Andhvishwas or Science- आंखें हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं, जिसके उपयोग से हमारा दिमाग बाहरी दुनिया के बारे में जानकारी एकत्रित करता है। आंखें जो भी देखती हैं, दिमाग को वो तस्वीर बनाने में मदद मिलती है, जिससे हम चीजों को आसानी से देखकर ही पहचान जाते हैं। ऐसे में आंखों में थोड़ी भी समस्या हो जाए, तो लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, जिसमें आंखों का फड़कना भी शामिल हैं। दुनियाभर की अलग-अलग संस्कृतियों में आंखें फड़कने से जुड़े कई मतलब निकाले जाते हैं। भारत में भी अक्सर ही लोगों की आंखें फड़कने पर लोग इसे शुभ और अशुभ जैसे अंधविश्वास से जोड़ लेते हैं और इसके पीछे के वास्तविक कारणों के बारे में जानने की कोशिश ही नहीं करते हैं। इसलिए, सेहत और खानपान से जुड़े ऐसे ही अंधविश्वास के पीछे छिपे साइंस को बताने के लिए हम "अंधविश्वास या साइंस" नाम की एक नई सीरीज चला रहे हैं। इस सीरीज के तहत हम आपको ऐसे ही अंधविश्वासों से जुड़े साइंस एक्सपर्ट और डॉक्टर के जरिए बताने की कोशिश कर रहे हैं। तो आइए ओनलीमायहेल्थ की स्पेशल "Andhvishwas or Science" में आइए अन्नपूर्णा (इंदौर) में स्थित डॉक्टर अग्रवाल आई अस्पताल के ओफ्थाल्मोलोगिस्ट और मोतियाबिंद सर्जन डॉ. रोहित सतीश खत्री (Dr. Rohit Satish Khatri, Ophthalmologist and Cataract Surgeon, Dr. Agarwal's Eye Hospital, Annapurna, Indore) से जानते हैं, आंखें फड़कने के पीछे छिपे साइंस के बारे में? (Aankhon Ke Fadakne Ka Scientific Karan)
आंख फड़कने से जुड़ा अंधविश्वास - Superstitions Related To Eye Twitching in Hindi
हम सभी बचपन से कुछ न कुछ ऐसी बातें सुनते आ रहे हैं, जिन पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल होता है, जिसमें आंखों का फड़कना भी शामिल है। हम सभी को कभी न कभी आंखें फड़कने की समस्या जरूर हुई है। जिसके बाद आपने लोगों से यह भी सुना होगा कि आंखों का फड़कना अशुभ है, आपके साथ शायद कुछ गलत होने वाला है। दरअसल भारत में, पुरुषों की सीधी आंख और महिलाओं की उल्टी आंख का फड़कना शुभ माना जाता है, जबकि इसके विपरीत पुरुषों की उल्टी आंख और महिलाओं की सीधी आंख का फड़कना अशुभ होता है। प्राचीन समय से भारत में आंखों के फड़कने को अक्सर शुभ-अशुभ से जोड़कर देखा जाता है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि आंखों का फड़कना किसी अनहोनी का संकेत हो सकता है। लेकिन, वास्तव में ऐसा नहीं है, आंखें फड़कने का सीधा कनेक्शन आपके स्वास्थ्य से जुड़ा होता है।
आंख फड़कने के वैज्ञानिक कारण क्या हैं? - What is The Scientific Reason Behind Eye Twitching in Hindi?
आंख फड़कना एक सामान्य समस्या है, जिसमें आपकी एक आंख बार-बार झपकने लगती हैं और अगर यह समस्या जल्द काबू में न आए, तो धीरे-धीरे आपके आंखों की रोशनी को भी प्रभावित कर सकती है। कुछ लोगों को कभी कभार आंख फड़कने की समस्या होती है, जबकि कुछ लोगों में यह समस्या बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में आइए डॉ. रोहित सतीश खत्री से जानते हैं आंख फड़कने के क्या स्वास्थ्य कारण हो सकते हैं?
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1. थकान होना- नींद की कमी, या बहुत ज्यादा थकान होने के कारण आंखों पर दबाव पड़ने से पलकों में कंपन पैदा हो सकती है, जिससे आंखों के फड़कने की समस्या हो सकती है।
2. कैफीन का सेवन- बहुत ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन भी आंखों के बार-बार फड़कने का कारण बन सकता है, इसलिए कम या सीमित मात्रा में कैफीन का सेवन करें।
3. स्मोकिंग या शराब का सेवन- कई लोगों को शराब या स्मोकिंग करने के कारण भी आंखों के फड़कने की समस्या हो सकती है।
4. विटामिन बी12 की कमी- शरीर में विटामिन बी12 की कमी भी आंखों में ऐंठन या इनके फड़कने की समस्या का कारण बन सकता है।
5. वायरल इंफेक्शन- वायरल इंफेक्शन जैसे खांसी, जुकाम या अन्य इंफेक्शन होने के बाद भी कई लोगों के आंखों पर असर पड़ता है, जिससे आंखें फड़कने लगती है।
6. आंखों की नसों की समस्याएं- आंखों पर तानव बढ़ने के कारण इनके आसपास की मांसपेशियों और नसों में खिंचाव होने लगता है, जिसके कारण आंखों के फड़कने और ऐंठन की समस्या बढ़ जाती है।
आंख फड़कने के प्रकार - Types Of Eye Twitching in Hindi
1. मायोकिमिया
आंख फड़कने का यह सबसे आम प्रकार है, जिसमें आंख फड़कने की समस्या एक या दोनों आंखों की पलकों में हो सकता है और आमतौर पर कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। मायोकिमिया की समस्या से बचाव के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लें, तनाव कम करें और कैफीन का कम सेवन करें।
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2. ब्लेफरोस्पाज्म
ब्लेफरोस्पाज्म आंख फड़कने का दूसरा प्रकार है, जिसमें आपकी दोनों आंखों में ऐंठन और फड़कने की समस्या होने लगती है। इस समस्या के दौरान आपकी पलकें पूरी तरह से बंद हो सकती हैं, आंखों के आस-पास की मांसपेशियाँ सिकुड़ सकती हैं और ऐंठन मुंह या गर्दन की मांसपेशियों तक फैल सकती है।
3. हेमीफेशियल ऐंठन
आंखों का फड़कना हेमीफेशियल के रूप में भी जाना जाता है। यह एक या दोनों आंखों में हो सकता है और आमतौर पर कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। आंखों के फड़कने की इस समस्या को ठीक करने के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लें, तनाव कम लें और खान-पान का सही ध्यानन रखें।
आंखों के फड़कने से जुड़े अंधविश्वास पर विश्वास करके आप इस समस्या को नजरअंदाज न करें और बार-बार यह समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
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