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बार-बार पानी से आंखें धोना क्यों नहीं फायदेमंद? डॉक्टर से जानें आंखों से जुड़े ऐसे 5 मिथकों की सच्चाई

क्या रोज पानी से आंखें धोना ठीक है या क्या कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर सो सकते हैं? इस तरह के सवालों को लेकर कई तरह के मिथक लोगों में फैला हुआ है, आइए जानते हैं आंखों के स्वास्थ्य से जुड़े मिथक और फैक्ट्स के बारे में- 
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बार-बार पानी से आंखें धोना क्यों नहीं फायदेमंद? डॉक्टर से जानें आंखों से जुड़े ऐसे 5 मिथकों की सच्चाई


Eye Health Related Myths And Facts in Hindi: आंखें हमारे शरीर का एक बेहद ही महत्वपूर्ण अंग है। इसके बिना कोई भी व्यक्ति एक बेहतर जीवन जीने की कल्पना भी नहीं कर पाता है। इसलिए, आंखों को हेल्दी रखना बेहद जरूरी है। कमजोर आंखों के कारण चश्मा चढ़ना, मोतियाबिंद की समस्या या आंखों से जुड़ी अन्य परेशानियां आज के समय में काफी आम हो गई है। लेकिन, आंखों के स्वस्थ रखने के लिए लोग कई तरह की सलाह देते हैं। मगर उन बातों को मानना आपके आंखों के लिए हानिकारक भी हो सकता है। आज इस लेख में हम दिल्ली के एक्सेल आई क्लिनिक की आई स्पेशलिस्ट और सर्जन डॉ. अनीशा सेठ गुप्ता से जानते हैं आंखों के स्वास्थ्य से जुड़े मिथक और सच्चाई क्या है? (Misconceptions about the eyes)

आंखों से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई - Myths And Facts About Eye Health in Hindi

मिथक 1.- आंख साफ रखने के लिए बार-बार पानी से धोना अच्छा है।

फैक्ट- बार-बार पानी से आंखें धोना बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है। इससे आपके आंखों में सूखापन, एलर्जी और इंफेक्शन की संभावना बढ़ सकती है। आप दिन में एक बार अपनी आंखों को पानी से धो सकते हैं, लेकिन केवल साफ और ठंडे पानी से।

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मिथक 2.- कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर सो सकते हैं।

फैक्ट- कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर सोना आपके आंखों के लिए सुरक्षित नहीं होता है। इसलिए, आपको कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर कभी सोना नहीं चाहिए, यहां तक कि 5 मिनट के लिए भी नहीं। इससे आपकी आंखों को चोट लग सकती है और अंधापन भी हो सकता है।

मिथक 3.- चश्मा पहनने से आप उन पर निर्भर हो जाते हैं।

फैक्ट- कई लोगों का मानना है कि एक बार चश्मा लगने के बाद आपको इसे पहनने की आदत हो जाती है, और चश्मा नहीं उतरता है। लेकिन ऐसा नहीं है, चश्मा पहनने से आदत नहीं बनती या आपकी आंखों की शक्ति कमजोर नहीं होती है। चश्मा केवल आपको साफ देखने में मदद करता है। इसके बिना, आपको धुंधला नजर आता है। मौजूदा आंख के नंबर की वजह से चश्मा पहनने से आपको इसकी आदत नहीं पड़ती है।

Eye Related Myths And Facts

मिथक 4. आई ड्रॉप से मोतियाबिंद को ठीक किया जा सकता है।

फैक्ट- यह एक मिथक है कि आई ड्रॉप की मदद से मोतियाबिंद जैसी गंभीर आंखों की समस्या को ठीक किया जा सकता है। ऐसा कोई आई ड्रॉप नहीं है, जो मोतियाबिंद को ठीक कर सके। सर्जरी ही इसका एकमात्र प्रभावी उपाय होता है। सर्जरी के दौरान आपकी आंख के अंदर के लेंस को बदला जाता है, ताकि आपकी आंखों से साफ नजर आ सके। 

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मिथक 5.- मोतियाबिंद का ऑपरेशन तभी किया जाना चाहिए जब यह पूरी तरह बढ़ जाए।

फैक्ट- यह एक पुरानी मान्यता है कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन तभी करना चाहिए जब ये पूरी तरह बढ़ जाए। लेकिन, आज के समय में कई तरीकों से आंखों की सर्जरी करके शुरूआती दौर में ही मोतियाबिंद की समस्या को दूर किया जा सकता है। समय पर मोतियाबिंद की सर्जरी करने से बेहतर रिकवरी और बेहतर रिजल्ट मिलता है।

 

 

 

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निष्कर्ष

आंखें हमारे शरीर का अहम हिस्सा होती है। इसलिए इनकी सही केयर करना बहुत जरूरी है। इसलिए, आंखों के स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी बात पर भरोसा करने से पहले आई स्पेशलिस्ट से कंसल्ट करें और समय पर सही इलाज पाने की कोशिश करें।
Image Credit: Freepik

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