प्रणाली अत्यंत संवेदनशील होती है। इसके कारण इनडोर एयर पॉल्यूशन के कारण उन्हें सांस लेने में कठिनाई और बार-बार खांसी की समस्या हो सकती है।

3. त्वचा संबंधी समस्याएं : प्रदूषित हवा बच्चों की त्वचा में खुजली, जलन और लालिमा जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।

इसे भी पढ़ेंः सिर्फ भूख नहीं इन 3 कारणों से भी मुंह में उंगली डालता है बच्चा, डॉक्टर से जानें इसके बारे में

घर के अंदर वायु प्रदूषण का स्तर कैसे कम करें?- How to Reduce Indoor Air Pollution Levels?

घर के अंदर वायु प्रदूषण का स्तर कम करने, शिशुओं व छोटे बच्चों को इससे बचाने के लिए आप नीचे बताए गए टिप्स अपना सकते हैंः

1. एयर प्यूरीफायर

घर के अंदर वायु गुणवत्ता को सुधारने और प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए एक सही एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। एयर प्यूरीफायर हवा में मौजूद धूल, धुआं और अन्य हानिकारक कणों को फिल्टर करके हवा को शुद्ध करते हैं। इसके अलावा एयर प्यूरीफायर घर के अंदर मौजूद हवा में बैक्टीरिया और इंफेक्शन को भी कम करते हैं। आपके नवजात शिशु और बच्चों के लिए कौन सा एयर प्यूरीफायर सही है, इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

2. घर की सफाई पर दें ध्यान

घर की नियमित रूप से सफाई करना और धूल को हटाना बहुत जरूरी है। घर में वायु में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए रोजाना सही तरीके से झाड़ू-पोछा करें। सोफे और बेड के कोनो को वैक्यूम क्लीनर से साफ करें, ताकि धूल-मिट्टी जमा न हों।

इसे भी पढ़ेंः जन्म के तुरंत बाद शिशु को नए के बजाय पुराने कपड़े क्यों पहनाए जाते हैं? डॉक्टर से जानें वजह

delhi-aqi-inside2

3. केमिकल वाले क्लीनिंग प्रोडक्ट

बाजार में घर को साफ करने वाले क्लीनिंग प्रोडक्ट में कई प्रकार के केमिकल्स होते हैं। यह केमिकल्स नवजात शिशुओं और बच्चों की त्वचा और श्वसन प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए घर की सफाई करने के लिए नेचुरल क्लीनिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। शिशु रोग विशेषज्ञ के अनुसार, पोंछा लगाते समय केमिकल वाले क्लीनिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने की बजाय कपूर या साबुन का इस्तेमा करें।

4. पौधों लगाएं

घर के अंदर मनी प्लांट, स्नेक प्लांट और एरेका पाम जैसे पौधे लगाने से वायु की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। यह पौधे हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों को हटाते हैं, जिससे हवा साफ होती है।

इसे भी पढ़ेंः बच्चे की दूध की बोतल साफ करते समय जरूर रखें इन 5 बातों का ध्यान, वरना बीमार पड़ सकता है बच्चा 

इसे भी पढ़ेंः शिशु को स्तनपान कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट? डॉक्टर से जानें

5. वेंटिलेशन पर भी दें ध्यान

घर के अंदर ताजी हवा का भी आना जरूरी है। इन दिनों जब दिल्ली में सुबह और शाम दोनों ही समय वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा है, तब घर की खिड़कियों को दोपहर के समय खोलकर करें, ताकि हानिकारक कण बाहर निकल सकें और ताजी हवा अंदर आ सके।

इसे भी पढ़ेंः बच्चे की दूध की बोतल साफ करते समय जरूर रखें इन 5 बातों का ध्यान, वरना बीमार पड़ सकता है बच्चा 

निष्कर्ष

नवजात शिशुओं और बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना हर माता-पिता अहम जिम्मेदारी होती है। लेकिन जब बात वायु प्रदूषण से बच्चों को बचाने की आती है, तो यह एक मुश्किल काम हो सकता है। वायु प्रदूषण के प्रभाव से बच्चों को बचाने के लिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा समय तक घर के अंदर ही रखें।

Read Next

जन्म के कुछ दिन बाद क्यों बदलने लगता है बच्चे का रंग? डॉक्टर से जानें इसके बारे में

Disclaimer