हाय मेरा बेटा कितना स्मार्ट है। पैदा होने के कुछ दिन बाद ही अपने पापा से वीडियो कॉल पर बात करने लगा। ये लाइन हर उस मां के लिए है, जो बच्चे के जन्म के बाद इतनी खुश हो जाती है कि तुरंत अपने घरवाले, मायके वाले और दोस्तों को वीडियो कॉल के माध्यम से बच्चा दिखाने लगती हैं। हम माएं बेशक अपनी खुशी में लोगों को शामिल करने के लिए वीडियो कॉल का सहारा लेती हों, लेकिन 30 सेकेंड का वीडियो कॉल आपके शिशु के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। नवजात शिशु का मोबाइल से संपर्क बनाना उसके दिमाग और शारीरिक विकास को प्रभावित करता है। अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो आज इस लेख के जरिए हम आपको इसके नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं। बीकानेर की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. शेफाली दधीच ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करके इस बात की जानकारी दी है कि आखिरकार नवजात शिशु के पास मोबाइल फोन इस्तेमाल करने से क्या नुकसान हो सकते हैं।
शिशु के वीडियो कॉल पर बात करने के नुकसान- Disadvantages of talking on video call with baby
डॉ. शेफाली का कहना है कि अक्सर लोग खुशी में इतना मशगूल होते हैं कि बच्चे के जन्म के दूसरे या तीसरे दिन से ही उन्हें वीडियो कॉल पर बात करवाने लगते हैं। दादी-नानी वीडियो कॉल के जरिए ही बच्चों को प्यार करने लगती है। इस तरह चीजें सुनने में तो सुंदर लगती हैं, लेकिन असल मायनों में बच्चों की सेह के लिए बहुत हानिकारक होती है। डॉ. शेफाली ने कहा, मोबाइल से रेडिएशन निकलता है, जो शिशु के मानसिक विकास में बाधा बन सकता है।
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डॉक्टर शेफाली का कहना है कि नवजात शिशु के लिए मोबाइल की रेडिएशन का एक्सपोजर ठीक नहीं होता है। इससे उसके विकास में बाधा आ सकती है। बच्चे के मस्तिष्क के विकास पर भी इसका असर पड़ सकता है। यही वजह है कि डॉक्टर बच्चों के आसपास मोबाइल फोन इस्तेमाल पर रोक लगाते हैं। डॉक्टर ने आगे कहा कि मोबाइल पर बात करने के दौरान मां का पूरा ध्यान सिर्फ बातों और स्क्रीन पर होता है, जिसकी वजह वह बच्चे पर पूरी तरह से फोकस नहीं कर पाती है। इतना ही नहीं वीडियो कॉल के दौरान ज्यादातर मां को इस बात का ध्यान भी नहीं रहता है कि बच्चा कैसा है? उसका सिर लटक रहा है या वह भूख के कारण वो रो रहा है। इस लापरवाही के कारण बच्चा दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है, जिसका खामियाजा उसे भविष्य में भुगतना पड़ सकता है।
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बच्चे के सिर के पास भी मोबाइल रखना है खतरनाक
डॉक्टर का कहना है कि जो महिलाएं रात या दिन के समय अपने तकिये या बच्चे के सिर के पास मोबाइल रखती हैं, उन्हें भी सावधान रहने की जरूरत है। डॉ. शेफाली ने बताया कि बच्चे के सिर के पास मोबाइल फोन रखने से रेडिएशन शिशु के दिमाग में मौजूद न्यूरॉन्स को प्रभावित करता है। इसकी वजह से बच्चे की आई-टू-आई कॉन्टैक्ट में परेशानी आ सकती है। डॉक्टर का कहना है कि जन्म के 2 से 3 साल का समय हर शिशु के लिए बहुत नाजुक होता है। इस दौरान उनसे मोबाइल, टीवी और लैपटॉप स्क्रीन से दूर रखना चाहिए।
All Image Credit: Freepik.com
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