
अधिकतर लोगों को कुर्सी, बेड या किसी ऊंची जगह पर बैठकर पैर हिलाने की आदत होती है। घर या ऑफिस में अक्सर लोगों को पैर हिलाते हुए देखा जा सकता है। फिर यह धीरे-धीरे उनकी आदत बन जाती है। अक्सर लोग खाना खाते समय, काम करते समय पैर हिलाते रहते हैं। जब आप कभी अक्सर पैर हिलाते होंगे, तो घर पर मम्मी-पापा या बड़े-बुजुर्ग पैर न हिलाने की सलाह जरूर देते होंगे। दरअसल, बड़े-बुजुर्गों का मानना है कि पैर हिलाना बेहद अशुभ होता है। आपको बता दें कि हमारे समाज में इसी तरह के कई मिथ या अंधविश्वास फैले हुए हैं। इसलिए, सेहत और खानपान से जुड़े ऐसे ही मिथकों और अंधविश्वास के पीछे छिपे साइंस के बारे में बताने के लिए ओन्लीमायहेल्थ "अंधविश्वास या साइंस" सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के तहत हम आपको ऐसे ही अंधविश्वासों से जुड़े साइंस और वैज्ञानिक तथ्य बताने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस सीरीज में आज हम फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के जनरल फिजिशियन डॉ. रमन कुमार से जानते हैं कि पैर हिलाने के पीछे के वैज्ञानिक कारण क्या होते हैं। यानी बैठे-बैठे पैर हिलाने के पीछे का साइंस क्या है?
क्या बैठे-बैठे पैर हिलाना वाकई अशुभ होता है?
घरों में आपने भी बड़ों से अक्सर ही सुना होगा कि पैर हिलाना अशुभ होता है। कई लोगों को लगता है कि पैर हिलाने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। वहीं, कोई पैर हिलाने की आदत को कुंडली में चंद्रमा की खराब स्थिति से जोड़ता है। हालांकि, पैर हिलाने की आदत शुभ या अशुभ नहीं होती है। बल्कि, मेडिकल साइंस में पैर हिलाने की आदत को रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (Restless Leg Syndrome in Hindi) के रूप में जाना जाता है। आपको बता दें कि यह एक गंभीर बीमारी है, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है। यह हृदय और किडनी रोगों के जोखिम को बढ़ा सकता है।
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रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम का कारण- Causes of Restless Leg Syndrome in Hindi
डॉ. रमन कुमार के अनुसार रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम का कोई एक कारण नहीं है। दरअसल, जब मस्तिष्क कोशिकाओं द्वारा डोपामाइन का उपयोग करने के तरीके में कोई समस्या आती है, तो इस स्थिति में यह हो सकता है। आपको बता दें कि डोपामाइन एक मस्तिष्क केमिकल है, जो मांसपेशियों की गति में मदद करता है। यह कई कारणों से हो सकता है। इसमें शामिल हैं-
- डायबिटीज
- शरीर में आयरन की कमी
- शरीर में मैग्नीशियम या फोलिक एसिड की कमी
- एनीमिया के कारण
- प्रेग्नेंसी
- पार्किंसंस रोग
- मल्टीपल स्केलेरोसिस
शरीर में आयरन की कमी की वजह से रेस्टेलस लेग्स सिंड्रोम की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, अधिक वजन, नींद की कमी या फिर फिजिकल एक्टिविटी कम करने की वजह से भी यह समस्या हो सकती है।
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के लक्षण- Symptoms of Restless Leg Syndrome in Hindi
- बार-बार पैरों को हिलाने की इच्छा होना
- पैर हिलाने के दौरान असुविधा से राहत मिलना
- रात को सोते समय पैरों में ऐंठन
- दिन के समय नींद आना
- सोते समय पैरों में झटके लगना
- थकान और कमजोरी का अनुभव होना
- नींद प्रभावित होना
- पैरों में खुजली और दर्द होना
- रात को सोने में कठिनाई होना
- डिप्रेशन या चिंता
- बिस्तर से उठते ही पैरों को हिलाने की इच्छा होना
- पैरों में जलन महसूस होना
- पैरों में झनझनाहट महसूस होना
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रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम होने पर क्या करें?
- इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए रोजाना 8 घंटे की नींद जरूर लें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग जरूर करें।
- अपनी डाइट का खास ख्याल रखें। डाइट में आयरन जरूर शामिल करें।
इस लेख में आपने जाना कि पैर हिलाने की आदत अशुभ नहीं होती है, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। ऐसे ही अंधविश्वास के पीछे छिपे साइंस के बारे में जानने के लिए हमारी इस सीरीज से जुड़े रहें।
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