High AQI Effects on Health in High Risk Pregnancy: इस समय प्रदूषण के कारण कई शहरों का AQI स्तर ज्यादा है। AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स जो कि हवा की गुणवत्ता मापने का एक तरीका है, जो हमें बताता है कि हवा कितनी साफ या प्रदूषित है और इसके स्वास्थ्य पर क्या असर हो सकते हैं। AQI लेवल आमतौर पर 0 से 500 तक होता है, जहां कम लेवल (0-50) का मतलब अच्छी गुणवत्ता की हवा है और हाई लेवल (301-500) प्रदूषित हवा को दर्शाता है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है। AQI को देखकर लोग यह तय कर सकते हैं कि बाहर जाने में कोई खतरा है या नहीं।
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में प्रदूषण की खराब हवा गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है। प्रदूषित हवा में मौजूद जहरीले कण, जैसे पीएम 2.5, पीएम 10 और अन्य हानिकारक गैसें श्वसन तंत्र में सूजन, ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव और ऑक्सीजन की कमी का कारण बन सकती हैं, जो गर्भवती महिला और शिशु दोनों के स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। इन जहरीले कणों का लगातार संपर्क, भ्रूण की ग्रोथ और विकास में रुकावट डाल सकता है, जिससे शिशु का वजन कम होना, समय से पहले प्रसव और कई जन्मजात समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्भावस्था में शरीर की इम्यूनिटी थोड़ी कमजोर हो जाती है, जिससे प्रदूषण के असर से बचाव करना और भी जरूरी हो जाता है। ऐसे में कुछ सावधानियां और प्रदूषण से बचने के उपाय अपनाकर हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में महिला अपना और अपने शिशु का बेहतर ढंग से ख्याल रख सकती है। इन टिप्स को आगे विस्तार से जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्पिटल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
1. घर के अंदर ज्यादा समय बिताएं- Stay Inside During High AQI
जब हाई AQI की स्थिति हो या प्रदूषण का स्तर ज्यादा हो, तो घर के अंदर ही रहें और कोशिश करें कि बाहर जाने की जरूरत कम हो। प्रदूषण का ज्यादा असर दिन के समय रहता है, इसलिए सुबह और शाम में बाहर जाने से बचें।
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2. एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें- Use Air Purifier
घर के अंदर की हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। यह हानिकारक कणों को फिल्टर करके हवा को शुद्ध करता है, जिससे घर के अंदर की हवा सांस लेने के लिए सुरक्षित बनती है।
3. ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें- Use Humidifier At Home
घर के अंदर की हवा में नमी का स्तर बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें। यह श्वसन तंत्र को सूखने से बचाने में मदद करता है और एलर्जी या इंफेक्शन फैलाने वाले कीटाणुओं को कम करता है।
4. मास्क पहनें- Wear Mask
जब भी बाहर जाना जरूरी हो, तो अच्छी क्वॉलिटी वाले N95 मास्क का इस्तेमाल करें। यह मास्क प्रदूषण के असर से सेफ रखेगा और हानिकारक कणों को श्वसन तंत्र में प्रवेश करने से रोकेगा।
5. एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाना खाएं- Eat Antioxidant Rich Diet
विटामिन-सी, ई और बीटा-कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे कि संतरा, पपीता, गाजर और हरी पत्तेदार सब्जियां। ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर को प्रदूषण के असर से लड़ने में मदद करते हैं।
6. पानी पिएं- Drink Water
शरीर में पानी की कमी न होने दें, क्योंकि पानी प्रदूषण के हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। इससे शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है और श्वसन तंत्र में नमी बनी रहती है।
7. हल्की एक्सरसाइज करें- Do Light Exercise
अगर मुमकिन हो, तो घर के अंदर ही योग या हल्की एक्सरसाइज करें। इससे शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है और श्वसन तंत्र की क्षमता बढ़ती है। हालांकि, डॉक्टर की सलाह से ही एक्सरसाइज करें ताकि हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में कोई दुष्प्रभाव न हो।
प्रदूषण से बचने के ये छोटे-छोटे उपाय अपनाकर आप हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में अपनी और अपने बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं।
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