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Can Bad Air Quality Affect Your Heart: दिवाली का त्योहार खत्म हो चुका है और इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। इन शहरों में एक्यूआई का स्तर 300 पार जा चुका है। ऐसे में लोगों को खराश, जुकाम, थ्रोट इंफेक्शन जैसी कई समस्याएं हो रही हैं। कई लोग प्रीकॉशन के तौर पर गुनगुना पानी पीते हैं या खड़े मसालों की मदद से काढ़ा बनाते हैं और उसका सेवन करते हैं। बहरहाल, आपने यह भी सुना होगा कि जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें खराब एक्यूआई होने पर अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खासकर, हार्ट के मरीजों की बात करें, माना जाता है कि खराब एक्यूआई के कारण उनकी सेहत बिगड़ सकती है। सवाल है, क्या वाकई यह सच है? क्या खराब एक्यूआई का हार्ट मरीजों पर बुरा असर पड़ सकता है? आइए, जानते हैं इस बारे में नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Sr. Consultant - Cardiology डॉ. अमित हांडा क्या बताते हैं।
हार्ट के मरीजों को खराब एयर क्वालिटी कैसे प्रभावित करती है?- How Does Air Quality Affect Heart Patients
United States Environmental Protection Agency (epa.gov) की मानें, तो एयर पल्यूशन यानी खराब एयर क्वालिटी के कारण हार्ट के मरीजों की कंडीशन बिगड़ सकती है। यहां तक कि कार्डियोवास्कुलर डिजीज का जोखिम भी बढ़ सकता है। ऐसा कई कारणों से हो सकता है, जैसे-
सूजन का बढ़ना
खराब एयर क्वालिटी का मतलब है कि हवा में दूषित का कण मौजूद होता है। जब सांस लेने के लिए ये दूषित कण हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं, तो इसकी वजह से शरीर में कई तरह की सूजन बढ़ जाती है। इसकी वजह से ब्लड वेसल्स डैमेज हो सकती है और आर्टरीज सख्त हो सकती हैं, जिससे ब्लउ फ्लो बाधित होने लगता है और हार्ट के लिए पंप करना भी कठिन हो जाता है।
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ब्लड प्रेशर बढ़ना
डॉ. अमित हांडा की मानें, तो एयर पल्यूटेंट की वजह से ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है। दरअसल, हवा में मौजूद दूषित कण के कारण ब्लड वेसल्स में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस बढ़ जाता है, जिससे सूजन भी आ जाती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की मानें, तो जब हम हवा में मौजूद PM2.5 जैसे पार्टिकल्स इनहेल करते हैं, तो ये हमारे ब्लडस्ट्रीम में घुल जाते हैं। इसकी वजह से नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है, ब्लड वेसल्स औस ब्लड वेसल्स की वॉल्स कमजोर हो जाती हैं। अंततः ब्लड क्लॉटिंग होने गलती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। जाहिर है, यह स्थिति हार्ट के मरीजों के लिए सही नहीं है।
हृदय की धड़कन बढ़ना
खराब एयर क्वालिटी के कारण पल्यूटेंट्स सांस लेते हुए शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं। इस स्थिति में हार्ट इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स पर असर पड़ता है। नतीजतन, हार्ट बीट प्रभावित होने लगता है और धड़कनें भी अनियमित हो जाती हैं।
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हार्ट अटैक का रिस्क
खराब एयर क्वालिटी में सांस लेने के कारण हार्ट अटैक का रिस्क भी बढ़ जाता है। यह सिर्फ हार्ट अटैक ही नहीं, बल्कि हार्ट से संबंधित कई तरह की बीमारियों का कारण बनने लगता है। दरअसल, जब आप सांस के जरिए पल्यूटेंट्स इनहेल करते हैं, तो इसकी वजह से ब्लड प्रेशर का स्तर प्रभावित होने लगता है। यह स्थिति हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ा देती है और हार्ट संबंधी अन्य बीमारियों का कारण भी बनती है।
हार्ट फंक्शन पर असर
खराब एयर क्वालिटी में सांस लेने की वजह से हार्ट प्रॉपर तरीके से फंक्शन नहीं कर पाता है। ऐसा क्यों? क्योंकि पल्यूटेंट के कारण ब्लड वेसल्स कमजोर हो जाती हैं और ब्लड वेसल्स की वॉल भी नेगेटिव असर पड़ता है, जिस वजह से हार्ट फंक्शन प्रभावित होने लगता है। कुछ लोगों में यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि हार्ट फेलियर का जोखिम भी बढ़ जाता है।
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निष्कर्ष
हार्ट के मरीजों को एयर क्वालिटी खराब होने पर जरा भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। उन्हें इन दिनों अपनी सेफ्टी और स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो इसकी वजह से एयर पल्यूटेंट्स ब्लडस्ट्रीम में घुस जाते हैं, जिससे सासं लेने में तकलीफ ह्रदय अदालता जैसी कई दिक्कतें हो सकती हैं।
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FAQ
ऐसे कौन से 4 संकेत हैं जो आपका दिल चुपचाप फेल हो रहा है?
हार्ट संबंधी बीमारी हो, तो इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। ऐसे कई संकेत हैं, जिससे पता चलता है कि हार्ट फेलियर होने का जोखिम बढ़ता जा रहा है, जैसे रात में सांस फूलने की दिक्कत, छाती में दर्द, दिल की धड़कन बढ़ना और सक्रिय होने पर थकान महसूस होना।कौन सी बीमारी हवा से फैलती है?
कई ऐसी बीमारियां हैं, जो हवा के माध्यम से फैलती हैं, जैसे टीबी, इन्फ्लूएंजा, कोविड-19, खसरा, चेचक, काली खांसी, डिप्थीरिया और सर्दी-जुकाम आदि। ये सभी रोग संक्रामक है। अगर किसी को ऐसी समस्या है, तो उन्हें प्रीकॉशन लेना चाहिए और मास्क पहनकर रखना चाहिए, ताकि दूसरों को यह बीमारी न हो।मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा दिल ठीक से काम कर रहा है?
दिल सही से काम कर रहा है, इसका पता लगाने के कई तरीके हैं, जैसे शारीरिक काम करते हुए थकान कम महसूस होती है, सीढ़ियां- चढ़ने-उतरने में सांस नहीं फूलती है, दिल की धड़कनें सामान्य तरीके से धड़क रही हैं।
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Oct 21, 2025 12:46 IST
Published By : Meera Tagore