How Chronic Stress Is Bad For Memory: आज के समय में हर व्यक्ति दूसरे से आगे निकलना चाहता है, ऐसे में लोगों दिनरात काम करना पड़ता है। इसकी वजह से उनको स्ट्रेस और लंबे समय तक तनाव का सामना भी करना पड़ता है। लंबे समय तक तनाव में रहने से व्यक्ति की ब्रेन फंक्शन पर बुरा असर पड़ता है। इसकी वजह से कुछ लोगों को चीजों को याद रखने में परेशानी होने लगती है और व्यक्ति को महसूस होता है कि उनकी याददाश्त करने की पावर कम होने लगती है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि स्ट्रेस में व्यक्ति के शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन की स्तर बढ़ जाता है, जिससे शरीर के अन्य हार्मोन भी प्रभावित होते हैं। इस स्थिति का सीधा असर व्यक्ति के मानसिर और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। लगातार काम या अन्य स्ट्रेस में रहने से व्यक्ति जल्द ही चीजों को भूलने लगता है, जो आगे चलकर बड़ी समस्या का कारण बन सकता है। इस लेख में नारायणा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉ. गौरव जैन से जानते हैं कि स्ट्रेस से व्यक्ति की याददाश्त पर क्या असर पड़ता है और इससे कैसे बचा सकता है?
गंभीर तनाव से याददाश्त पर क्या असर पड़ता है? - How Chronic Stress Is Bad For Brain in Hindi
एकाग्रता में कमी आना - Reduced Focus and Concentration
क्रॉनिक स्ट्रेस के कारण व्यक्ति का ब्रेन लगातार दबाव में रहता है, जो ध्यान और एकाग्रता को कमजोर कर देता है। जब ब्रेन पूरी तरह से तनाव से निपटने में लगा रहता है, तो उसे नई जानकारी ग्रहण करने और उसे याद रखने में कठिनाई होती है।
टॉप स्टोरीज़
दीर्घकालिक स्मृति पर असर - Impact on Long-term Memory
लगातार तनाव का सामना करने से दीर्घकालिक स्मृति यानी याददाश्त (Long-term Memory) प्रभावित हो सकती है। व्यक्ति पुरानी घटनाओं को याद करने में परेशानी महसूस करने लगता है। यह स्थिति तब और भी गंभीर हो जाती है जब व्यक्ति अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में समस्याओं का सामना करने लगता है।
हिप्पोकैम्पस पर असर - Impact on Hippocampus
ब्रेन का विशेष हिस्सा जिसे हिप्पोकैम्पस कहा जाता है, हमारी याददाश्त और सीखने की क्षमता के लिए जिम्मेदार होता है। जब शरीर लंबे समय तक तनाव में रहता है, तो स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। कोर्टिसोल की अधिकता हिप्पोकैम्पस को नुकसान पहुंचाती है, जिससे नई चीजें याद रखना और पुरानी चीजों को याद करना मुश्किल हो जाता है।
भावनात्मक रुप से बदलाव महसूस करना - Emotional Memory Impairment
क्रॉनिक स्ट्रेस ब्रेन के एमिग्डाला हिस्से को भी प्रभावित करता है, जो भावनात्मक याददाश्त को नियंत्रित करता है। इसके कारण व्यक्ति को जीवन की खराब चीजें अधिक स्पष्टता से याद रहती हैं, जबकि सकारात्मक अनुभवों को भूलना आसान हो जाता है। यह भावनात्मक असंतुलन पैदा कर सकता है।
न्यूरॉन्स को नुकसान पहुंचना - Neuronal Damage
स्ट्रेस हार्मोन की अधिकता से न्यूरॉन्स यानी मस्तिष्क के नर्वस सिस्टम की कोशिकाओं को नुकसान होने लगता है। इसकी वजह से न्यूरॉन्स के बीच की कनेक्टिविटी कम हो जाती है, जिससे याददाश्त की क्षमता घट जाती है और व्यक्ति चीजों को याद करने में मुश्किल होती है।
तनाव से कमजोर याददाश्त को बचाने के उपाय - Prevention Tips Of Memory Loss Due To Chronic Stress
- रोजाना ध्यान और योग (Meditation and Yoga) करने से तनाव दूर होता है।
- रात के समय 7 से 8 घंटें की पर्याप्त नींद (Prioritize Sleep) लेने से तनाव कम होता है।
- ब्रेन को एक्टिव रखने के लिए आप संतुलित आहार (Balanced Diet) का सेवन करें।
- हर दिन फिजिकल एक्टिविटी (Physical Activity) को बढ़ाएं।
- दोस्तों और करीबियों के साथ सोशल कनेक्शन (Maintain Social Connections) बनाए रखें|
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क्रॉनिक स्ट्रेस याददाश्त के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। लेकिन सही उपाय और जीवनशैली में कुछ बदलाव करके आप न केवल स्ट्रेस को नियंत्रित कर सकते हैं, बल्कि अपनी याददाश्त को भी बेहतर बना सकते हैं। इसलिए, आज ही से इन सरल और प्रभावी उपायों को अपनाएं और अपने मस्तिष्क को तनाव से मुक्त और स्वस्थ बनाए रखें।