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अंधविश्वास या साइंस: क्या वाकई किसी के याद करने पर हिचकी आती है? जानें हिचकियां आने के वैज्ञानिक तथ्य

हिचकी अचानक से कभी भी शुरू हो सकती है। कभी-कभी हिचकी सिर्फ पानी पीने से ही दूर हो जाती है, तो कभी तमाम कोशिशों के बाद भी दूर नहीं होती है। क्या वाकई किसी के याद करने पर हिचकी आती है?
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अंधविश्वास या साइंस: क्या वाकई किसी के याद करने पर हिचकी आती है? जानें हिचकियां आने के वैज्ञानिक तथ्य


Hiccups Causes in Hindi: अरे, तुम्हें कब से हिचकी आ रही है। लगता है, तुम्हें कोई याद कर रहा है। बताओ, तुम्हें कौन याद कर रहा होगा। जब भी किसी को हिचकी आती है, तो अक्सर यही सब सुनने को मिलता है। यानी, हिचकी को किसी के याद करने से जोड़ा जाता है। हिचकी आने पर, हम यही सोचते हैं कि कोई खास हमें याद कर रहा है। यहां तक कि हम उसका नाम तक सोचने लगते हैं। खुद को खुश करने के लिए ये ख्याल अच्छा हो सकता है, लेकिन हिचकी आने के पीछे वैज्ञानिक कारण होता है। यानी हिचकी किसी के याद करने की वजह से नहीं, बल्कि कुछ अन्य कारणों से आती है। अब इसे मिथ कहे या फिर अंधविश्वास, समाज में इस तरह की चीजें काफी फैली हुई हैं। सिर्फ हिचकी से जुड़ा ही नहीं, इसके अलावा भी कई ऐसे अंधविश्वास हैं, जिन्हें आजतक लोग सच मानते आ रहे हैं। इसलिए, सेहत और खानपान से जुड़े ऐसे ही मिथकों और अंधविश्वास के पीछे छिपे साइंस के बारे में बताने के लिए ओन्लीमायहेल्थ "अंधविश्वास या साइंस" सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के तहत हम आपको ऐसे ही अंधविश्वासों से जुड़े साइंस और वैज्ञानिक तथ्य बताने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस सीरीज में आज हम फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के जनरल फिजिशियन डॉ. रमन कुमार से जानते हैं कि हिचकी आने के पीछे के वैज्ञानिक कारण क्या होते हैं। यानी हिचकी आने के पीछे का साइंस क्या है?

क्या वाकई किसी के याद करने पर हिचकी आती है?

हिचकी अचानक से कभी भी शुरू हो सकती है। कभी-कभी हिचकी सिर्फ पानी पीने से ही दूर हो जाती है, तो कभी तमाम कोशिशों के बाद भी दूर नहीं होती है। लेकिन, क्या वाकई किसी के याद करने पर हिचकी आती है? तो इसका सीधा जवाब 'नहीं' है। यानी किसे के याद करने पर हिचकी नहीं आती है। बल्कि, हिचकी आने का सीधा कनेक्शन फेफड़ों से जुड़ा होता है। हिचकी आने के पीछे के वैज्ञानिक कारण क्या हो सकते हैं? हिचकी क्यों आती है? क्या हिचकी आना किसी बीमारी का संकेत है? आइए, इस लेख में इन्हीं सभी सवालों के जबाव जानते हैं-

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हिचकी क्यों आती है?- Why Hiccups Occur in Hindi

डॉ. रमन कुमार बताते हैं कि किसी के याद करने पर हिचकी आती है, यह एक मिथ है। कभी-भी किसी के याद करने पर हिचकी नहीं आती है। हिचकी तब आती है, जब सांसों और फेफड़ों में किसी तरह की गड़बड़ी आ जाती है।


आपको बता दें कि जब कोई व्यक्ति सांस लेता है, तो इसके लिए वह इंटरकोस्टल मांसपेशियों और डायाफ्राम का उपयोग करता है। सांस लेते समय, फेफड़ों में हवा खींचने के लिए डायाफ्राम नीचे की ओर खींचता है। फिर जब सांस छोड़ते हैं, तो डायाफ्राम हवा को बाहर निकालने के लिए ऊपर की तरफ धकेलता है। सांसों के बीच हवा खींचते हुए, डायाफ्राम नीचे की तरफ खींच जाता है। इसकी वजह से, फेफड़ों में हवा को प्रवेश करने से रोकने के लिए, श्वास नली एक पल के लिए बंद हो जाती है। इस स्थिति में व्यक्ति को हिचकी आने लगती है। डायाफ्राम की ऐंठन की वजह से हिचकी आने लगती है।


