Doctor Verified

जन्म के शुरुआती दिनों में बच्चों को हो सकती हैं ये 5 समस्याएं, डॉक्टर से जानें बचाव के उपाय

Health Complications During Early Neonatal Period In Hindi: नवजात शिशुओं को जन्म को बाद कई तरह के संक्रमण का जोखिम अधिक होता है। इस लेख में जानते हैं कि जन्म के शुरुआती माह में शिशु को किन बीमारियों का जोखिम अधिक होता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
जन्म के शुरुआती दिनों में बच्चों को हो सकती हैं ये 5 समस्याएं, डॉक्टर से जानें बचाव के उपाय


Health Complications During Early Neonatal Period In Hindi: प्रेगनेंसी में शिशु नौ माह तक मां के गर्भ में रहता है। इसके बाद जब उसका जन्म होता है, तो वह बाहरी माहौल के लिए तैयार होता है। इस दौरान उसके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। जन्म के करीब एक माह तक बच्चे का समय बेहद संवेदनशील होता है। इस दौरान शिशु का स्वास्थ्य बाहरी माहौल के साथ तालमेल बैठाने का प्रयास करता है। इस समय शिशु को संक्रमण होने का जोखिम अधिक होता है। डॉक्टर्स के अनुसार इस समय को न्योनेटल पीरियड के रूप में जाना जाता है। यदि, इस समय बच्चे को कोई समस्या होती है तो ऐसे में यह उसके बाद के जीवन को प्रभावित हो सकती है। इस लेख में इंस्टाग्राम में बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी प्रदान करने वाले पीडियेट्रिशियन डॉक्टर देवेंद्र डांगर से जानते हैं कि नवजात शिशु को शुरुआती दौर में क्या समस्याएं हो सकती हैं।

नवजात शिशु को जन्म के बाद क्या जोखिम हो सकते हैं? - Health Complications During Early Neonatal Period In Hindi

डॉक्टर के मुताबिक जन्म के बाद शिशु के पहले सात दिन बेहद महत्पूर्ण होते हैं। ज्यादातर समस्याएं इन सात दिनों में ही होने का जोखिम रहता है। इस समय को एर्ली न्यूनेटल पीरियड कहते हैं। इस दौरान, हार्ट, लंग्स, ब्रेन और इम्यून सिस्टम बाहरी वातावरण के साथ एडजस्ट होते हैं।

संक्रमण होना - Infection

इस दौरान शिशु को संक्रमण होने का जोखिम अधिक होता है। यह संक्रमण शिशु के हार्ट, ब्रेन और किडनी को प्रभावित कर सकते हैं।

complications-during-neonatal-periods-m

हायपोथर्मिया - Hypothermia

इस समस्या की वजह से शिशु की ब्रीदिंग स्लो हो सकती है। जबकि, कुछ शिशुओं को जान का भी जोखिम बढ़ जाता है।

पीलिया - Jaundice

इस समय शिशुओं को पीलिया होने का जोखिम भी अधिक रहता है। पीलिया के कई गंभीर मामलों में शिशु का ब्लड बदलने या फोटोथेरेपी की आवश्यकता पड़ सकती है।

श्वसन संबंधी समस्याएं - Respiratory Problems

जन्म के समय श्वसन तंत्र (Respiratory Tract) का विकास पूरी तरह से नही हो पाता है। इस दौरान शिशु को मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम (शिशु द्वारा गर्भ में मल का श्वसन नली में प्रवेश) हो सकता है।

हाइपोग्लाइसीमिया (शरीर में ग्लूकोज की कमी) - Hypoglycemia

इस समय यदि शिशु पर्याप्त दूध नही पीता है तो उसको हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी में डायबिटीज की समस्या होती है उनके शिशु को यह समस्या होने का जोखिम अधिक होता है।

शिशु को जोखिम से बचाने के लिए क्या करें? - Prevention Tips Of Complications During Neonatal Period In Hindi

  • शिशु को नियमित रूप से ब्रेस्टफीड कराना चाहिए।
  • इससे हाइपोग्लाइसीमिया और इंफेक्शन का जोखिम होता है।
  • शिशु की स्किन के साथ संपर्क न करें। इससे हाइपोथर्मिया का जोखिम कम होता है।
  • शिशु की साफ सफाई पर ध्यान दें।
  • समय पर वैक्सीन लगाएं।
  • समय-समय पर पीडियेड्रिशियन से संपर्क करें।

इसे भी पढ़ें : शिशुओं और बच्चों में दिखाई दें ये 5 लक्षण, तो समझ जाएं कमजोर हो रही हैं उनकी आंखें, संकेत को न करें नजरअंदाज

 
 
 
View this post on Instagram

A post shared by Docura Baby Care (@docurababycare)

Complications During Neonatal Periods: न्यूनेटल पीरियड में शिशु को स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम आम होता है। लेकिन समय पर देखभाल और सावधानियों से इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। अभिभावकों को शिशु के स्वास्थ्य में दिखने वाले बदलावों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

Read Next

नवजात शिशु ज्यादा क्यों रोते हैं? डॉक्टर से जानें इसके पीछे का कारण

Disclaimer