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अंधविश्वास या साइंस: क्या नवजात शिशु को शहद चटाना चाहिए? जानें डॉक्टर की सलाह

भारत में नवजात शिशुओं की देखभाल से जुड़ी कई परंपराएं और मान्यताएं प्रचलित हैं। इनमें से एक आम परंपरा है नवजात शिशु को शहद चटाना।
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अंधविश्वास या साइंस: क्या नवजात शिशु को शहद चटाना चाहिए? जानें डॉक्टर की सलाह

घर में जब शिशु का जन्म होता है तो परिवार के बड़े-बुजुर्ग अपने घरों में प्रचलित मान्यताओं और परंपराओं के बारे में बताते हैं और आगे की जेनेरेशन को इन्हें फॉलो करने की सलाह देते हैं। भारत में नवजात शिशुओं की देखभाल से जुड़ी कई परंपराएं और मान्यताएं प्रचलित हैं, इनमें से एक परंपरा है नवजात शिशु को शहद चटाना। भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी शहद का विशेष महत्व है, शहद का इस्तेमाल पूजा में भी होता है। यही वजह है कि इसे शिशु के जन्म के तुरंत बाद चटाने की परंपरा कई परिवारों में निभाई जाती है। हालांकि, यह परंपरा अंधविश्वास है क्योंकि इसके पीछे वैज्ञानिक आधार नहीं है। डॉक्टर के अनुसार, शहद नवजात शिशुओं के लिए पूरी तरह से असुरक्षित है।

हमारे समाज में फैले इस तरह के अंधविश्वास और मिथकों के पीछे छिपे साइंस के बारे में सही जानकारी देने के लिए ओन्लीमायहेल्थ "अंधविश्वास या साइंस" सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के तहत हम अंधविश्वास और मिथकों की सच्चाई बताने की कोशिश करेंगे। आज इस सीरीज में लखनऊ के मा-सी केयर क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और स्तनपान सलाहकार डॉ. तनिमा सिंघल (Dr. Tanima Singhal, Pregnancy educator and Lactation Consultant at Maa-Si Care Clinic, Lucknow) से जानिए, नवजात शिशु को शहद खिलाने से क्या होता है?

भारत में नवजात शिशु को सबसे पहले शहद क्यों दिया जाता है?

भारत में कई लोग मानते हैं कि शहद नवजात शिशुओं के लिए गुणकारी है। शहद को अक्सर धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठानों में इस्तेमाल किया जाता है। यह भी माना जाता है कि शहद पाचन को बेहतर बनाता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढ़ाता है और बच्चे की जीभ साफ करता है। इसके अलावा बच्चे के जीवन में खुशहाली और मिठास बनी रहे, इसके लिए भी शहद चटाया जाता है।

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नवजात शिशु के लिए शहद सुरक्षित है या नहीं? - Is honey good for a new born baby or not

भारतीय परिवारों में नवजात शिशुओं को शहद चटाने की परंपरा बहुत पुरानी है। यह परंपरा कई पीढ़ियों से चली आ रही है और इसे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। हालांकि, विज्ञान इस विषय पर क्या कहता है? क्या वाकई शहद नवजात के लिए सुरक्षित है, या यह केवल एक अंधविश्वास है? इस लेख में हम शहद और नवजात शिशु के संबंध में वैज्ञानिक तथ्यों को विस्तार से समझेंगे।

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डॉ. तनिमा सिंघल का कहना है कि नवजात के लिए 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध ही सुरक्षित होता है। नवजात शिशुओं के लिए शहद पूरी तरह से असुरक्षित है। अमेरिकी स्वास्थ्य संगठन (CDC) और भारतीय बाल रोग अकादमी (IAP) के अनुसार, एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं देना चाहिए। इसके पीछे मुख्य कारण बोटुलिज्म है। कई लोग बिना वैज्ञानिक प्रमाण के शहद को नवजात के लिए फायदेमंद मानते हैं। यह एक पारंपरिक प्रथा है जो वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित नहीं है। नवजात को बेहतर रखने के लिए डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए।

  • शहद में पाए जाने वाले बैक्टीरिया नवजात के पाचन तंत्र में विकसित हो सकते हैं। यह स्थिति बच्चे के लिए घातक हो सकती है।
  • नवजात शिशु का पाचन तंत्र इतना विकसित नहीं होता कि वह इन बैक्टीरिया को नष्ट कर सके।
  • बोटुलिज्म के लक्षणों में मांसपेशियों की कमजोरी, दूध पीने में दिक्कत और सांस लेने में परेशानी हो सकती है।

माता-पिता के लिए सलाह

डॉक्टर तनिमा बताती हैं कि WHO के अनुसार, शिशु के जन्म के बाद पहले छह महीने तक केवल स्तनपान करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान शिशु को किसी भी तरह का पानी, दूध या ठोस भोजन देने की जरूरत नहीं होती है। मां का दूध शिशु के विकास के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व, एंटीबॉडी और ऊर्जा प्रदान करता है। यह शिशु की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है और उसे विभिन्न संक्रमणों से बचाता है।

जब शिशु छह महीने का हो जाता है, तब उसके पोषण की जरूरतें बढ़ जाती हैं। इस समय ठोस आहार शुरू किया जा सकता है, लेकिन स्तनपान को 2 साल की उम्र तक जारी रखें। ठोस आहार और स्तनपान का संयोजन शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आदर्श है। मां का दूध इस समय भी शिशु को महत्वपूर्ण एंटीबॉडी और पोषण प्रदान करता है।

honey for newborn baby

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कितने महीने के बच्चे को शहद खिलाना चाहिए? - At what age is honey good for babies

बच्चा जब एक साल का हो जाता है, तो उसका पाचन तंत्र इतना विकसित हो चुका होता है कि वह शहद में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट कर सके। एक साल के बाद शहद का सेवन न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह पोषण और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद है। हालांकि, किसी भी नए आहार को शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

निष्कर्ष

शहद नवजात शिशुओं के लिए सुरक्षित नहीं है और इसे खिलाने से पहले माता-पिता को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। परंपरागत विश्वासों और वैज्ञानिक तथ्यों के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। इस विषय पर सही जानकारी के प्रसार से नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। अगर आपको यह लेख उपयोगी लगा हो, तो इसे दूसरे लोगों के साथ शेयर करें और उन्हें जागरूक करें।

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