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क्या सच में प्रेग्नेंसी के दौरान बैंगन खाने से बच्चा काला पैदा होता है? जानें इस अंधविश्वास के पीछे का साइंस

ऐसा माना जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान बैंगन खाने से शिशु का रंग काला होता है, लेकिन यह एक अंधविश्वास है। आइए जानते हैं इसके पीछे का साइंस-  
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क्या सच में प्रेग्नेंसी के दौरान बैंगन खाने से बच्चा काला पैदा होता है? जानें इस अंधविश्वास के पीछे का साइंस


प्रेग्नेंसी का समय किसी भी महिला की लाइफ को बदलने वाला लम्हा होता है। जिस पल से किसी भी महिला को उसके गर्भवती होने का पता चलता है, वे अपने लाइफ में हेल्दी बदलाव करना शुरू कर देती है। प्रेग्नेंसी की खबर मिलते ही महिलाएं अपनी डाइट, लाइफस्टाइल और यहां तक कि शारीरिक गतिविधियों में भी बदलाव करना शुरू कर देती है। इस समय वे अपनी डाइट में ऐसी-ऐसी चीजों को भी शामिल करती हैं, जो खाना उन्हें नपसंद हो। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ खाद्य पदार्थ महिलाओं के सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं, जबकि कई खाद्य पदार्थ प्रेग्नेंसी के समय आपके सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं। दादी-नानी के जमाने से गर्भवती महिलाओं को कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों को खाने की बिल्कुल मनाही होती है, जो शायद आपके स्वास्थ्य के लिए बुरे हो सकते हैं। इतना ही नहीं, उन खाद्य पदार्थों को खाने से रोकने के लिए अक्सर कुछ ऐसी धारणाएं बनाई जाती थीं, जिससे आप उन फूड्स को खाने से बचें। हम सभी बचपन से सुनते आ रहे होंगे, कि नारियल या केसर जैसे खाद्य पदार्थ प्रेग्नेंसी में खाने से गोरा बच्चा पैदा होता है। वहीं कुछ फूड्स ऐसे भी हैं, जिन्हें लेकर ऐसा कहा जाता है कि उन खाद्य पदार्थों को खाने से बच्चे का रंग काला हो सकता है।

आज के समय में ऐसे ही कई अंधविश्वास हैं, जिन पर लोग आसानी से विश्वास कर लेते हैं। लेकिन ऐसे मिथकों और अंधविश्वासों के पीछे साइंस के बारे में लोगों को बताने के लिए ओन्लीमायहेल्थ "अंधविश्वास या साइंस" सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के तहत हम आपको ऐसे ही अंधविश्वासों का खंडण करते हुए, इनकी सच्चाई बताने की कोशिश कर रहे हैं। आज की इस सीरीज में हम दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन से जानने कि कोशिश करेंगे कि क्या वास्तव में बैंगन खाने से बच्चे के रंग पर कोई असर पड़ता है या ये सिर्फ एक अंधविश्वास है?

प्रेग्नेंसी के दौरान बैंगन खाने से जुड़ी अंधविश्वास

कई लोगों का ऐसा मानना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान बैंगन खाने से बच्चे का रंग काला हो सकता है। इसी कारण कई लोग अपनी बहू और बेटियों को गर्भावस्था के दौरान बैंगन खाने से मना करती हैं। इतना ही नहीं आज के समय में कई महिलाएं भी इस तरह के अंधविश्वास पर भरोसा करती हैं, जिस कारण वे बैंगन खाने से बचती हैं। ऐसे में यह धारणा कि गर्भावस्था के दौरान बैंगन खाने से बच्चे का रंग काला पड़ सकता है, वैज्ञानिक तथ्य के बजाय सांस्कृतिक अंधविश्वासों पर आधारित एक मिथक है।

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क्या सच में प्रेग्नेंसी में बैंगन खाने से बच्चा काला पैदा होता है?

गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन के अनुसार, "प्रेग्नेंसी में बैंगन खाने से गर्भ में पल रहे भ्रूण के रंग पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता है। यह बात कि बैंगन खाने से बच्चे का रंग काला होता है, पूरी तरह अंधविश्वास पर आधारित है और महिलाओं को इस तरह के मिथकों पर विश्वास करने से बचना चाहिए। इतना ही नहीं प्रेग्नेंसी के समय महिलाओं को संतुलित आहार लेना चाहिए, जिसमें विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भरपूर हो। प्रेग्नेंसी के दौरान बैंगन खाने से भ्रूण पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता है और इस अवस्था में बैंगन का सेवन कर सकती हैं।"

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प्रेग्नेंसी में बैंगन खाने के फायदे

  • बैंगन विटामिन ए, बी, ई और फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो मां और भ्रूण दोनों के सेहत के लिए जरूरी है।
  • बैंगन में मौजूद कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम और पौटैशियम जैसे मिनरल्स शरीर के इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं।
  • बैंगन विटामिन सी का एक बेहतर स्रोत है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत रखता है।
  • इसके थाइमिन और बायोफ्लोवोनॉइड्स गुण ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
  • फाइबर से भरपूर बैंगन पाचन को बेहतर रखने और कब्ज की समस्या दूर करने में मदद करते हैं।
  • बैंगन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है।

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निष्कर्ष

शिशु का रंग आमतौर पर इस बात पर निर्भर करता है कि उसके माता-पिता का रंग कैसा है? बच्चे के अंदर उसके माता-पिता और परिवार का खून होता है, जिससे रंग भी उनके ऊपर ही जाने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में इन बातों पर विश्वास करना कि बैंगन खाने से बच्चे का रंग काला होता है या केसर खाने से बच्चा गोरा पैदा होता है, पूरी तरह अंधविश्वास है और साइंस भी इन बातों को पूरी तरह नकारता है। इसलिए अपनी डाइट में किसी भी तरह के खाद्य पदार्थों को शामिल करने या हटाने से पहले अपने डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।
Image Credit: Freepik

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