Shaken Baby Syndrome in Hindi: नवजात शिशुओं का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। नवजात शिशु काफी नाजुक होते हैं, इसलिए जन्म के समय से ही उनकी देखभाल पर जोर देना चाहिए। कई बार कुछ लोग नवजात शिशु को हाथों में लेकर उन्हें जोर से हिलाते हैं। तो वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो शिशु को उल्टे सीधे तरीके से पकड़ते हैं। ऐसा करने से उनके ब्रेन पर बुरा असर पड़ सकता है। कहीं आप भी शिशु को जोर से तो नहीं हिलाते हैं? अगर हां, तो इस लेख को जरूर पढ़ें। इस लेख के माध्यम से हम आपको इससे होने वाले प्रभाव के बारे में बताएंगे। आइये शारदा केयर - हेल्थसिटी और शारदा अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार न्यूरोलॉजी विभाग, डॉ. एस.एच. मित्तल से जानते हैं इसके बारे में।
नवजात शिशु को जोर से हिलाने से क्या होता है?
डॉ. शोभा के मुताबिक अगर आप नवजात शिशु को हाथों में पकड़ रहे हैं तो उन्हें जोर से नहीं हिलाना चाहिए। उन्हें जोर से हिलाने से शिशु के ब्रेन पर प्रभाव पड़ सकता है। चूंकि, नवजात शिशु का ब्रेन बेहद नाजुक होता है। इसलिए उन्हें जोर से हिलाने पर कई बार उनका ब्रेन हिलने लगता है और उसमें सूजन या ब्लीडिंग हो सकती है। इस आदत को फॉलो करने से कई बार शिशु का ब्रेन डैमेज भी हो सकता है। और तो और कुछ मामलों में ऐसा करने से शिशु की जान तक जा सकती है। शिशु को जोर से हिलाने को शेकन बेबी सिंड्रोम कहा जाता है।
View this post on Instagram
क्या होता है शेकन बेबी सिंड्रोम?
शेकन बेबी सिंड्रोम आमतौर पर शिशु के ब्रेन में होने वाली इंजरी को कहा जाता है। यह स्थिति तब होती है, जब शिशु को गोद में लेकर जोर से हिलाया जाता है। इस स्थिति में शिशु के ब्रेन सेल्स नष्ट होने लगते हैं और कई बार ब्रेन तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है, जिससे ब्रेन जैमेज हो सकता है।
इसे भी पढ़ें - नवजात शिशु को गोद में उठाने का सही तरीका क्या है? जानें किन बातों का रखा जाना चाहिए ख्याल
नवजात शिशु को कैसे पकड़ना चाहिए?
- अगर आप नवजात शिशु को हाथ में ले रहे हैं तो सबसे पहले उनके सिर पर हाथ लगाकर उठाएं।
- शिशु को अचानक से न उठाएं। इससे वह डर सकता है।
- शिशु को उठाते समय उनके कंधों को पकड़कर उठाएं।
- शिशु को उठाते समय अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल करें और गोद में लेने के बाद एक हाथ उनके सिर पर लगाकर रखें।