आम खाने से भला कौन माना कर पाता है? आम एक ऐसा फल है, जिसे बड़ों से लेकर बच्चे सभी बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। छोटे बच्चों को भी आम का रसीलापन और मीठा स्वाद खूब पसंद आता है। गर्मियों के मौसम में लोगों को सबसे ज्यादा बाजारों में आम मिलने का इंंतजार होता है। आम के स्वाद और फायदों के देखते हुए माता-पिता अक्सर ही अपने छोटे बच्चों को भी अलग-अलग तरह से आम खिलाना शुरू कर देते हैं। लेकिन अक्सर ही कुछ पेरेंट्स बच्चों को आम खिलाने के बाद तबियत खराब होने की शिकायत करते हैं। उनके अनुसार आम खाने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. माधवी भारद्वाज ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके बच्चों को आम खिलाने से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में बताया है।
बच्चों को आम खिलाने से जुड़े मिथक और फैक्ट्स क्या हैं? - What Are The Myths And Facts About Eating Mangoes For Babies in Hindi?
मिथक: आम खाने से डायरिया हो सकता है?
तथ्य: गर्मी के मौसम में आम सबसे ज्यादा पसंदीदा, पौष्टिक और स्वादिष्ट फल होता है, जिसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इसलिए, सीमित मात्रा में आम खाने से बच्चों को दस्त नहीं होते हैं। बल्कि अधिक मात्रा में आम का सेवन पाचन से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है।
मिथक: आम खाने से नाक से खून आता है?
तथ्य: आम अक्सर गर्मी के मौसम में अधिक खाया जाता है। इस मौसम में तापमान में बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी होने के कारण बच्चों नाक से खून आने लगता है, लेकिन पेरेंट्स अक्सर इस समस्या को आम खाने के कारण से जोड़ने लगते हैं। बता दें कि ऐसे कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि आम खाने से नाक से खून आता है। गर्मियों में नाक से खून आने की संभावना आम खाने की बजाय शुष्क हवा या गर्मी के कारण ज्यादा होती है।
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मिथक: आम खाने से रैशेज होते हैं?
तथ्य: लेकिन, गर्मी के मौसम में बच्चों को रैशेज होने की समस्या काफी आम है। इसलिए यह कहना कि आम खाने से बच्चों को रैशेज होते हैं यह बात पूरी तरह सही नहीं है। हालाकि कुछ बच्चों को फूड एलर्जी होने के कारण आम खाने के बाद एलर्जी हो सकती है, जो चकत्ते के रूप में नजर आ सकती है।
बच्चों को आम कैसे खिलाएं? - How to Feed Mango to Baby in Hindi?
- बच्चों को आम खिलाना तब शुरू करें जब वे लगभग 6 महीने के हों और ठोस आहार खाना शुरू कर दें।
- पके, छिलके उतारे और कटे हुए आम को छोटे-छोटे टुकड़ों में या प्यूरी के रूप में बच्चों को खिलाएं।
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- आम खिलाते समय एलर्जी या पाचन संबंधी समस्याओं के किसी भी लक्षण पर नजर बनाए रखें।
- संतुलित आहार के हिस्से के रूप में आम को सीमित मात्रा में खिलाएं।
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