शिशु को खिलखिलाता हुआ देखकर माता-पिता का दिन बन जाता है लेकिन कई बार शिशु अचानक रोना शुरू कर देते हैं और चुप कराने के बाद भी चुप नहीं होता है। ऐसे में माता-पिता परेशान होने लगते हैं कि आखिर बच्चा किस कारण रो रहा है। शिशु के रोने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जैसे भूख, थकान, असहजता या पेट में गैस और ऐंठन। खासकर जब शिशु बहुत छोटा होता है, तो वह अपनी किसी भी परेशानी को रोकर ही व्यक्त करता है। डॉक्टरों के अनुसार, शिशु का रोना सामान्य विकास प्रक्रिया का हिस्सा है। हालांकि, यदि रोना लंबे समय तक जारी रहता है या इसके साथ अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं, तो यह माता-पिता के लिए चिंता का कारण बन सकता है। इस लेख में बच्चों के डॉक्टर डॉ. सैयद मुजाहिद हुसैन से जानिए शिशु के रोने के कारण और रोते शिशु को शांत कराने के तरीके।
रोते शिशु को शांत कराने के तरीके - How to deal with a crying baby
शिशु का रोना माता-पिता के लिए चिंता का विषय हो सकता है, खासकर जब इसका कारण पेट में ऐंठन यानी 'इंफेंटाइल कोलिक' हो। इस समस्या का सामना अधिकतर नवजात शिशु करते हैं। डॉक्टर का कहना है कि यह शिशु के अविकसित पाचन तंत्र के कारण होता है। ऐसे में माता-पिता को सही उपाय अपनाने की जरूरत होती है
1. दूध पीने के बाद डकार दिलाएं
शिशु को दूध पिलाने के बाद डकार दिलाना बेहद जरूरी है। इससे पेट में फंसी हवा बाहर निकल जाती है, जिससे गैस और पेट दर्द की समस्या कम होती है। डकार दिलाने के लिए शिशु को अपने कंधे पर हल्के से टिकाएं और उसकी पीठ को धीरे-धीरे थपथपाएं। यह प्रक्रिया शिशु के पाचन को भी बेहतर बनाती है।
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2. टमी टाइम
टमी टाइम यानी शिशु को पेट के बल लेटाने से गैस की समस्या कम होती है। यह प्रक्रिया शिशु के पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में भी मदद करती है। हालांकि, टमी टाइम हमेशा किसी बड़े की देखरेख में ही करवाना चाहिए। इसे 2-3 मिनट से शुरू करके धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
3. पेट की हल्की मालिश
शिशु के पेट की हल्की मालिश करने से गैस बाहर निकलने में मदद मिलती है। मालिश के लिए आप सरसों का तेल या बेबी ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। मालिश के दौरान शिशु के पेट पर गोलाई में हल्के हाथों से घुमाएं। यह प्रक्रिया शिशु को आराम दिलाने के साथ-साथ उसके पाचन को भी बेहतर करती है।
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4. शिशु को शांत करने के तरीके
रोते हुए शिशु को शांत करना हर माता-पिता के लिए एक चुनौती हो सकता है। इसके लिए आप शिशु को गोद में लेकर हल्के से झुला सकते हैं। शिशु को लोरी गाकर सुनाने या स्वैडलिंग (कपड़े में लपेटने) से भी आराम मिल सकता है।
5. सही फीडिंग
दूध पिलाने के दौरान शिशु का सिर थोड़ा ऊंचा रखें। इससे दूध आसानी से पेट में जाएगा और हवा अंदर नहीं जाएगी। इसके अलावा, अगर आप बोतल से दूध पिला रहे हैं, तो यह देखें कि बोतल का निपल सही आकार का हो ताकि शिशु कम हवा निगले।
डॉक्टर की सलाह
अगर शिशु लगातार रो रहा है और इन उपायों से कोई राहत नहीं मिल रही है, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। डॉक्टर एंटी-स्पास्मोडिक ड्रॉप्स या अन्य दवाएं लिख सकते हैं, जो शिशु के पेट दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं।
निष्कर्ष
शिशु के रोने का सबसे आम कारण पेट में ऐंठन या गैस की समस्या हो सकती है। शिशु की हर जरूरत को समझना और उसकी देखभाल करना हर माता-पिता की जिम्मेदारी होती है। अगर समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
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