कोरोनावायरस के कारण इस समय पूरी दुनिया स्ट्रेस भरी जिंदगी जीने पर मजबूर हो गई है। हम अपने घरों के अंदर सहमे हुए हैं और निश्चित रूप से बेहद तनावपूर्ण परिस्थितियों में रह रहे हैं। वहीं ये तमाम चीजें आपको शारीरिक और मानसिक तौर पर परेशान कर सकती है। ऐसे में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल (Cortisol) का लेवल शरीर में एक प्रमुख भूमिका निभाती है। कोर्टिसोल तनाव को संतुलित रखने वाले कुछ हार्मोन में से एक मुख्य होर्मोन है। कोर्टिसोल एडर्निल ग्रंथियों द्वारा उत्पादित एक स्टेरॉयड हार्मोन है। जब भी आप कुछ स्ट्रेस का अनुभव करते हैं, तो आपका शरीर इसे खतरे के रूप में मानता है, जैसे कि आपपर कोई बड़ा कुत्ता भौंक दें, तो आपके मस्तिष्क में एड्रेनोकोर्टिकोट्रोपिक हार्मोन (एसीटीएच) रिलीज होता है। यह आपके एडर्निल ग्रंथियों को कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जारी करने के लिए ट्रिगर करता है।
कोर्टिसोल किसी भी कार्य को दबा देता है जो उस प्रतिक्रिया के लिए अनावश्यक या हानिकारक है। ऐसे में आप कुछ चीजों को शरीर में अनुभव कर सकते हैं। जैसे कि-
- -दिल की धड़कनों का तेज होना
- -मुंह सूख जाना
- -पेट खराब हो जाना
- -दस्त
- -डर
कैसे पता करें शरीर में स्ट्रेस का लेवल
कोर्टिसोल लेवल टेस्ट का उपयोग यह जांचने के लिए किया जाता है कि आपके शरीर में कोर्टिसोल का लेवल कितना है। यह आपके शरीर का मुख्य तनाव तंत्र है और आपातकाल के लिए आपके शरीर को तैयार करने का एक तरीका है। एडर्निल ग्रंथियां छोटी, त्रिभुज के आकार की ग्रंथियां होती हैं, जो आपके गुर्दे के ऊपर होती हैं। कोर्टिसोल एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जारी करते हैं। कोर्टिसोल शरीर में कई प्रणालियों में एक भूमिका निभाता है। इन प्रणालियों में शामिल हैं:
- -तनाव प्रतिक्रियाएं
- -प्रतिरक्षा प्रणाली
- -तंत्रिका तंत्र
- -संचार प्रणाली
- -प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट का टूटना
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कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट (Cortisol Blood Test)
अगर आप ज्यादातर समय तनावग्रस्त और तनावग्रस्त महसूस करते हैं, तो आप कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट करवा सकते हैं। जब आप लगातार तनाव में रहते हैं, तो यह आपके शरीर के काम करने के तरीके को बता सकता है।यह परीक्षण यह पता लगाने में भी मदद कर सकता है कि क्या आप कुशिंग सिंड्रोम (कॉर्टिसोल के स्तर में वृद्धि) या एडिसन रोग (कोर्टिसोल के बहुत कम होने के कारण) के रूप में जाना जाने वाली चिकित्सा स्थिति से पीड़ित तो नहीं हैं।
कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट कैसे किया जाता है?
कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट में कोर्टिसोल के स्तर को मापने के लिए ब्लड के नमूने का उपयोग किया जाता है। वहीं इनमें ये कुछ स्टेप्स हमेशा से शामिल होते हैं
- - ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए ऊपरी बांह के चारों ओर एक लोचदार बैंड लपेटकर बंद कर दिया जाता है। इससे आपकी बांह में नसें अधिक दिखाई देने लगती हैं, जिससे सुई डालना आसान हो जाता है।
- -फिर त्वचा की उस जगह को साफ करके सुई डाली जाती है ।
- -सुई को नस में ब्लड को एक ट्यूब में एकत्र किया जाता है।
- -पर्याप्त रक्त एकत्र होने के बाद इलास्टिक बैंड को हटा दिया जाता है।
- -फिर इसका लैब में टेक्ट किया जाता है।
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कोर्टिसोल स्तर परीक्षण के परिणामों का क्या मतलब है?
उच्च-से-सामान्य कोर्टिसोल स्तर संकेत कर सकते हैं कि:
- -क्या आपकी पिट्यूटरी ग्रंथि ट्यूमर या पिट्यूटरी ग्रंथि की अधिक वृद्धि के कारण बहुत अधिक ACTH जारी कर रही है।
- -क्या आपके एडर्निल ग्रंथि में एक ट्यूमर है, जिसके परिणामस्वरूप कोर्टिसोल का अतिरिक्त उत्पादन होता है
- -आपके शरीर में कहीं और कोई ट्यूमर तो नहीं है, जो कोर्टिसोल उत्पादन में शामिल है।
निम्न-से-सामान्य कोर्टिसोल स्तर संकेत कर सकते हैं कि:
- -निम्न-से-सामान्य कोर्टिसोल स्तर एडिसन रोग का संकेत हो सकता है, जो तब होता है जब आपके शरीर में कार्टिसोल का उत्पादन कम होता है।
- -इससे साथ ही शरीर में कार्टिसोल का उत्पादन कम होने से आपको हाइपोपिटिटायरिजम हो सकता है।
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