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बच्चों में बढ़ रहा हार्ट रिस्क: महाराष्ट्र में 10 साल के मासूम की मौत, डॉक्टर ने बताए कारण

महाराष्‍ट्र में 10 साल के बच्‍चे की मौत हार्ट अटैक से हो गई। कम उम्र में हार्ट अटैक का कारण हाई बीपी, मोटापा या जेनेट‍िक दोष हो सकते हैं।
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बच्चों में बढ़ रहा हार्ट रिस्क: महाराष्ट्र में 10 साल के मासूम की मौत, डॉक्टर ने बताए कारण


महाराष्‍ट्र के कोल्‍हापुर जि‍ले में 10 साल के बच्‍चे की मौत हार्ट अटैक से हो गई। 10 साल के श्रवण अजीत गावड़े को खेलने के दौरान हार्ट अटैक आया। जानकारी के मुता‍ब‍िक, बच्‍चा अपने घर के पास गणपत‍ि पंडाल में खेल रहा था, उसे अचानक से बेचैनी महसूस होने लगी। वह अपनी मां के पास गया और गोद में स‍िर रखकर लेट गया। देखते ही देखते उसने मां की गोद में दम तोड़ द‍िया। इस खबर के फैलने के साथ लोगों में भय है क‍ि आख‍िर इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक कैसे आ सकता है? कुछ समय पहले तक हार्ट अटैक के ज्‍यादातर मामले बुजुर्गों में देखे जाते थे, कोव‍िड के बाद से युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ते नजर आए और अब बच्‍चों में भी हार्ट के मामले सामने आने लगे है। सभी के जहन में यह सवाल आता है क‍ि आख‍िर कम उम्र में हार्ट अटैक आने के पीछे क्‍या कारण हो सकते हैं? इस लेख में सवाल के जवाब पर बात करेंगे साथ ही आपको बताएंगे क‍ि हार्ट अटैक से बच्‍चे को कैसे बचाया जा सकता है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के पल्‍स हॉर्ट सेंटर के कॉर्ड‍ियोलॉज‍िस्‍ट डॉ. अभ‍िषेक शुक्‍ला से बात की।

10 साल के मासूम की मौत, पहले से नहीं थी कोई बीमारी- Kid Died Due To Heart Attack In Maharashtra 

महाराष्‍ट्र में 10 साल के श्रवण की मौत के बाद, यह सवाल तेजी से उठ रहा है क‍ि जब बच्‍चे एल्‍कोहल नहीं पीते, अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल फॉलो नहीं करते, तो आख‍िर उन्‍हें हार्ट अटैक कैसे आ सकता है? श्रवण के माता-प‍िता ने मीड‍िया को बताया क‍ि श्रवण को पहले से हार्ट की कोई बीमारी नहीं थी, न ही कोई और जन्‍मजात बीमारी थी, ज‍िसके कारण हार्ट अटैक आया। माता-प‍िता को श्रवण की मौत हार्ट अटैक से आने का बेहद आश्चर्य है।

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बच्‍चों में हार्ट अटैक के क्‍या कारण हो सकते हैं?- Causes Of Heart Attack In Children

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इंड‍ियन जर्नल ऑफ मेड‍िकल र‍िसर्च की एक स्‍टडी के मुताब‍िक, बच्चों में मोटापा, कम एक्‍ट‍िव होना, हाई बीपी, टाइप-2 डायब‍िटीज, खराब खानपान वगैरह के कारण कार्डियोवैस्कुलर समस्‍याएं तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर शहरी और मध्यम-वर्गीय बच्चों में ये समस्‍याएं ज्‍यादा हैं। बच्‍चों में हार्ट अटैक के कुछ अन्‍य कारण भी हो सकते हैं-

बच्‍चों को हार्ट अटैक से कैसे बचाएं?- How To Prevent Heart Attack In Children

  • कॉर्ड‍ियोलॉज‍िस्‍ट डॉ. अभ‍िषेक शुक्‍ला ने बताया क‍ि बच्चों को जंक फूड, पैकेज्ड स्नैक्स, कोल्ड ड्रिंक्स से दूर रखें। बच्‍चों की डाइट में हरी सब्जियां, फल, दूध, दालें, नट्स और ओमेगा-3 युक्त फूड्स को शामिल करें।
  • बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटे आउटडोर एक्टिविटी कराएं।
  • बच्चों को उम्र के अनुसार 8 से 10 घंटे की नींद लेना चाह‍िए।
  • बच्चों का ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल समय-समय पर चेक कराएं।
  • अगर परिवार में हार्ट डिजीज का इतिहास है तो कार्डियक स्क्रीनिंग जरूर कराएं।
  • बच्चों के टीकाकरण चार्ट को फॉलो करें।
  • बच्‍चों में बेसिक हाइजीन (हाथ धोना, साफ पानी पीना) की आदत डालें।

न‍िष्‍कर्ष:

महाराष्‍ट्र में 10 साल के श्रवण की मौत हार्ट अटैक से होना बेहद दुखद घटना है। बच्‍चों को हार्ट अटैक से बचाने के ल‍िए समय-समय पर बॉडी चेकअप और हेल्‍दी डाइट और लाइफस्‍टाइल को फॉलो करवाना जरूरी है।

उम्‍मीद करते हैं क‍ि आपको इस लेख से नई जानकारी मि‍ली होगी। इसे ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों के साथ शेयर करना न भूलें।

FAQ

  • बच्‍चों में हार्ट अटैक के क्‍या लक्षण हैं?

    बच्‍चों में हार्ट अटैक आने पर सीने में दर्द, सांस फूलना, बेहोशी, पसीना आना, तेज धड़कन, थकान हो सकती है। 
  • बच्‍चों को हार्ट अटैक क्‍यों आता है?

    बच्चों में हार्ट अटैक अक्सर जन्मजात हृदय रोग, जेनेटिक, मोटापा, हाई बीपी या डायब‍िटीज जैसी समस्‍याओं के कारण हो सकता है। 
  • मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरे बच्चे को दिल की समस्या है?

    अगर बच्‍चे की सांस फूल रही है, द‍िल की धड़कन तेज हो रही है, थकान है, बेहोशी है या सीने में दर्द हो रहा है, तो बच्‍चे को तुरंत हॉस्‍प‍िटल लेकर जाएं और जांच करवाएं।

 

 

 

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