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क्या अस्थिर ब्लड शुगर मूड स्विंग का कारण बन सकती है? डॉक्टर से जानें

शरीर में ब्लड शुगर लेवल का ज्यादा या कम होना आपके शरीर में कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि अस्थिर ब्लड शुगर मूड स्विंग को कैसे प्रभावित करता है? 
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क्या अस्थिर ब्लड शुगर मूड स्विंग का कारण बन सकती है? डॉक्टर से जानें

एक्टिव और स्वस्थ रहने के लिए हमारे शरीर को एनर्जी की जरूरत होती है। हमारा शरीर एनर्जी के लिए ग्लूकोज पर निर्भर रहता है। यह ग्लूकोज हमारे ब्लड में मौजूद होता है, जिसे हम ब्लड शुगर कहते हैं। ब्लड शुगर का संतुलन हमारे शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अक्सर लोग यह नहीं जानते हैं कि ब्लड शुगर में अचानक कमी या बढ़ोतरी सीधे हमारे मूड को प्रभावित कर सकती है। कई लोगों का मानना है कि अस्थिर ब्लड शुगर के कारण कई लोगों में चिड़चिड़ापन, गुस्सा, बेचैनी, घबराहट, थकान और मूड स्विंग का कारण बनता है। ऐसे में आइए गुरुग्राम के नारायणा अस्पताल के डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट- इंटरनल मेडिसिन के डॉ. एमके सिंह से जानते हैं कि क्या सच में अस्थिर ब्लड शुगर मूड स्विंग का कारण बन सकती है या नहीं?


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अस्थिर ब्लड शुगर क्या होता है?

डॉ. एमके सिंह के अनुसार, अस्थिर ब्लड शुगर का मतलब है कि आपके ब्लड में ग्लूकोज का लेवल दिनभर में बहुत तेजी से ऊपर-नीचे होता रहता है। ब्लड शुगर दो तरह से आपके शरीर में असंतुलन पैदा कर सकता है-

  1. हाई ब्लड शुगर (Hyperglycemia), जिसमें ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
  2. लो ब्लड शुगर (Hypoglycemia), इस स्थिति में ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बहुत कम हो जाता है।

इन दोनों स्थितियों का असर सिर्फ आपके शरीर पर ही नहीं पड़ता है, बल्कि दिमाग पर भी पड़ता है, जिससे मूड में बदलाव हो सकता है।

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ब्लड शुगर और मूड में कनेक्शन

डॉ. एमके सिंह के अनुसार, अनस्टेबल ब्लड शुगर लेवल, या ग्लाइसेमिक वेरिएबिलिटी, नेगेटिव मूड स्विंग और जीवन की खराब क्वालिटी से जुड़ा हुआ होता है। NCBI की एक रिसर्च से पता चलता है कि, ब्लड शुगर में बार-बार, बड़े उतार-चढ़ाव ज्यादा डिप्रेशन, एंग्जायटी और गुस्सा महसूस करने से जुड़े हैं। खास तौर पर, जिन लोगों में ब्लड शुगर इनस्टैबिलिटी ज्यादा होती है, जिनका मूड खराब होता है और वे ठीक महसूस नहीं करते। इसका मतलब है कि ब्लड शुगर लेवल को जितना हो सके स्टेबल रखने से इमोशनल हेल्थ को मैनेज करने और मूड स्विंग की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है।

ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव का मानसिक स्वास्थ्य पर असर

डॉ. एमके सिंह के मुताबिक, अगर ग्लूकोज की मात्रा शरीर में बहुत ज्यादा कम या ज्यादा होती है तो दिमाग को जरूरत के हिसाब से एनर्जी नहीं मिलती है। इससे मूड और मानसिक स्वास्थ्य की गतिविधियां प्रभावित होती हैं। जैसे-ॉ

1. लो ब्लड शुगर

लो ब्लड शुगर होने पर दिमाग इमरजेंसी मोड में चला जाता है और शरीर में स्ट्रेस हार्मोन जैसे- एड्रेनालिन, कोर्टिसोल आदि बढ़ने लगते हैं। इससे व्यक्ति तुरंत चिड़चिड़ा, गुस्सैल या बेचैन होने लगता है। लो ब्लड शुगर की वजह से आपको अचानक चिड़चिड़ापन, गुस्सा आना, घबराहट या एंग्जाइटी, रोने जैसा महसूस होना या फोकस करने में मुश्किल होना आम बात है।

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2. हाई ब्लड शुगर

हाई ब्लड शुगर के कारण शरीर सुस्त और थका हुआ महसूस करता है। यह मानसिक रूप से भी आपको कमजोर कर देता है। जब ब्लड शुगर बहुत बढ़ जाता है, तो शरीर सुस्त और थका हुआ महसूस करता है। हाई ब्लड शुगर की वजह से चिड़चिड़ापन, कम एनर्जी, आलस, फोकस करने में मुश्किल, बेचैनी, कभी-कभी एंग्जाइटी आदि जैसी लक्षण नजर आते हैं।

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कैसे पता करें कि मूड स्विंग का कारण ब्लड शुगर लेवल है?

डॉ. एमके सिंह का कहना है कि, शरीर में ब्लड शुगर लेवल कम या ज्यादा होने के कारण मूड स्विंग होने पर आपको ये लक्षण भी नजर आ सकते हैं-

  • मूड में बदलाव होने पर अक्सर भूख महसूस होने लगती है।
  • कुछ मीठा खाने के बाद मूड अच्छा महसूस होने लगता है।
  • खाना देर से खाने पर चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है।
  • लंबे समय तक खाली पेट रहने पर एंग्जाइटी होने लगती है।

निष्कर्ष

अस्थिर ब्लड शुगर लेवल मूड स्विंग का एक बड़ा कारण हो सकता है। जब आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ता या कम होता है तो दिमाग को पर्याप्त मात्रा में एनर्जी नहीं मिल पाती है, जिसके कारण व्यक्ति चिड़चिड़ा, गुस्सा, एंग्जाइटी, कमजोरी और थकान आदि समस्याएं महसूस हो सकती हैं। इसलिए, मूड स्विंग से बचने के लिए और अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने की कोशिश करें।
Image Credit: Freepik

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FAQ

  • लड़कियों में मूड स्विंग क्यों होता है?

    लड़कियों में मूड स्विंग की समस्या आमतौर पर हार्मोनल बदलाव के कारण होता है, जिसमें पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज आदि स्थितियां शामिल हैं।
  • मूड को कैसे कंट्रोल करें?

    मूड को बेहतर रखने के लिए आप खुद को एक्टिव रखें, शारीरिक गतिविधियां करें। इसके अलावा, सूरज की रोशनी में रहे, और अपना मनपसंद काम करें।
  • अचानक मूड स्विंग होने का क्या कारण है?

    अचानक मूड स्विंग होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें हार्मोनल बदलाव, तनाव, नींद की कमी और खराब खानपान की आदतें शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ स्वास्थ्य स्थितियां, जैसे थायराइड, डायबिटीज और कुछ दवाओं का साइड इफेक्ट है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Nov 20, 2025 16:17 IST

    Published By : Katyayani Tiwari

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