चिड़चिड़ापन यानि एक ऐसी अवस्था, जिसमें इंसान परेशान होने के साथ-साथ निराश हो जाता है। यह किसी मानसिक व शारीरिक समस्या के कारण भी हो सकती है। बच्चों में इस तरह की अवस्था आसानी से पैदा हो जाती है। खासकर तब जब बच्चे ज्यादा थके हुई होते हैं या किसी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। वही बड़े लोगों की बात की जाए तो उनमें भी चिड़चिड़ाहट कई समस्याओं के कारण पैदा हो सकती है। ऐसे में कुछ समस्याएं ऐसी भी होती हैं जिनका उपचार बेहद जरूरी है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि चिड़चिड़ापन के लक्षण क्या होते हैं? इसके कारण और बचाव किस प्रकार हैं? पढ़ते हैं आगे...
जानें चिड़चिड़ापन के लक्षण (symptoms of irritability)
चिड़चिड़ापन के निम्न लक्षण नजर आते हैं-
1 - जल्दी गुस्सा हो जाना।
2 - छोटी-छोटी बातों को दिल पर लगा लेना या छोटी सी बात का जल्दी बुरा मान जाना।
3 - बिना किसी कारण के अक्रामक हो जाना।
4 - जल्दी परेशान हो जाना।
5 - दूसरों के साथ शारीरिक दुर्व्यवहार करना।
चिड़चिड़ापन के कारण (causes of irritability)
चिड़चिड़ा हट के पीछे कई कारण छिपे होते हैं। यह कारण शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से अलग-अलग होते हैं। जो निम्न प्रकार हैं...
चिड़चिड़ापन के शारीरिक कारण-
1 - वायरल या फ्लू हो जाने के कारण
2 - शुगर होने के कारण
3 - दांतों में दर्द हो जाने के कारण
4 - कानों के संक्रमण हो जाने के कारण
5 - जब खून में शुगर की कमी हो जाती है तब
6 - अनिद्रा यानी नींद की कमी के कारण
चिड़चिड़ापन होने के मनोवैज्ञानिक कारण-
7 - चिंता हो जाने के कारण
8 - तनाव हो जाने के कारण
9 - मनोविदलता यानी स्किजोफ्रेनिया हो जाने के कारण
10 - बाइपोलर डिसऑर्डर के कारण
11 - ऑटिज्म के कारण
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चिड़चिड़ापन के पीछे कुछ हार्मोन परिवर्तन निम्न हैं-
12 - पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम हो जाने के कारण
13 - पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रूअल सिंड्रोम के कारण
14 - मेनोपॉज के दौरान या उसके बाद
15 - थायरॉइड बढ़ने के कारण
कुछ अन्य कारण
16 - कैफीन की आदत को छुड़ाने के कारण चिड़चिड़ापन हो जाता है।
17 - निकोटीन की आदत को छोड़ने की कारण व्यक्ति को चिड़चिड़ापन हो जाता है।
18 - शराब के सेवन या नशीले पदार्थों के प्रयोग से व्यक्ति में चिड़चिड़ापन आ जाता है।
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दिन-रात सिर्फ काम ही करते हैं वह शरीर को आराम नहीं देते उन लोगों में भी चिड़चिड़ाहट के लक्षण देखे जाते हैं।
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चिड़चिड़ापन के बचाव (prevention of irritability)
चिड़चिड़ाहट एक मानसिक विकार होता है जिसे पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता। लेकिन कई ऐसे तरीके हैं, जिसकी मदद से इसे कम जरूर किया जा सकता है। जानते हैं इन तरीकों के बारे में-
1 - सबसे पहले यह समझने की कोशिश करें कि आपको किस चीज से चिड़चिड़ापन हो रहा है। अगर आपको वजह पता चलेगी तो आप इसे दूर करने में मदद मिलेगी।
2 - अपनी दिनचर्या से शराब और कैफीन की मात्रा को सीमित करें। इससे दिमाग में एक तरह का तनाव पैदा होता है।
3 - कुछ समय के लिए एकदम शांत और अकेले रहे इससे आप अपनी मनोवैज्ञानिक समस्याओं को आसानी से समझ पाएंगे।
4 - अपनी नजरिया को विकसित करें साथ ही यह जाने कि आप भविष्य में क्या करना चाहते हैं।
5 - दोस्तों के साथ बातें करना और अपने आस-पड़ोस के साथ मेल मिलाप बढ़ाएं। इससे आपके दिमाग में नई नई योजनाओं का आगमन होगा।
6 - अपने आसपास नकारात्मक बातों और नकारात्मक ऊर्जा को ना आने दें। सकारात्मक सोच से आप इस समस्या को दूर कर सकते हैं।
ये लेख तुलसी हेल्थकेयर, दिल्ली के साइकोलॉजिस्ट गौरव गुप्ता द्वारा दिए गए इनपुट्स पर बनाया गया है।
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