What Is A Testosterone Level Test In Hindi: टेस्टोस्टेरोन लेवल टेस्ट पुरुषों के लिए बहुत जरूरी टेस्ट होता है। इस टेस्ट के जरिए पुरुषां में मौजूदा टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को मापा जाता है। ध्यान रखें कि पुरुषों के लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बहुत जरूरी होता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन उनकी स्ट्रेंथ को बढ़ाता है। यहां तक कि मांसपेशियों की बेहतरी से लेकर उनके मूड को एन्हैंस करना, ऊर्जा बनाए रखना और यौन क्रिया को पॉजिटिव तरीके से प्रभावित करने में भी टेस्टोस्टेरोन की अहम भूमिका होती है। इस लेख में हम न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स में सलाहकार पैथोलॉजिस्ट डॉ. आकाश शाह से आगे जानेंगे कि टेस्टोस्टेरोन और किन-किन कारणों से पुरुषों के लिए महत्वपूर्ण होता है और टेस्टोस्टेरोन टेस्ट कब कराया जाता है।
टेस्टोस्टेरोन का महत्व
टेस्टोस्टेरोन को हम मेल सेक्स हार्मोन के नाम से भी जानते हैं। यह चेहरे के बाल और पुरुषों की भारी आवाज के लिए जिम्मेदार होता है। इसके अलावा, पुरुषों के शारीरिक गठन, उनकी हड्डियों की ताकत आदि को बनाए रखने में भी इस हार्मोन का अहम योगदान होता है। यही नहीं, टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के स्वास्थ्य से जुड़े कई अन्य पहलुओं को भी प्रभावित करता है। पुरुषों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ टेस्टोस्टेरोन के स्तर में स्वाभाविक रूप से कमी आने लगती है। हालांकि, 30 साल की उम्र के बाद ऐसा होना शुरू होता है। इसके अलावा, टेस्टोस्टेरोन के कम होने के पीछे जीवनशैली से जुड़े कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हैं। इसकी कमी होने पर पुरुषों में कामेच्छा कम होने लगती है। इसके अलावा, टेस्टोस्टेरोन कम होने पर कई अन्य लक्षण नजर आते हैं, जैसे ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल आना, मांसपेशियों में कमी होना। कुछ मामलों में, बहुत कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर हड्डियों की वॉल्यूम को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
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टेस्टोस्टेरोन टेस्ट कब करवाना चाहिए
टेस्टोस्टेरॉन लेवल टेस्ट की सलाह अक्सर तब दी जाती है जब कोई पुरुष कम टेस्टोस्टेरोन के लक्षण नजर आएं, जैसे-
- कम ऊर्जा या थकान होना
- अवसाद या चिड़चिड़ापन महसूस करना
- यौन इच्छा में कमी या इरेक्शन में दिक्कत आना
- मांसपेशियों या ताकत में कमी
- शरीर में फैट का बढ़ना
- मोटापा और डायबिटीज
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टेस्टोस्टेरोन लेवल टेस्ट कैसे किया जाता है
टेस्टोस्टेरॉन लेवल टेस्ट के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है। सामान्यतः इस टेस्ट के लिए सुबह के समय व्यक्ति का ब्लड सैंपल लिया जाता है, क्योंकि उस दौरान टेस्टोस्टेरोन का स्तर सबसे ज्यादा होता है। इस टेस्ट के जरिए ब्लड में टेस्टोस्टेरोन की कुल मात्रा को मापा जाता है, जिसमें बाउंड और फ्री (सक्रिय) दोनों रूप शामिल हैं। वैसे तो टेस्टोस्टेरोन का स्तर अलग-अलग होता है, लेकिन आमतौर पर, वे ब्लड के प्रति डेसीलिटर (एनजी/डीएल) 300 से 1,000 नैनोग्राम के बीच होते हैं। यदि किसी पुरुष का टेस्टोस्टेरोन स्तर इस सीमा से नीचे है, तो यह कम टेस्टोस्टेरोन या "लो टी" का संकेत हो सकता है।
लो टेस्टोस्टेरोन होने पर क्या करें
यदि किसी पुरुष में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होता है, तो उन्हें यहां बताए गए उपाय अपनाने चाहिए, जैसे लो टेस्टोस्टेरोन होने पर व्यक्ति टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी ले सकता है। इससे न सिर्फ टेस्टोस्टेरोन के स्तर को मैनेज किया जाता है, बल्कि लो टेस्टोस्टेरोन होने पर नजर आर रहे संकेतों से निपटने में भी मदद मिलती है। टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी इंजेक्शन, पैचेस, जेल आदि के जरिए की जाती है। हालांकि, टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी सबके लिए फायदेमंद हो, यह जरूरी नहीं है। कुछ मामलों में इसका निगेटिव इंपैक्ट भी देखने को मिलता है। इसलिए, जरूरी है कि इस तरह की थेरेपी लेने से पहले डॉक्टर से जरूर मिलें।
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