Doctor Verified

खराब AQI में जहरीली हवा कर सकती है बीमार, बाहर जाते समय सांस के मरीज बरतें ये सावधानियां

खराब एक्‍यूआई में जहरीली हवा सांस के मरीजों के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। अस्थमा या फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रहे लोग बाहर निकलते समय सावधानी बरतें। एन95 मास्क पहनें, हाइड्रेट रहें, पौष्टिक आहार लें और धूम्रपान से बचें ताकि प्रदूषण के हानिकारक असर से खुद को सुरक्षित रखा जा सके।
  • SHARE
  • FOLLOW
खराब AQI में जहरीली हवा कर सकती है बीमार, बाहर जाते समय सांस के मरीज बरतें ये सावधानियां


दिल्ली सहित कई बड़े शहरों में इन दिनों एयर क्वालिटी इंडेक्‍स (Air Quality Index) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बुधवार सुबह थोड़ा सुधार हुआ लेकिन एक्यूआई 273 यानी ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने इसकी जानकारी दी। वहीं शहर में मंगलवार को अएक्यूआई 294 दर्ज किया गया था। यह सोमवार को दर्ज 301 एक्यूआई से थोड़ा कम है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। आंकड़ों से पता चला है कि सभी सुधार के बावजूद दिल्ली के 38 निगरानी स्टेशनों में से 11 में एक्यूआई 300 से ऊपर के स्तर पर दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। 

हवा में घुला धुआं, धूल और हानिकारक गैसें सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए गंभीर खतरा बन चुकी हैं। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सीओपीडी (COPD) वाले मरीजों को ऐसे समय में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि जहरीली हवा फेफड़ों की कार्यक्षमता घटा सकती है और सांस लेने में तकलीफ बढ़ा सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि खराब एक्‍यूआई में थोड़ी सी लापरवाही भी आपको बीमार बना सकती है। ऐसे में जरूरी है कि सांस के मरीज घर से बाहर निकलते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखें, ताकि प्रदूषित हवा के हानिकारक असर से खुद को सुरक्षित रखा जा सके। इस लेख में जानेंगे खराब एक्‍यूआई में सांस के मरीजों को बाहर न‍िकलने से पहले क‍िन सावधान‍ियों का ख्‍याल रखना चाह‍िए? इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने Dr. Sri Karan Uddesh Tanugula, Consultant General Physician At Yashoda Hospitals, Hyderabad से बात की।

 

 

 

View this post on Instagram

A post shared by Onlymyhealth (@onlymyhealth)

1. मास्क जरूर पहनें- Wear Mask Outdoors

  • खराब एक्‍यूआई में बाहर जाते समय एन95 या एन99 मास्क पहनना जरूरी है।
  • Dr. Sri Karan ने बताया क‍ि ये मास्क हवा में मौजूद सूक्ष्म धूलकणों और प्रदूषकों को फेफड़ों में जाने से रोकते हैं।
  • सामान्य कपड़े या सर्जिकल मास्क प्रदूषण से सुरक्षा नहीं देते।
  • नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (National Centre for Disease Control) द्वारा प्रकाशित र‍िपोर्ट के मुताब‍िक, खराब वायु गुणवत्ता (AQI) से श्वसन और हृदय-रोग जैसे स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाते हैं, विशेष रूप से बच्चों, बुज़ुर्गों और पहले से बीमारी से ग्रस्त लोगों में।

इसे भी पढ़ें- Delhi Pollution: प्रदूषण के बीच गले की खराश और खांसी से परेशान हैं? डॉक्टर से जानें क्यों है खतरे की घंटी

2. सुबह या देर शाम बाहर न निकलें- Avoid Outdoor Activities In Early Morning Or Evening

  • सुबह और शाम के समय प्रदूषण का लेवल सबसे ज्‍यादा होता है।
  • सांस के मरीज इस समय बाहर जाने से बचें।
  • अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो दोपहर के समय निकलें जब हवा का प्रवाह थोड़ा बेहतर होता है।

