
आपने भी अपने आसपास ऐसे कई मामले देखे होंगे, जिनमें 30-40 साल के इंसान को अचानक हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई। जिम में वर्कआउट करते हुए, ऑफिस में काम करते समय या सोते-सोते दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं धीरे-धीरे सामान्य होती जा रही हैं।
इस पेज पर:-
अक्सर लोग इसे स्ट्रेस, लाइफस्टाइल या किस्मत से जोड़ देते हैं। इसके अलावा पिछले कुछ सालों में एक और संभावित थ्योरी लोगों के बीच चर्चा का विषय है, जिसके अनुसार कोविड की वैक्सीन लेने के कारण युवाओं में दिल के दौरे के मामले बढ़े हैं। लेकिन AIIMS द्वारा की गई एक नई स्टडी इस मुद्दे पर वैज्ञानिक और साफ तस्वीर रख रखती है। इस अध्ययन के मुताबिक, 45 साल से कम उम्र में होने वाली अचानक मौतों का सबसे बड़ा कारण दिल की बीमारी है, जिसका वैक्सीन या किसी अन्य रहस्यमयी या अनजान वजह से कोई संबंध नहीं है।
यह स्टडी कैसे की गई?
यह स्टडी एक Observational Autopsy पर आधारित स्टडी है, जिसे एम्स (AIIMS) के पैथोलॉजी और फॉरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी विभागों द्वारा मई 2023 से अप्रैल 2024 के बीच किया। इसमें उन मामलों को शामिल किया गया जो 'अचानक मृत्यु' की परिभाषा में आते हैं, जबकि दुर्घटना, आत्महत्या, हत्या और नशे से जुड़ी मौतों को इसमें शामिल नहीं किया गया।
अध्ययन में 18 से 45 वर्ष के युवाओं और 46 से 65 वर्ष के वयस्कों में अचानक हुई मौतों की तुलना की गई। अध्ययन अवधि के दौरान फॉरेंसिक मॉर्चरी में कुल 2,214 मामले आए, जिनमें से 180 मामले अचानक मौत की परिभाषा के अंतर्गत आए। इनमें से 57.2% (103 मामले) मौतें युवाओं में और 42.8% (77 मामले) मौतें बुजुर्ग वयस्कों में दर्ज की गईं।
इसे भी पढ़ें: 30-40 की उम्र में क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले? डॉक्टर से जानें क्या गलतियां हो सकती हैं जिम्मेदार
शोधकर्ताओं ने इन मौतों के मामलों में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मेडिकल हिस्ट्री और क्लीनिकल डेटा का विश्लेषण किया। इस दौरान-
- हर केस में मौत का वास्तविक कारण तय किया गया
- दिल, दिमाग और अन्य अंगों की जांच की गई
- इससे यह साफ हुआ कि सबसे ज्यादा मामलों में दिल से जुड़ी समस्या जिम्मेदार थी
स्टडी में क्या सामने आया?
AIIMS और इससे जुड़े शोधकर्ताओं ने एक साल के दौरान हुई 18 से 45 साल की उम्र के लोगों में होने वाली अचानक मौतों का गहराई से विश्लेषण किया। इसमें उन मामलों को शामिल किया गया, जहां व्यक्ति पूरी तरह ठीक दिख रहा था और अचानक उसकी मौत हो गई। इस रिपोर्ट में सामने आया कि अचानक हुई मौतों के ज्यादातर मामलों में मौत की वजह कोरोनरी आर्टरी डिजीज (दिल की नसों में धीरे-धीरे जमा हुआ फैट और ब्लॉकेज) से जुड़ी बीमारी थी। इसका कोविड-19 की वैक्सीन या किसी अन्य वैक्सीन से कोई संबंध नहीं सामने आया है।
यह जरूर है कि इनमें से ज्यादातर लोगों कोमौत से पहले कोई बड़ा लक्षण नहीं महसूस हो रहा था। लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार उनमें बीमारी अंदर ही अंदर सालों से पनप रही थी।
इसे भी पढ़ें: कम उम्र में बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले, डेली रूटीन में न करें ये 5 गलतियां
युवा उम्र में दिल की बीमारी क्यों बढ़ रही है?
इस स्टडी में सीधे तौर पर युवाओं की खराब लाइफस्टाइल और खराब खानपान को हार्ट अटैक का जिम्मेदार माना गया है। शोधकर्ताओं को खासतौर पर इन चीजों से हार्ट अटैक का लिंक मिला-
- स्मोकिंग और तंबाकू का सेवन
- फिजिकल एक्टिविटी की कमी
- मोटापा और पेट की चर्बी
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- अनियमित नींद
- लगातार तनाव
ये सभी फैक्टर मिलकर दिल की नसों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाते हैं, जिसका पता अक्सर बहुत देर से चलता है।
कुल मिलाकर AIIMS की यह स्टडी बताती है कि लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए लाइफस्टाइल पर ध्यान देना क्यों जरूरी है। गलत लाइफस्टाइल के कारण दिल की बीमारी का खतरा तो बढ़ता ही है, साथ ही और भी कई गंभीर बीमारियों का भी खतरा बढ़ता है। अगर समय रहते दिल की सेहत को गंभीरता से लिया जाए, तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
यह विडियो भी देखें
Read Next
Dementia Risk: रोज 20 मिनट की एक्सरसाइज कैसे आपको डिमेंशिया से बचा सकती है? नई स्टडी में मिला संकेत
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Dec 15, 2025 19:46 IST
Published By : Anurag Gupta