Heart Failure Risk Factors In Hindi: एक समय तक यही माना जाता था कि अधिक उम्र में ही हार्ट फेलियर की दिक्कतें होती हैं। युवा या कम उम्र के लोगों को हार्ट फेलियर जैसी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। लेकिन, हाल के सालों में हमने देखा है कि सबसे ज्यादा युवा वर्ग में ही हार्ट फेलियर के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में यह जान लेना हर व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है कि आखिर हार्ट फेल क्यों हो रहा है? इसके क्या जोखिम कारक हो सकते हैं? इस बारे में हमने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. केदार कुलकर्णी से बात की।
हार्ट फेल होने के जोखिम कारक- Heart Failure Risk Factors In Hindi
हार्ट फेल होने के पीछे कई तरह के कारक जिम्मेदार हो सकते हैं, जैसे-
अधिक उम्र
जैसा कि यह बात हम सभी जानते हैं कि अधिक उम्र होने पर हार्ट फेल होने का जोखिम बढ़ जाता है। असल बढ़ती उम्र के साथ-साथ शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, कुछ लोगों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है, तो कोई मोटापे का शिकार हो जाता है। ये सभी ऐसे कारक हैं, जो हार्ट से संबंधित बीमारियों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। पुरुषों में 45 साल की उम्र के बाद और महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हार्ट फेलियर का जोखिम अधिक देखने को मिलता है।
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फैमिली हिस्ट्री
अगर किसी के घर में हार्ट फेलियर की फैमिली हिस्ट्री है, तो उन्हें भी हार्ट फेल होने का जोखिम सामान्य लोगों की तुलना में अधिक रहता है। यही कारण है कि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर किसी की फैमिली हिस्ट्री में हार्ट फेल मौजूद है, तो उन्हें नियमित रूप से हार्ट का चेकअप करवाते रहना चाहिए, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए और खानपान के प्रति लापरवाही नहीं करनी चाहिए। यह सही नहीं है।
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बुरी आदतें
जो व्यक्ति बहुत ज्यादा स्मोकिंग करता है, शराब का सेवन करता है, अनहेल्दी चीजें खाता है, डाइट में फैट की मात्रा अधिक रहती है, सोडियम का इनटेक ज्यादा है। ऐसे लोगों को भी हार्ट फेलियर का रिस्क बहुत ज्यादा रहता है। यही नहीं, जो लोग सारा दिन एक ही जगह पर बैठे-बैठे काम करते हैं या फिजिकल एक्टिविटी बिल्कुल नहीं है। ऐसे लोगों को भी हार्ट फेल होने का जोखिम बहुत ज्यादा होता है। आपने देखा होगा कि युवाओं की लाइफस्टाइल में ये सभी बुरी आदतें शामिल हैं। ऐसे में हार्ट से जुड़ी बीमारियों को रिस्क भी उन्हीं में अधिक बढ़ रहा है।
मेडिकल कंडीशन
हार्ट फेलियर सिर्फ बुरी आदतें, खराब खानपान और अधिक उम्र के कारण ही नहीं होती है। कुछ मेडिकल कंडीशन भी इसके लिए जिम्मेदार होती हैं। जैसे अगर किसी को कोरोनरी आर्टरी डिजीज, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा जैसी कंडीशन है, तो उन्हें आर्ट फेलियर का रिस्क रहता है। इतना ही नहीं, अगर किसी को पहले कभी हार्ट अटैक हुआ है, तो उन्हें भविष्य में हार्ट फेल होने का जोखिम भी रहता है।
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