शरीर में क्यों बढ़ता है कॉर्टिसोल हार्मोन (स्ट्रेस हार्मोन)? जानें इसके कारण, लक्षण और इसे घटाने के तरीके

कोर्टिसोल हार्मोन को स्ट्रेस हार्मोन भी कहते हैं। इस हार्मोन का स्तर बढ़ने से शरीर में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं।
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शरीर में क्यों बढ़ता है कॉर्टिसोल हार्मोन (स्ट्रेस हार्मोन)? जानें इसके कारण, लक्षण और इसे घटाने के तरीके

शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से मानसिक समस्या बढ़ने लगती है। कोर्टिसोल एक हार्मोन है, जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहते हैं। यह हार्मोन हमारे शरीर में स्ट्रेस को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाती है। इस हार्मोन के बारे में ग्वालियर स्थित विजयाराजे कॉलेज की मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर डॉक्टर नीरा श्रीवास्तव का कहना है कि कोर्टिसोल हार्मोन हमारे मस्तिष्क में डर, मोटिवेशन और मूड को नियंत्रित करने का कार्य करती है। इसके अलावा यह हमारे शरीर की विभिन्न कोशिकाओं में मौजूद होते हैं, जो शरीर की विभिन्न कार्य प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से न सिर्फ मानसिक समस्याएं उत्पन्न होती है, बल्कि कई शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं। जिसमें ब्लड शुगर, मेटाबॉलिज्म का अनियंत्रित होना जैसी परेशानियां शामिल हैं। शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से कई तरह की परेशानियां बढ़ सकती हैं। इसके कारण आपके शरीर का वजन अचानक से बढ़ने लगता है। साथ ही अन्य परेशानियां भी होने लगती हैं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-

कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने का लक्षण (Symptoms of High Cortisol)

  • अचानक से वजन का बढ़ना
  • मानसिक और शारीरिक थकान होना
  • अवसाद और चिंता होना।
  • हाई ब्लड प्रेशर होना।
  • पीरियड्स अनियमितता की शिकायत
  • बालों का झड़ना।
  • गुस्सा अधिक आना।
  • अधिकतर समय बीमार होना।
  • हड्डियां कमजोर होना।
  • स्किन काफी पतली होना।
  • चिड़चिड़ापन बढ़ना।
  • सिरदर्द की समस्या रहना।
  • एकाग्रता में कमी आना।
  • स्किन पर कील-मुंहासों का अधिक होना।
  • सेक्स ड्राइव में कमी इत्यादि लक्षण दिख सकते हैं।

कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल बढ़ने के कारण (Causes of high Cortisol)

  • कुपोषण का शिकार होना।
  • क्रोनिक स्ट्रेस बढ़ना
  • दवाईयां अधिक लेना।
  • पिट्यूटरी ग्रंथि में किसी तरह की समस्या होना
  • एंड्रेनल ग्रंथि में ट्यूमर होना
  • एस्ट्रोजन

कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने की जांच (High Cortisol level test)

ब्लड टेस्ट - ब्लड में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर जानने के लिए ब्लड टेस्ट सुबह खाली पेट किया जाता है। क्योंकि सुबह के समय शरीर में कोर्टिसोल का स्तर सबसे अधिक रहता है।

यूरिन टेस्ट - यूरिन में कोर्टिसोल का स्तक जानने के लिए डॉक्टर यह टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।

स्लाइवा टेस्ट - मुंह में स्लैब डालकर लार का सैंपल लेकर यह टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट को आप घर पर भी कर सकते हैं।

इमेजिंग टेस्ट - इस टेस्ट में सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे जैसी कई जांच करने की सलाह दी जाती है। ताकि शरीर में होने वाले ट्यूमर का पता लगाया जा सके।

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क्यों की जाती है शरीर में कोर्टिसोल लेवल की जांच?

