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Chest Congestion In Bad AQI: दिल्ली-एनसीआर के लोगों से एक्यूआई (AQI) की स्थिति छिपी नहीं है। हर गुजरते दिन के साथ यह बिगड़ती जा रही है। तमाम डॉक्टर इस बात की पुष्टि करते हैं कि इतने खराब एक्यूआई (AQI) में सांस लेने का मतलब है कि कई तरह की बीमारियों को न्योता देना। इसलिए, बार-बार तमाम डॉक्टर यह सलाह देते हैं कि हर व्यक्ति को एक्यूआई खराब होने पर सजग रहना चाहिए, जरूरी न हो, तो घर से नहीं निकलना चाहिए और घर की हवा को दूषित होने से रोकना चाहिए। लेकिन, जिंदगी रुकती नहीं है। हर व्यक्ति घर की रोजीरोटी के लिए घर से निकलता है। ऐसे में कई लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता नजर आ रहा है, जैसे खांसी, गले में खराश और कई तरह की अन्य समस्या। इन दिनों कई लोग छाती में भारीपन भी महसूस करते हैं। ऐसे में यह सवाल जरूर उठता है कि क्या खराब एक्यूआई के कारण छाती में भारीपन रहना सामान्य है? या इसे किसी गंभीर बीमारी का संकेत समझा जाना चाहिए? आइए, जानते हैं इस संबंध में नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Sr. Consultant - Pulmonology डॉ. ए. एस. संध्या क्या बताती हैं।
क्या खराब एक्यूआई के कारण छाती में भारीपन रहना नॉर्मल है?- Can Poor Air Quality Cause Chest Congestion
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हां, यह पूरी तरह से सच है कि जब एक्यूआई खराब होता है, तो इसकी वजह से छाती में हर समय भारीपन का एहसास बना रहता है। खासकर, सीओपीडी और अस्थमा के मरीजों के साथ ऐसा होता है। सवाल है, क्यों? डॉ. ए. एस. संध्या समझाती हैं, "खराब एक्यूआई में सांस लेने के कारण पल्यूटेंट हमारे एयरवेज से होते हुए गुजरते हैं। इसकी वजह से एयरवेज यानी सांस की नली में सूजन आ जाती है और वह इरिटेट होने लगता है। ऐसे में जो लोग पहले से ही सांस संबंधी समस्या से परेशान हैं, उन्हें छाती में भारीपन बना रहता है।"
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बिगड़ता एयर पल्यूशन किस तरह छाती में भारीपन का कारण बनता है?

इरिटेशन का बढ़ना
एक्यूआई खराब होने पर हमारा एन्वायरमेंट पूरी तरह दूषित हो जाता है। यह कंडीशन हेल्थ इमर्जेंसी बन जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हवा में PM.25 जैसे फाइन पार्टिकल घुल जाते हैं, जो कि सांस लेने के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। इस तरह के पल्यूटेंट हमारे एयरवेज में सूजन पैदा करते हैं, जिससे इरिटेशन होने लगती है।
वायुमार्ग का सिकुड़ना
जब पल्यूटेंट एयरवेज से गुजरते हैं, तो उसके कुछ पार्टिकल्स वहीं फंस जाते हैं। ऐसे में वायुमार्ग से हवा पूरी तरह पास नहीं हो पता है, क्योंकि यह सिकुड़ जाती है। इसमें टाइटनेस भी आ जाती है। यहां तक कि सामान्य व्यक्ति के लिए इस कंडीशन में सांस लेना काफी मुश्किल हो जाता है।
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बलगम बढ़ना
आपको बता दें कि जब भी शरीर में किसी भी तरह का फॉरेन पार्टिकल एयरवेज से होते हुए शरीर में घुसता है, तो ऐसे में शरीर अतिरिक्त मात्रा में म्यूकस यानी बलगम बनाने लगता है। यह प्राकृति प्रक्रिया है, जिसकी मदद से बलगम बाहरी पार्टिकल को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है। हालांकि, इस कंडीशन में दिक्कत यह होती है कि व्यक्ति खुलकर सांस नहीं ले पाता है, जिससे छाती में भारीपन का एहसास होता है।
लंग फंक्शन पर असर
Airnow.gov की मानें, तो जब आप दूषित हवा में लंबे समय तक सांस लेते हैं या आपके आसपास की हवा का एक्यूआई बहुत खराब हो जाता है, तो इस स्थिति में लंग्स फंक्शन भी प्रभावित होने लगते हैं। इसकी वजह से लंग्स प्रॉपर तरीके से फंक्शन नहीं करते हैं। नतीजनत, छाती में भारीपन, सांस लेने में तकलीफ जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। इस कंडीशन की वजह से अस्थमा ट्रिगर हो जाता है। जो लोग लंग से जुड़ी बीमारी से पीड़िते हैं, उनके लिए यह एन्वायरमेंट बिल्कुल सही नहीं है।
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खराब एक्यूआई में छाती में भारीपन को कम कैसे करें?- Tips To Reduce Chest Congestion In Bad AQI
अमेरिकन लंग एसोसिएशन की मानें, तो इस संबंध में छोटे-छोटे कदम उठाकर आप छाती में भारीपन को कम कर सकते हैं, जैसे-
- अगर एक्यूआई बहुत खराब है, तो घर से बाहर न निकलने से बचें।
- आउटडोर एक्टिविटी पूरी तरह बंद कर दें।
- अगर घर से बाहर जाना मजबूरी है, तो मास्क पहनकर निकलें।
- हमेशा वेल फिटेड और एन95 मास्क पहनने को ही महत्व दें।
- अपने घर की हवा को क्लीन रखने की कोशिश करें। इसके लिए, घर के दरवाजे और खिड़की बंद रखें।
- आपके एरिया का एक्यूआई कितना है, इसकी जानकारी इंटरनेट के जरिए लेते रहें।
निष्कर्ष
इन दिनों कई इलाकों का एक्यूआई का स्तर बहुत गिरा हुआ है। यह बच्चे, बुजुर्ग प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बहुत ही घातक है। यहां तक कि जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है और पहले से ही किसी तरह की बीमारी से पीड़िते हैं, उन्हें भी इसका इस माहौल में अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखना चाहिए। खराब एक्यूआई में जरूरी न हो, तो घर से न निकलें। अगर छाती का भारीपन बढ़ जाए, तो समय रहते डॉक्टर से संपर्क करने में देरी न करें।
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Current Version
Oct 24, 2025 18:24 IST
Published By : Meera Tagore