
बच्चे कई बार पैरों, हाथों और शरीर में दर्द के कारण रोते और चिल्लाते हैं। अक्सर होने वाले इस दर्द से मां-बाप भी कई बार चिंतित हो जाते हैं कि छोटी सी उम्र में ही बच्चे को कौन सा रोग हो गया जिसके कारण शरीर में दर्द रहता है। लेकिन ऐसे दर्द से घबराने की जरूर नहीं है क्योंकि अगर आपके बच्चे की उम्र 3 से 12 साल के बीच है, तो पैर, हाथ और शरीर में होने वाला ऐसा दर्द दरअसल ग्रोइंग पेन हो सकता है। 'ग्रोइंग पेन' का अर्थ है शरीर बढ़ने के कारण मांसपेशियों में होने वाला दर्द और चिलकन। अक्सर ऐसा दर्द बच्चों को शाम के समय या रात में होता है।
इस तरह का दर्द किसी बीमारी के कारण नहीं होता है, इसलिए इसमें बच्चे को दर्द निवारक दवा न देकर आपको कुछ आसान लेकिन प्रभावी घरेलू उपाय अपनाने चाहिए। हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही आसान तरीके।
स्ट्रेचिंग कराएं
बच्चों के हाथों-पैरों में होने वाले दर्द को कम करने के लिए उन्हें स्ट्रेचिंग कराएं। स्ट्रेंचिंग से तनी हुई नसें रिलैक्स हो जाती हैं, जिससे दर्द में थोड़ा आराम मिलता है। चूंकि ग्रोइंग पेन सॉफ्ट टिशूज के कारण होता है, इसलिए बच्चों को स्ट्रेचिंग कराने से उन्हें दर्द में आराम मिलता है। दर्द से बचने और शरीर के ज्यादा बेहतर विकास के लिए यह भी अच्छा होगा कि आप अपने बच्चे को रोजाना थोड़ी देर स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज कराएं। इसके अलावा उन्हें बाहर खेलने, साइकिल चलाने, दौड़-भाग करने, कूदने और घूमने के लिए प्रेरित करें। इससे बच्चों का विकास तेजी से और बेहतर तरीके से होता है।
इसे भी पढ़ें: बच्चों की आंखों पर कैसे असर डालती है मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी, जानें कैसे बचाएं बच्चों को इससे?
मसाज करें
बच्चों के शरीर में होने वाले ग्रोइंग पेन को दूर करने के लिए मसाज भी एक अच्छा तरीका है। जिस जगह पर दर्द हो रहा है, उसे हल्के हाथों से डीप टिशू मसाज करें। इससे टिशूज और मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द भी जल्दी ही दूर हो जाता है। मसाज करने के लिए आप किसी दर्द निवारक तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
विटामिन डी और मैग्नीशियम वाले फूड्स खिलाएं
विटामिन डी वैसे तो पूरे शरीर के लिए ही जरूरी है, लेकिन हड्डियों के लिए ये विशेष जरूरी है। विटामिन डी वाले आहारों का सेवन करने से हड्डियां स्वस्थ रहती हैं और दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा मैग्नीशियम का भी हड्डियों को मजबूत बनाने में बड़ा रोल होता है। मैग्नीशियम वाले आहारों का सेवन भी बच्चों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। विटामिन डी और मैग्नीशियम के लिए इन चीजों को बच्चों को खिलाएं- अंडा, चीज़, मशरूम, पालक, सोयाबीन, छिलके सहित आलू, काजू, बादाम, भिंडी आदि।
गर्म सिंकाई करें
बढ़ते हुए बच्चों के शरीर में होने वाले दर्द को कम करने के लिए गर्म सिंकाई भी बहुत फायदेमंद होती है। आप चाहे तो किसी बॉटल में गर्म पानी भरकर इससे सिंकाई कर सकते हैं या फिर बच्चों को गुनगुने पानी से नहला सकते हैं। पानी में अगर सेंधा नमक भी मिला लिया जाए, तो मैग्नीशियम के प्रभाव से दर्द से और जल्दी राहत मिल जाएगी।
इसे भी पढ़ें: इन 5 तरीकों से बढ़ाएं अपने बच्चों की इम्युनिटी, कोरोनावायरस जैसे संक्रमणों से भी होगा बचाव
हल्दी दूध और ग्रीन टी पिलाएं
कई ऐसे आहार भी हैं, जिनमें प्राकृतिक रूप से दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं। आप बच्चों को ऐसी चीजें खाने के लिए भी दे सकते हैं, जिससे उन्हें दर्द कम हो। हल्दी सबसे अच्छा नैचुरल दर्द निवारक माना जाता है। इसलिए आप बच्चों को हल्दी वाला दूध दे सकते हैं। इसके अलावा ग्रीन टी में भी कई ऐसे तत्व होते हैं, जो मसल्स को रिलैक्स करते हैं, इसलिए बच्चों को ग्रीन टी पिलाने से भी इस तरह के दर्द को कम किया जा सकता है। कोशिश करें कि बच्चों को ग्रोइंग पेन के लिए दर्द निवारक दवाएं न खिलाएं क्योंकि इन दवाओं का बच्चों की किडनी पर बुरा असर पड़ता है।
Read More Articles on Children Health in Hindi