कोर्टिसोल हार्मोंन का स्तर जानने के लिए कोर्टिलोस की जांच की जाती है। ताकि पता चल सके कि शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर कम है या ज्यादा। क्योंकि शरीर में होने वाली कुछ बीमारियां कोर्टिसोल के स्तर को प्रभावित करती हैं। इन बीमारियों में एडिसन डिजी, एंड्रेनल डिजीज और कुशिंग डिजीज शामिल हैं। कोर्टिसोल का स्तर जांचने के बाद बीमारियों का निदान करने की कोशिश की जाती है। कोर्टिसोल हार्मोन हमारे शरीर में कई कार्य प्रणालियों को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है। इसमें इम्यूनिटी सिस्टम, स्ट्रेस प्रतिक्रियाएं, तंत्रिका प्रणाली, संचार प्रणाली प्रमुख हैं।

शरीर में होई कोर्टिसोल का जोखिम (Risk of High Cortisol)

  • इंसुलिन प्रतिरोधक यानि डायबिटीज होने का खतरा।
  • दिल से संबंधिक बीमारियां होने का खतरा
  • मानसिक परेशानी होना। इत्यादि

ध्यान रहे कि हमारे शरीर में कोर्टिसोल का स्तर ऊपर नीचे होता रहता है। यह नैचुरल शारीरिक प्रतिक्रिया है। यह हमारे शरीर को ट्रिगर तब होती है, जब शरीर को किसी तरह का कोई खतरा या फिर नुकसान हो। शरीर में कोर्टिसोल का स्तर नियमित रूप से जांच करना जरूरी होता है। समय-समय पर ब्लड टेस्ट या यूरिन टेस्ट कराते रहें।

कोर्टिसोल स्तर को कम करने के उपाय (Tips for reduce high cortisol)

पर्याप्त नींद लें

सही से नींद न लेने से कोर्टिसोल स्तर पर प्रभाव बड़ता है। लंबे समय तक सही से न नींद ले पाने के कारण भी आपका कोर्टिसोल स्तर बढ़ सकता है। इसलिए पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करें। स्वस्थ शरीर के लिए हमेशा अच्छी और गहरी नींद लेने की कोशिश करें।

खुश रहने की करें कोशिश

खुश रहने से मानसिक तनाव का स्तर कम होता है। खिलखिलाकर हंसने और मौज-मस्ती करने से बढ़े हुए कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर कम होता है। रिसर्च के मुताबिक, जो लोग हमेशा हंसते और मुस्कुराते हैं उनके शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर कम होता है।

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संतुलित और पौष्टिक आहार का करें सेवन

शरीर में कोर्टिसोल का स्तर कम करने के लिए पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करें। ध्यार रहे कि आपको अपने आहार में शुगर की मात्रा को कम करना है। केला, नाशपाति, डार्क चॉकलेट, ग्रीन टी, ब्लैक टी, दही इत्यादि आहार से आप अपने शरीर में कोर्टिसोल के बढ़ते स्तर को कम कर सकते हैं।

नियमित रूप से करें एक्सरसाइज

बढ़ते कोर्टिसोल स्तर को कम करने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। ध्यान रहे कि एक्सरसाइज की तीव्रता के आधार पर आपके शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन घट या बढ़ सकता है। तेजी से एक्सरसाइज करने से काफी कम समय में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए एक्सरसाइज धीमी या फिर मध्यम गति में करें, जैसे- योग। योग से आपका मन शांत होता है। साथ ही इससे कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर कम होने की संभावना बढ़ती है।

स्ट्रेस से रहें दूर

शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर को कम करने के लिए स्ट्रेस से दूर रहने की कोशिश करें। स्ट्रेस से दूर रहने के लिए पहले यह जानने की कोशिश करें कि आपको किन बातों या फिर चीजों से स्ट्रेस बढ़ता है। इन स्थितियों का पता लगाकर आप उन चीजों से दूर रहने की कोशिश करें।

अध्यात्म का लें सहारा

रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि अध्यात्मिक चीजों पर विश्वास करने वाले व्यक्तियों में स्ट्रेस का स्तर कम होता है। ऐसे लोगों में कोर्टिसोल का स्तर कम रहता है। इसलिए अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि आपके शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ रहा है, तो अपना मन प्रार्थनाओं और अध्यात्म जैसी चीजों पर ध्यान दें।

शरीर में किसी तरह का बदलाव नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्ट्रेस या फिर चिंता बढ़ने पर योग का सहारा लें और स्ट्रेस को कम करने वाले फूड्स का सेवन करें और किसी अच्छे एक्सपर्ट की राय लेना न भूलें।

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