आज के समय में योग देश और विदेश हर जगह बहुत लोकप्रिय हो चुका है। कोविड-19 के बाद से लोग अपनी सेहत को लेकर काफी एक्टिव हो गए हैं, जिसके कारण फिट रहने और बीमारियों से बचाव के लिए योग को अपनी फिजिकल रूटीन में शामिल कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों में लोगों में योग को लेकर जागरुकता फैलाई जा रही है, जिससे लोग इसे अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं। लेकिन आज भी कई लोग योग करने से कतराते हैं, जिसका कारण है इससे जुड़े मिथक। समाज में योग करने से जुड़ें कई मिथक लोगों के बीच फैले हुए हैं, जिस पर लोग आसानी से भरोसा कर लेते हैं, इसलिए इसे अपने रूटीन में शामिल करने से कतराते हैं। ऐसे में आइए दिल्ली के उत्तम नगर में स्थित योग जंक्शन के योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम से जानते हैं योग से जुड़ें मिथकों की सच्चाई के बारे में।
योग से जुड़ें मिथक और उनकी सच्चाई
मिथक 1: योग केवल स्ट्रेचिंग है।
तथ्य: योग में सिर्फ स्ट्रेचिंग ही शामिल नहीं है, बल्कि इसमें शरीर को मजबूत करने, संतुलित बनाने और माइंडफुलनेस भी शामिल है। यह शरीर और दिमाग दोनों को जोड़ता है, आसनों में सांस लेने की क्रिया और ध्यान के साथ जोड़ता है। योग लचीलापन बढ़ाता है, लेकिन यह कोर स्ट्रेंथ को भी मजबूत करता है और मुद्रा में सुधार करता है।
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मिथक 2: योग केवल लचीले लोगों के लिए है।
तथ्य: योग सिर्फ लचीले लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि हर किसी के लिए है। जैसे-जैसे आप योग का अभ्यास करते हैं, आपके शरीर का लचीलापन समय के साथ बेहतर होता जाता है। शुरुआती लोग अक्सर सीमित लचीलेपन के साथ शुरुआत करते हैं, और योग धीरे-धीरे इसे बेहतर बनाने में मदद करता है।
मिथक 3: योग के प्रभावी होने के लिए आपको ज्यादा समय देने की जरूरत है।
तथ्य: छोटे योग सत्र भी आपके शरीर के लिए ज्यादा लाभकारी हो सकते हैं। रोजाना केवल 15 मिनट अभ्यास करने से तनाव कम हो सकता है, लचीलापन बेहतर हो सकता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ सकती है।
मिथक 4: योग का अभ्यास करने के लिए आपका युवा होना जरूरी है।
तथ्य: योग का अभ्यास किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। योग में ऐसी कई मुद्राएं हैं, जिन्हें बुजुर्ग लोग भी आसानी से कर सकते हैं। कई बुजुर्ग लोग संतुलन, लचीलापन और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए योग का अभ्यास करते हैं।
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मिथक 5: योग बहुत आसान है और इससे ताकत नहीं बढ़ती।
तथ्य: योग में कई तरह के आसन शामिल हैं, जो खास तौर पर आपके कोर, हाथ, पैर और पीठ की ताकत को बढ़ा सकते हैं। पावर योग या अष्टांग योग जैसी शैलियां शारीरिक रूप से मांसपेशियों की सहनशक्ति और टोन को बढ़ा सकती हैं।
योग हमारे शरीर को लचीला बनाने के साथ हमे स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। ऐसे में इन मिथकों के पीछे के फैक्ट्स को समझने से यह समझना आसान हो जाता है कि योग सभी उम्र, फिटनेस स्तर और जीवन शैली के लोगों के लिए फायदेमंद है।
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