डायाफ्राम एक मांसपेशी है, जो छाती को पेट के क्षेत्र से अलग करती है। डायाफ्राम, सांस लेने में अहम भूमिका निभाती है। आसान भाषा में समझे तो, डायाफ्राम में ऐंठन या किसी तरह की दिक्कत होने की वजह से वोकल कॉर्ड अचानक से बंद हो जाती है। इससे हिचकी की आवाज उत्पन्न होती है।

इसे भी पढ़ें- हिचकी आने पर क्या करें और क्या नहीं? डॉक्टर से जानें

हिचकी आने के पीछे के कारण

1. खाने या पीने के बाद

खाना खाने या कुछ पीने के बाद हिचकी आ सकती है। जब आप जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं या पानी पीते हैं, तो इससे हिचकी आ सकती है। दरअसल, जब जल्दबाजी में खाना खाया जाता है, तो इससे पेट फूल सकता है और डायाफ्राम में ऐंठन या सिकुड़न आ सकती है। इसकी वजह से हिचकी की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, बहुत गर्म या ठंडा खाना खाने की वजह से भी हिचकी आ सकती है। अगर आपको सीने में जलन या एसिड रिफ्लक्स की समस्या रहती है, तो भी खाने-पीने के बाद हिचकी आ सकती है।

2. तनाव या चिंता

कुछ मामलों में तनाव या चिंता की वजह से भी हिचकी आ सकती है। दरअसल, कभी-कभी मस्तिष्क से पसलियों के बीच की मांसपेशियों तक जाने वाले तंत्रिका मार्गों में गड़बड़ी हो जाती है, इसकी वजह से भी हिचकी आती है। कभी तापमान में अचानक बदलाव की वजह से भी हिचकी आ सकती है।

3. स्वास्थ्य समस्याएं

कुछ स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से भी हिचकी आ सकती है। नर्व डैमेज, सेंट्रल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर या फिर मेटाबॉलिक डिसऑर्डर होने पर हिचकी आ सकती है। जब गर्दन पर खिंचाव पड़ता है, तो भी हिचकी आ सकती है।

लगातार हिचकी आने के कारण

कई बार व्यक्ति को लगातार हिचकी आती रहती है, जो कि सामान्य नहीं होता है। अगर आपको भी लंबे समय से बार-बार हिचकी आ रही है, तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। जब डायाफ्राम पर अधिक दबाव पड़ता है, तो इसकी वजह से लगातार हिचकी आ सकती है। इसके अलावा, जब मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या होती है, तो भी लगातार हिचकी आ सकती है।

इसे भी पढ़ें- बार-बार हिचकी आने से हैं परेशान? जानें इसे रोकने के लिए क्या करें और क्या नहीं

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क्या हिचकी आना किसी बीमारी का संकेत है?

  • कुछ मामलों में हिचकी किसी बीमारी का संकेत भी हो सकती है। इनमें शामिल हैं-
  • गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग होने पर हिचकी आना बेहद आम है।
  • किसी तरह का संक्रमण होने पर भी बार-बार हिचकी आ सकती है।
  • न्यूरोलॉकिजल कंडीशन जैसे- स्ट्रोक, मल्टीपल स्केलेरोसिस और पार्किंसंस रोग होने पर भी हिचकी आ सकती है।
  • खांसी और गले की समस्याओं में भी हिचकी आ सकती है।
  • अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या निमोनिया होने पर भी हिचकी जैसे लक्षण का अनुभव हो सकता है।
  • कुछ मामलों में हिचकी आना हृदय संबंधी समस्याओं का लक्षण भी हो सकता है।

इस लेख में आपने जाना कि किसी के याद करने पर हिचकी नहीं आती है, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। ऐसे ही अंधविश्वास के पीछे छिपे साइंस के बारे में जानने के लिए हमारी इस सीरीज से जुड़े रहें।

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