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नवजात शिशुओं को सांस लेने में समस्या का कारण बन सकती है पल्मोनरी एडिमा, जानें इससे जुड़े लक्षण

नवजात शिशुओं को इंफेक्शन होने का जोखिम अधिक होता है। ऐसे में उनको फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इस लेख में जानते हैं कि शिशु के फेफड़ों में तरल जमा होने के क्या कारण होते हैं और इसके क्या लक्षण दिखाई देते हैं?
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नवजात शिशुओं को सांस लेने में समस्या का कारण बन सकती है पल्मोनरी एडिमा, जानें इससे जुड़े लक्षण


नवजात शिशुओं की इम्यूनिटी पावर काफी कमजोर होती है, ऐसे में उनको संक्रमण होने का जोखिम अधिक होता है। सामान्य रूप से शिशु में लंग्स से जुड़ी समस्या के लक्षण देखने को मिलते हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शिशुओं को फेफड़ों में तरल जमा होने पर कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। फेफड़ों में तरल जमा होने की समस्या को पल्मोनरी एडिमा (Pulmonary Edema) कहा जाता है। यह एक गंभीर श्वसन समस्या है, जिसमें शिशुओं की ऑक्सीजन लेने की क्षमता को प्रभावित करती है। ऐसे में बच्चों को सांस लेने में परेशानी होती है। इस लेख में मदर एंड एंजेल क्लीनिक के पीडियाट्रिक्स डॉक्टर अजित कुमार से जानते हैं कि बच्चों में पल्मोनरी एडिमा के क्या कारण होते हैं?

पल्मोनरी एडिमा क्या है?

पल्मोनरी एडिमा एक ऐसी स्थिति है, जिसमें फेफड़ों की वायु कोशिकाओं (Alveoli) में एक्सट्रा फ्लूइड यानी तरल पदार्थ जमा हो जाते हैं। यह तरल पदार्थ ऑक्सीजन के प्रवाह में बाधा डालते हैं, जिससे शिशु को सांस लेने में कठिनाई होती है। नवजात शिशुओं में यह समस्या जन्म के तुरंत बाद या कुछ दिनों के भीतर देखी जा सकती है।

नवजात शिशुओं में पल्मोनरी एडिमा के कारण - Causes Of Pulmonary Edema In Babies In Hindi

जन्म के दौरान ऑक्सीजन की कमी (Birth Asphyxia)

यदि शिशु को जन्म के दौरान पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो उसके फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है। इससे फेफड़ों में तरल पदार्थ भरने की संभावना बढ़ जाती है।

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हृदय संबंधी विकार (Congenital Heart Defects)

कुछ नवजात शिशु जन्म से ही हृदय से जुड़ी समस्या के साथ पैदा होते हैं, जिससे फेफड़ों में ब्लड सर्कुलेशन असामान्य हो सकता है। हृदय की कार्यप्रणाली में बदलाव से शिशु के लंग्स में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा हो सकते हैं, जिससे पल्मोनरी एडिमा हो जाता है।

संक्रमण (Infections)

नवजात शिशुओं में किसी भी प्रकार का गंभीर संक्रमण, जैसे न्यूमोनिया या सेप्सिस, फेफड़ों में सूजन, पल्मोनरी एडिमा का कारण बन सकता है। यह स्थिति शिशु के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करती है।

जन्म के समय फेफड़ों का विकास न हो पाना (Premature Birth)

ज्यादातर मामलों में समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं के अंदुरुनी अंग जैसे फेफड़े आदि सही तरह से विकसित नहीं होते हैं। इससे उनके लंग्स यानी फेफड़ों में तरल का जमाव हो सकता है। इससे पल्मोनरी एडिमा की स्थिति बन सकती है।

फेफड़ों में ब्लड प्रेशर का बढ़ना (Pulmonary Hypertension)

यदि शिशु के फेफड़ों में ब्लड प्रेशर का अधिक होता है, तो इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और फेफड़ों में तरल पदार्थ भर सकता है।

नवजात शिशुओं में पल्मोनरी एडिमा के लक्षण - Symptoms Of Plumonary Edema in Newborns in Hindi

  • शिशु को तेजी से और कठिनाई से सांस लेते देखा जा सकता है। उसकी पसलियों के आसपास की त्वचा अंदर धंसती हुई दिखाई दे सकती है।
  • ऑक्सीजन की कमी के कारण शिशु की त्वचा, होंठ और नाखून नीले रंग के दिखाई दे सकते हैं।
  • इसमें शिशु का हृदय सामान्य से अधिक तेजी से धड़क सकता है, जिससे उसकी स्थिति बिगड़ सकती है।
  • यदि शिशु की छाती से घरघराने की आवाज आती है, तो यह पल्मोनरी एडिमा का संकेत हो सकता है।
  • पल्मोनरी एडिमा से प्रभावित शिशु अत्यधिक सुस्त हो सकता है, अधिक समय तक सो सकता है, और मां का दूध पीने में रुचि नहीं दिखा सकता।

इसे भी पढ़ें: नवजात शिशु के सांस नली में सूजन के क्या कारण हो सकते हैं? डॉक्टर से जानें

नवजात शिशुओं में पल्मोनरी एडिमा एक गंभीर स्थिति हो सकती है, जिसके कई संभावित कारण होते हैं। इसके लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज शुरू करना बेहद आवश्यक होता है। यदि, बच्चे को सांस लेते समय परेशानी तो ऐसे में अभिभावकों को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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