 

 

 

View this post on Instagram

A post shared by Onlymyhealth (@onlymyhealth)

3. घर के अंदर हवा को साफ रखें- Keep Indoor Air Clean

  • प्रदूषण केवल बाहर ही नहीं, घर के अंदर भी घुस सकता है।
  • Dr. Sri Karan ने बताया क‍ि एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, खिड़कियों को बंद रखें और इनडोर पौधे जैसे स्नेक प्लांट या एरेका पाम लगाएं जो हवा को साफ करते हैं।

4. इम्यूनिटी बढ़ाने वाला आहार लें- Eat Immunity Boosting Foods

  • प्रदूषण से लड़ने के लिए शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होनी चाहिए।
  • डाइट में विटामिन-सी, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर फल-सब्जियां शामिल करें जैसे संतरा, अमरूद, पालक और ब्रोकली।

5. धूम्रपान और एल्‍कोहल से दूरी बनाएं- Avoid Smoking And Alcohol

precautions-for-people-woth-breathing-problem-in-bad-AQI

  • धूम्रपान फेफड़ों की क्षमता को और घटा देता है।
  • एल्‍कोहल भी शरीर की डिटॉक्स प्रक्रिया को प्रभावित करती है।
  • सांस के मरीजों को इन दोनों चीजों से पूरी तरह परहेज करना चाहिए ताकि फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।

6. हाइड्रेट रहें और भाप लें- Stay Hydrated And Inhale Steam

  • दिनभर पर्याप्त पानी पिएं, ताकि शरीर से टॉक्सिन्स निकल सकें।
  • दिन में एक बार सादा पानी की भाप लेने से भी श्वसन मार्ग साफ रहता है और सांस लेने में राहत मिलती है।

7. स्‍ट्रेस और थकान से बचें- Reduce Stress And Fatigue

  • स्‍ट्रेस और नींद की कमी इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं।
  • नियमित रूप से योग और गहरी सांस लेने वाले प्राणायाम करें।
  • इससे फेफड़ों की ऑक्सीजन क्षमता बढ़ती है और सांस से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा म‍िलता है।

निष्कर्ष:

खराब एक्‍यूआई के दौरान सांस के मरीजों को खुद को प्रदूषण से बचाने के लिए मास्क पहनना, पौष्टिक आहार लेना, घर की हवा को साफ रखना और स्‍ट्रेस कम करना जरूरी है। सही सावधानियां अपनाकर न केवल प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है, बल्कि फेफड़ों की सेहत को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

उम्‍मीद करते हैं क‍ि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।

FAQ

  • एक्यूआई का क्या मतलब है?

    एक्यूआई, हवा की गुणवत्ता को मापने का स्‍केल है। इससे पता चलता है कि हवा में प्रदूषण का स्तर कितना है और यह हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर डाल सकता है? एक्यूआई जितना ज्यादा होगा, हवा उतनी जहरीली मानी जाती है।
  • सामान्‍य एक्यूआई कितना होता है?

    सामान्य या अच्छी हवा का एक्यूआई 0 से 50 के बीच होता है। यह स्तर सांस लेने के लिए सुरक्षित माना जाता है। 51 से 100 तक हल्का प्रदूषण, 101 से 200 मध्यम और 200 से ऊपर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।
  • क्या 370 एक्यूआई खराब है?

    हां, 370 का एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में आता है। इस स्तर पर हवा में प्रदूषण ज्‍यादा होता है, जो अस्थमा या सांस की बीमारियों वाले लोगों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।

 

 

 

Read Next

शुरुआती बोन लॉस से बचने के ल‍िए जीवनशैली में करें ये 5 बदलाव, बढ़ेगी हड्डियों की ताकत

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Oct 29, 2025 15:49 IST

    Published By : Yashaswi Mathur

TAGS