आंखें फड़कना कोई बीमारी नहीं, बल्कि शरीर में होने वाली एक सामान्य प्रकार की क्रिया है, जिसे कई बार लोग बीमारी भी समझ लेते हैं। इसे मेडिकल भाषा में Myokymia भी कहा जाता है। इसके पीछे नींद की कमी स्ट्रेस लेना या फिर खराब खान-पान जैसे कई कारण हो सकते हैं। खान-पान को हेल्दी रखकर भी आप इसे ठीक कर सकते हैं। चलिए डाइटिशियन मनप्रीत कालरा से जानते हैं आंखों के फड़कने से राहत पाने के लिए डाइट में कौन से माइक्रोन्यूट्रिएंट्स को शामिल करना चाहिए?
डाइट में कौन से माइक्रोन्यूट्रिएंट्स करें शामिल?
मैग्नीशियम (Magnesium)
डाइट में मैग्नीशियम शामिल करने से आंखों के फड़कने की क्रिया को कम किया जा सकता है। दरअसल, मैग्नीशियम नर्व फंक्शन्स के साथ ही मांसपेशियों को रेगुलेट करता है। इसके लिए आप नट्स, सीड्स, साबूत अनाज, लीगम्स और हरी सब्जियों का सेवन कर सकते हैं।
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कैल्शियम (Calcium)
कैल्शियम आपके मसल कॉन्ट्रैक्शन और नर्व ट्रांसमिशन की प्रक्रिया को सुधारने में मददगार साबित होता है। शरीर में कैल्शियम की मात्रा होने से आपको मसल स्पैस्म्स की समस्या नहीं होती है। इसके लिए आप दूध, दूध से बने अन्य आहार, रागी और सीसम के बीज का सेवन कर सकते हैं।
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पोटैशियम Pottassium)
आंख फड़कने की स्थिति में डाइट में पोटैशियम शामिल करना फायदेमंद विकल्प है। यह नर्व को ठीक तरह से सिगनल देने में मदद करता है, जिससे आंखों से जुड़ी समस्या कम होती है। इसके लिए आपको शकरकंद, संतरे, केले और हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करना चाहिए।
विटामिन बी 12 (Vitamin B12)
विटामिन बी12 आंखों में मौजूद मांसपेशियों की मूवमेंट को एक्टिव रखता है, जिससे आंखें फड़कने की समस्या कम होती है। इसके लिए आप फर्मेंटेड फूड्स जैसे केफिर, दही, डोसा और इडली आदि का सेवन कर सकते हैं।
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विटामिन डी (Vitamin D)
विटामिन डी शरीर के लिए अन्य तरीकों से फायदेमंद होने के साथ ही साथ आंखों के फड़कने में भी काफी लाभकारी होती है। दरअसल, विटामिन डी नर्व सेल्स ब्रेन के जरिए और मांसपेशियों तक संकेत देने में मददगार साबित होता है। इससे आंखों के फड़कने की समस्या में काफी आराम मिलती है।