The Role Of Free T3 In Diagnosing Thyroid Disorders In Hindi: फ्री टी3 (ट्राईआयोडोथायोनिन) थायराइड ग्लैंड द्वारा प्रोड्यूस किया जाने वाले प्राथमिक हार्मोन में से एक है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है। यह हमारे मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा उत्पादन और ओवर ऑल बॉडी फंक्शन में अहम भूमिका अदा करता है। टी4 (थायरोक्सिन) से यह बिल्कुल अलग है। यह हार्मोन टी3 का सीधा असर हमारी बॉडी सेल्स पर पड़ता है। टी3 का स्तर हमारे शरीर में संतुलित होना चाहिए। इसकी वजह से ग्रोथ, ब्रेन फंक्शन, मसल्स कंट्रोल आदि कई तरह के काम सही ढंग से संभव हो पाते हैं। बहरहाल, टी3 हमारे शरीर के किन-किन कामों में अहम होता है? अगर इसका स्तर कम हो जाता है, तो इससे हमें किस तरह के नुकसान उठाने पड़ सकते हैं? इस लेख में हम जानेंगे कि थायरेड टेस्ट में टी3 का क्या मतलब है और यह कब जरूरी होता है? इस संबंध में हमने मुंबई के मुलुंड में स्थित फोर्टिस अस्पताल में सलाहकार एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. श्वेता बुदियाल और कंसल्टेंट पैथोलॉजिस्ट डॉ. आकाश शाह से बात की ।
टी3 टेस्ट कब किया जाता है?
फ्री टी3 टेस्ट थायराइड संबंधी बीमारियों के निदान के लिए किया जाता है। खासकर, थायराइड संबंधी बीमारी की वजह स्पष्ट न हो और बॉडी में सामान्य टी4 और टीएसएच के स्तरों संतुलित होने के बावजूद, थायराइड में दिक्कत आए, तब टी3 टेस्ट परामर्श किया जाता है। फ्री टी3 टेस्ट ाण टी3 के अनबाउंड, सक्रिय रूप का आकलन करते हैं, जो सेलुलर गतिविधि के लिए हार्मोन की उपलब्धता को स्पष्ट तरीके से बताते हैं।
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टी3 बढ़ने का क्या मतलब है?
फ्री टी3 स्तर अक्सर हाइपरथायरायडिज्म या थायरोटॉक्सिकोसिस का संकेत देते हैं। ये ऐसी स्थितियां हैं, जहां थायराइड ग्लैंड बहुत ज्यादा मात्रा में थायराइड हार्मोन को जनरेट करती है। कई बीमारियों में जब थायराइड ग्लैंड ओवर एक्टिव होता है, तब अक्सर फ्री टी3 का स्तर फ्री टी4 की तुलना में अधिक होता है। इस तरह देखा जाए, तो जब टी3 टेस्ट न किया जाए, तो हार्मोनल में किस स्तर पर बदलाव हो रहे हैं, इसकी स्पष्ट तस्वीर मिलना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, मुक्त टी3 स्तर हाइपोथायरायडिज्म का संकेत दे सकते हैं। लेकिन टी3 टेस्ट का इस्तेमाल इसकी परिवर्तनशीलता के कारण अंडरएक्टिव थायराइड के शुरुआती निदान के लिए किया जाता है। इसके अलावा, फ्री टी 3 उपचारों की प्रभावशीलता पर नजर रखने और सही स्थिति का पता लगाने के लिए भी इस तरह के टैस्ट महत्वपूर्ण होते हैं।
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टी3 कम होने पर क्या होता है?
टी3 कम होना हाइपोथायराइडिज्म का संकेत होता है। इसका मतलब है कि थायराइड ग्लैंड कम मात्रा में थायराइड हार्मोन प्रोड्यूस कर रहा है। इसके कम होने पर आपके शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे थकान, कमजोरी, सोने में दिक्कत आना, अचानक वजन घटना या बढ़ना, स्किन पर इसका नेगेटिव असर दिखना, आंखों का ड्राई होना, बालों का झड़ना आदि। यहां यह जान लेना आवश्यक मालूल होता है कि आखिर टी3 का स्तर कम किन कारणों से होता है? डॉक्टर का कहना है कि टी3 कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे लंबे समय से कोई बीमारी होना, ऑटोइम्यून डिजीज, क्रॉनिक स्ट्रेस, लंबे समये स्टेरॉएड या कोई दवा लेना आदि। टी3 कम होने का पता इसके टेस्ट से किया जा सकता है। अगर इसकी मात्रा कम है, तो अपना प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाएं और डॉक्टर द्वारा दी गई दवा समय पर लें।
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