
Infection After Heart Transplant: अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण हार्ट की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं और इसी कारण लोगों में हार्ट से जुड़ी सर्जरियां करानी पड़ रही है। आजकल हार्ट में स्टेंट जैसी सर्जरी बहुत ही आम हो गई है। जब हार्ट बिल्कुल फेलियर की तरफ चला जाता है, जिसे end stage of heart failure कहते हैं। इस स्टेज पर किसी भी तरह की दवाइयों का असर होना बंद हो जाता है। इसलिए डॉक्टर हार्ट ट्रांसप्लांट की सलाह देते हैं। यह प्रोसेस काफी जटिल होता है और साथ ही मरीज को भी हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद बहुत ध्यान देना पड़ता ह, क्योंकि अगर किसी भी तरह के रिस्क को अनदेखा किया गया, तो इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद इंफेक्शन होने के कारणों को जानने के लिए हमने वैशाली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर और स्ट्रक्चरल हार्ट प्रोग्राम के हेड डॉ. विवेक कुमार (Dr Vivek Kumar, Director - Interventional Cardiology & Head of Structural Heart Program, Max Super Speciality Hospital, Vaishali) से बात की।
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हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद इंफेक्शन का रिस्क क्यों बढ़ता है?
डॉ. विवेक कहते हैं, “हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद मरीज को जीवनभर इम्यूनोसप्रेसेंट दवाइयां लेनी पड़ती हैं। ये दवाइयां नए हार्ट को बाहरी समझकर उस पर हमला करने से रोकती हैं। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि ये दवाइयां शरीर की इंफेक्शन से लड़ने की ताकत भी कम कर देती हैं। इसी वजह से ट्रांसप्लांट के बाद खासतौर पर पहला एक साल इंफेक्शन के लिए काफी सेंसिटिव माना जाता है। इस दौरान शरीर नए हार्ट के साथ तालमेल बिठाने में लगा होता है। इसलिए डॉक्टर मरीज को एक साल के लिए हार्ट को किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचाने की सलाह देते हैं।”

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हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद कौन से इंफेक्शन हो सकते हैं?
डॉ. विवेक कहते हैं कि ट्रांसप्लांट के बाद मरीजों में बैक्टीरियल, वायरल और फंगल तीनों तरह के इंफेक्शन देखे जाते हैं। शुरुआत में फेफड़े, पेशाब की नली या ब्लैडर, ब्लड और सर्जरी के जख्म में इंफेक्शन हो सकता है। कुछ इंफेक्शन साइटोमेगालोवायरस (CMV), सर्जरी के कई महीने बाद भी सामने आ सकते हैं। ध्यान रखने वाली बात यह है कि शुरुआती लक्षणों में हल्का बुखार, थकान, भूख कम लगना शामिल है। इसलिए मरीज को इन लक्षणों के प्रति अलर्ट रहने की जरूरत होती है।
हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद इंफेक्शन से कैसे करें बचाव?
डॉ. विवेक ने बताया कि हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद मरीज से जुड़ी इंफेक्शन सबसे पहले अस्पताल में ही शुरू हो जाती है। डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ हाथों की साफ-सफाई से लेकर सर्जिकल जख्म की देखभाल की जाती है। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मरीज को भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की सलाह दी जाती है, खासकर फ्लू या वायरल सीजन में। मरीजों को इंफेक्शन से बचाव के लिए अक्सर ये सलाह दी जाती है।
- मास्क पहनना
- बार-बार हाथ धोना
- बीमार लोगों से दूरी बनाए रखना
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हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद दवाइयों और लाइफस्टाइल पर ध्यान देना
डॉ. विवेक कहते हैं, “इंफेक्शन से बचने के लिए दवाइयां लेना बहुत महत्वपूर्ण है। डॉक्टर अक्सर इम्यूनोसप्रेसेंट के साथ-साथ एंटीबायोटिक, एंटीवायरल या एंटीफंगल दवाइयां देते हैं ताकि सभी तरह के इंफेक्शन से बचाव हो सके। अगर मरीज दवाइयां बिना डॉक्टर की सलाह लिए छोड़ देते हैं, तो इंफेक्शन का रिस्क कई गुना बढ़ सकता है। इसके अलावा, रेगुलर ब्लड टेस्ट के जरिए भी दवाइयों की मात्रा कम या ज्यादा करते हैं। इसके साथ-साथ खानपान पर भी ध्यान रखना जरूरी होता है। हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद मरीजों को अपनी डाइट में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स लेने की सलाह दी जाती है। मरीजों को कच्चा या अधपका खाना, बिना पाश्चराइज किया हुआ दूध और स्ट्रीट फूड से बचना बहुत महत्वपूर्ण होता है।”
निष्कर्ष
हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद अगर मरीज को लगातार बुखार रहे, खांसी या सांस से जुड़ी तकलीफ, पेशाब करते समय जलन या बहुत ज्यादा थकान महसूस हो, तो मरीज को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। दरअसल, हार्ट ट्रांसप्लांट का मतलब सिर्फ सर्जरी नहीं है, बल्कि सर्जरी के बाद मरीज को अपने लाइफस्टाइल में कई बदलाव करने पड़ते हैं ताकि वह इंफेक्शन से बचा रहे।
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FAQ
हार्ट ट्रांसप्लांट कितने समय में होता है?
हार्ट ट्रांसप्लांटेशन में लगभग 3 से 5 घंटे लगते हैं। इस सर्जरी के बाद अस्पताल में आमतौर पर 7 से 14 दिनों तक रहना पड़ता है।हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद जीवन कैसा होता है?
लगभग 3 महीने बाद मरीज नॉर्मल एक्टिविटीज कर सकते हैं, लेकिन 3 से 4 महीने भारी सामान नहीं उठाना, कोई ऐसा काम नहीं करना, जो छाती या ऊपरी बांह पर जोर पड़े।क्या 90% ब्लॉकेज दवा से ठीक हो सकता है?
90% हार्ट ब्लॉकेज को केवल दवाइयों से पूरी तरह ठीक करना मुश्किल है। इसके लिए अक्सर एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी करने की जरूरत पड़ सकती है।
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Dec 16, 2025 14:19 IST
Published By : Aneesh Rawat