हम में से किसी के भी साथ जब कुछ गलत होता है, तो हम अक्सर उदास या दुखी हो जाते हैं। किसी अपने को खोने का गम, ब्रेकअप, बेरोजगारी या किसी अपने से दूर होने के कारण व्यक्ति अक्सर परेशान और दुखी हो जाता है। इन समस्याओं के कारण व्यक्ति के मन में एक उदासी की भावना बनी रहती है। आमतौर पर दुख महसूस करना एक आम भावना होती है। लेकिन अगर यह कुछ समय में खुद ठीक नहीं होता है, तो व्यक्ति डिप्रेशन में जा सकता है। लेकिन आज के समय में व्यक्ति के जीवन में थोड़ा सा दुख आते हैं वे खुद को डिप्रेशन में समझने लगते हैं। इसलिए डिप्रेशन और एक मुश्किल दौर से गुजरने की बीच अंतर समझना हमारे लिए बहुत जरूरी है। ऐसे में आइए मनस्थली की फाउंडर-डायरेक्टर और सीनियर साइकेट्रिस्ट और डॉ. ज्योति कपूर से जानते हैं कि डिप्रेशन और मुश्किल समय से गुजरने में क्या अंतर है और इसकी पहचान कैसे की जा सकती है।
डिप्रेशन क्या होता है?
डिप्रेशन एक क्लिनिकल कंडीशन है, जो किसी व्यक्ति में अक्सर हफ्तों या महीनों तक रहती है। डिप्रेशन अक्सर किसी बात के तनाव के बहुत ज्यादा बढ़ जाने के कारण होती है, जो कई बार व्यक्ति के ओवरऑल हेल्थ पर भी बुरा असर डाल सकती है। डिप्रेसिव व्यक्तियों में उदासी, निराशा और किसी भी काम को करने में कम रुचि जैसे लक्षण नजर आते हैं, जो उनके रोजाना के कामकाज को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। डिप्रेशन के कारण अक्सर लोगों में भूख की कमी, थकावट महसूस होना, नींद न आना या बहुत ज्यादा आना या फिर किसी भी काम में ध्यान न लगा पाने जैसी समस्याएं बढ़ जाती है। डिप्रेशन की स्थिति पर काबू न पाने पर कई बार व्यक्ति हर वक्त खुद को कोसना और सुसाइड जैसी सोच भी उनके मन में आ सकती है।
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डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्तिओं की पहचान कैसे करें?
- डिप्रेशन के लक्षण हफ्तों, महीनों या कई बार कुछ सालों तक बने रह सकते हैं।
- उदासी, निराशा और खालीपन की भावनाएं व्यक्ति में बनी रहती है।
- डिप्रेशर अक्सर डेली लाइफस्टाइल पर भी असर डालती है, जिससे काम, रिश्ते और सेल्फ केयर पर नकारात्मक असर पड़ता है।
- शारीरिक लक्षणों की बात करें तो व्यक्ति में नींद, भूख और एनर्जी की कमी रहती है।
मुश्किल समय से गुजरना क्या होता है?
एक मुश्किल दौर से गुजराना आमतौर पर अस्थायी तौर पर कुछ समय या दिन के लिए किसी तनाव या परेशानी का सामना करना होता है, जिससे व्यक्ति उस समस्या के ठीक होते हैं खुद नॉर्मल हो जाता है। मुश्किल दौर से गुजरना अक्सर ब्रेकआप, नौकरी जाना, या अपने किसी को खोने जैसे कारणों से होता है, जिससे व्यक्ति समय के साथ बाहर आ जाता है। मुश्किल दौर से गुजर रहे लोगों के मन में कोई गलत भावना नहीं आती है, वे अक्सर अपने पंसदीदा लोगों के साथ रहकर अपना दुख भूल भी जाते हैं।
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मुश्किल दौर से गुजर रहे लोगों की पहचान कैसे करें?
- मुश्किल दौर से गुजर रहे लोग नौकरी छूटना या ब्रेकअप के कारण तनाव में रहते हैं, जो समय के साथ दूर हो जाता है।
- मूड स्विंग की समस्या हो सकती है, जिसमें ज्यादा गुस्सा आना या रोना नॉर्मल है, लेकिन भावनाओं पर कंट्रोल किया जा सकता है।
- रोजमर्रा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह आम तौर पर काम पर खास असर नहीं डालता है।
- इन व्यक्तिओं में सुधार और रिकवरी की आशा की भावना आम तौर पर बनी रहती है।
निष्कर्ष
डिप्रेशन का इलाज ज्यादातर डॉक्टर के पास जाकर थेरेपी की मदद से होता है, जबकि मुश्किल दौर से गुजर रहे लोगों को एक सकारात्मक महौल देकर ही तनाव से बाहर निकाला जा सकता है। मुश्किल दौर से गुजर रहे लोगों में तनाव कुछ समय का ही होता है, जिससे निकलना उनके लिए काफी आसान होता है, जबकि डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्तियों का तनाव कम करना बहुत मुश्किल होता है, उनसे आसपास कितना ही खुशनुमा माहौल क्यों न बन जाए, लेकिन उनके चेहरे पर मुस्कान लाना मुश्किल हो जाता है।
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