डायबिटीज और ब्लड प्रेशर आज के समय में एक आम समस्या मानी जाती है। इन रोगों के होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। सामान्य टाइप 1 और टाइप 2 दोनों ही तरह की डायबिटीज में मरीज का ब्लड शुगर लेवल अधिक और कम हो सकता है। ब्लड शुगर हाई होने पर कई बार चर्चा की जाती हैं। लेकिन, कई लोगों को डायबिटीज लो होने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। ब्लड शुगर लो होने की स्थिति को हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। ऐसा तब होता है, जब आपका ब्लड शुगर लेवल 70 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर (mg/dL) या उससे कम हो जाता है। यदि, समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो हाइपोग्लाइसीमिया में व्यक्ति को दौरे पड़ने और बेहोशी की समस्या हो सकती है। वहीं, गंभीर मामलों में यह स्थिति घातक हो सकती है। आगे धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के इंटरनल मेडिसीन और सिनियर कंसलटेंट डॉ गौरव जैन से जानते है ब्लड शुगर लेवल ज्यादा कम होने से व्यक्ति का कैसे बचाव किया जा सकता है।
हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड प्रेशर लो) के लक्षणों को पहचानना जरूरी - Symptoms Of Blood Sugar Level Get Down in Hindi
गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया को मैनेज करने के लिए आपको उसके लक्षणों को पहचानना होगा। साथ ही, रोगी के लक्षणों को पहचानने के बाद आप घबराएं नहीं, साथ ही जल्द से जल्द मरीज को अस्पताल लेकर जाएं। इस दौरान व्यक्ति के लक्षण हल्के से गंभीर तक तेजी से बढ़ सकते हैं। हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड प्रेशर लो होना) के लक्षण आगे बताए गए हैं।
- कंपकंपी आना
- दौरे पड़ना
- पसीना आना
- चिड़चिड़ापन या मूड में बदलाव
- बोलने में कठिनाई
- बेहोशी, आदि।
ब्लड शुगर लेवल लो होने पर क्या करें - What To Do If Blood Sugar Level Get Down In Hindi
ब्लड शुगर लेवल लो होने पर मरीज के साथ रहने वाले लोगों को बिना घबराना नहीं चाहिए। इस दौरान आप मरीज को नॉर्मल करें और उसको जल्द से जल्द अस्पताल ले जाएं। मरीज की स्थिति के आधार पर डॉक्टर इलाज शुरू कर सकते हैं। इसमें डॉक्टर आगे बताए उपायों को अपना सकते हैं।
तेजी से काम करने वाले कार्बोहाइड्रेट युका का सेवन करें
ब्लड शुगर लेवल लो होने पर यदिर रोगी होश में और चीजों को निगल सकते हैं, तो उनको कार्बोहाइड्रेट युक्त गोलियां दी जा सकता है। यह ब्लड शुगर के लेवल को तेजी से बढ़ाने में मदद करती हैं। इसके लिए शुरुआती दौर में केले, शकरकंद, ब्राउन चावल, जई, साबुत गेहूं की ब्रेड, सेब, राजमा, जामुन और छोले आदि दे सकते हैं। साथ ही, डॉक्टर शुरुआती इलाज में आगे बताए उपाय अपनाते हैं।
- ग्लूकोज की गोलियों का सेवन कराना
- फलों के जूस का सेवन करना (लगभग 100 से 200 ग्राम तक)
- कैंडी (लगभग 5-6 पीस)
आमतौर पर, 15-20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जा सकता है। इसके करीब 15 मिनट के बाद दोबारा से ब्लड शुगर के लेवल की जांच करें, अगर लेवल कम ही बना हो तो इसे दोबारा सेवन कर सकते हैं।
ग्लूकागन इंजेक्शन
ब्लड शुगर ज्यादा कम होने पर यदि व्यक्ति को बेहोशी या दौरे पड़ रहे हैं, तो ऐसे में उनको ग्लूकागन का इंजेक्शन दिया जा सकता है। ग्लूकागन एक हार्मोन है जो ब्लड में ग्लूकोज रिलीज के लिए लिवर को उत्तेजित करता है। इसके लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेनी होगी।
ग्लूकागन नेजल पाउडर
इंजेक्टेबल ग्लूकागन के विकल्प के रूप में, हाल ही में एफडीए ने हाइपोग्लाइसीमिया के इलाज के लिए ग्लूकागन नेचल पाउडर को मंजूरी दी है। ग्लूकागन नेजल पाउडर बिना किसी मिश्रण के उपयोग किया जा सकता है। आप इसे रोगी की अपनी नाक में स्प्रे कर सकते हैं। यह तब भी काम करता है जब रोगी गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया का अनुभव कर रहा हो। हालांकि ग्लूकागन नेजल पाउडर से इंजेक्टेबल ग्लूकागन की तरह श्वसन तंत्र में जलन और आंखों में पानी या खुजली जैसे हल्के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
ब्लड प्रेशर लो होने पर किन घेरलू उपायों को अपनाएं? - Home Remedies For Low Blood Pressure In Hindi
- ब्लड प्रेशर लो होने पर आप पेशेंट को हवादार जगह में बैठाएं।
- उनको कोई शुगर युक्त ड्रिंक दे सकते हैं।
- फलों का जूस जैसे सेब, संतरे या मौसंबी का जूस दे सकते हैं।
- अगर, घर में जैम या कोई टॉफी भी दी जा सकती है।
- बिस्किट या अन्य मीठी चीज दी जा सकती है।
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अगर, रोगी को लक्षण बार-बार महसूस हो रहें हो तो तुरंत इंमरजेंसी पर कॉल कर एम्बुलेंस को घर बुला लें। इससे रोगी को होने वाली अन्य समस्याओं से बचाव हो सकता है। साथ ही, हाइपोग्लाइसीमिया में रोगी को समय रहते हैं इलाज उपलब्ध हो सकता है।