What is AQI in Hindi: एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक, हवा में प्रदूषण की स्थिति को जांचने वाला एक स्केल है। इस स्केल के माध्यम से बताया जाता है कि हवा कितनी प्रदूषित है। या हवा में प्रदूषक के कण कितनी मात्रा में मौजूद हैं। एक्यूआई का हमारी सेहत पर गहरा असर पड़ता है। जितना कम एक्यूआई होता है, बीमारियों से बचने की संभावना उतनी ही अधिक होती है। वहीं, जितना ज्यादा एक्यूआई, उतना ही बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। खासकर, इससे हृदय स्वास्थ्य और फेफड़ों की सेहत प्रभावित होती है। लेकिन एक्यूआई होता क्या है? आइए, जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल और सरोज सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में रेस्पिरेटरी मेडिसिन, क्रिटिकल केयर और स्लीप डिसऑर्डर विभाग के कंसल्टेंट डॉ. आदित्य चावला से जानते हैं AQI के बारे में-
AQI में मापा जाता है इन 6 प्रदूषकों का स्तर
PM2.5: पीएम2.5 यानी Particulate Matter। ये छोटे-छोटे कण होते हैं, जो हवा के साथ श्वसन तंत्र में प्रवेश कर सकते हैं।
PM10: पीएम 10 यानी Particulate Matter 10। ये भी छोटे कण होते हैं। लेकिन इन कणों का आकार पीएम 2.5 से थोड़ा बड़ा होता है। ये कण भी हवा के साथ घुलकर श्वसन तंत्र में प्रवेश कर सकते हैं।
ओजोन (O3): AQI में ओजोन के स्तर को भी मापा जाता है। ये प्रदूषण का एक अहम घटक है। इसका स्तर बढ़ने पर हवा प्रदूषित हो सकती है।
नाइट्रोजन डाइऑक्साइड: AQI में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर को भी मापा जाता है। यह वाहन और औद्योगिक प्रदूषण से उत्पन्न होती है।
सल्फर डाइऑक्साइड: AQI में सल्फर डाइऑक्साइड के स्तर को भी मापा जाता है। यह मुख्य रूप से कोयले के जलने से उत्पन्न होती है।
कार्बन डाइऑक्साइड: AQI में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को भी मापा जाता है। यह गैस वाहनों, औद्योगिक गतिविधियों या घरेलू कार्यो में उपयोग होने वाले ईंधनों के जलने से उत्पन्न होती है।
AQI में इन्हीं 6 प्रदूषकों के स्तरों को मापा जाता है।
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AQI का स्तर कितना होना चाहिए?
- एक्यूआई का स्तर 0 से 50 का बेहद अच्छा होता है। इस स्तर के एक्यूआई में किसी प्रकार का स्वास्थ्य जोखिम नहीं होता है। हर व्यक्ति बिना किसी चिंता के बाहर निकल सकता है।
- वहीं, अगर एक्यूआई का स्तर 51 से 100 होता है, तो यह कुछ लोगों को नुकसान पहुंच सकता है। इस स्तर का एक्यूआई श्वसन संबंधी समस्याओं वाले लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह एक्यूआई बच्चों और बुजुर्गों को अपनी चपेट में ले सकता है।
- 100 से ज्यादा एक्यूआई का स्तर व्यक्ति को बीमार बना सकता है। इस स्तर के एक्यूआई में बाहर निकलने से श्वसन और हृदय संबंधी रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। फिर जैसे-जैसे एक्यूआई का स्तर बढ़ता है, स्थिति उतनी ही गंभीर होती जाती है।
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