कुछ लोगों को अनुवांशिक कारणों और डाइट की गलत आदतों के चलते नसों में प्लाक बनने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। प्लाक बनने की वजह से हार्ट को रक्त शरीर के अंगों तक भेजने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसकी वजह से हृदय पर दबाव पड़ता है, और कुछ मामलों में यह व्यक्ति के हार्ट अटैक(Heart Attack) और कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) का कारण बन सकता है। इन दोनों ही स्थितियों में व्यक्ति को तुरंत इलाज की जरूरत होती है। यदि इन स्थितियों में इलाज न मिले तो यह व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इन दोनों ही स्थितियों में अलग-अलग तरह के इलाज की आवश्यकता होती है। यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट प्रिंसिप्ल डॉ असित खन्ना से जानते हैं कि हार्ट अटैक(Heart Attack) और कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) का इलाज कैसे किया जाता है।
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर - Difference Of Heart Attack And Cardiac Arrest In Hindi
- हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की धमनियों (Coronary Arteries) में रुकावट के कारण ब्लड सर्कुलेशन बाधित हो जाता है। वहीं, कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है, जिससे ब्लड का सर्कुलेशन पर पूरे शरीर में रुक जाता है।
- व्यक्ति होश में रहता है और उसे सीने में तेज दर्द, पसीना, कमजोरी महसूस हो सकती है। जबकि कार्डियक अरेस्ट में व्यक्ति को अचानक बेहोश हो जाता है और सांस लेना बंद कर सकता है।
- यह आमतौर पर धीरे-धीरे होता है और समय रहते इलाज किया जा सकता है।जबकि कार्डिक अरेस्ट अचानक होता है और तुरंत इलाज न मिलने पर घातक हो सकता है।
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हार्ट अटैक का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Heart Attack in Hindi
हार्ट अटैक के उपचार में मरीज की स्थिति के आधार पर विभिन्न मेडिकल प्रक्रिया को अपनाई जाती हैं।
इमरजेंसी इलाज
अगर किसी को हार्ट अटैक हुआ है, तो तुरंत एम्बुलेंस या डॉक्टर को बुलाएं। जब तक मेडिकल सहायता न पहुंचे, तब तक आप आगे बताए उपायो को अपना सकते हैं। हार्ट अटैक आने के बाद मरीज को आरामदायक स्थिति में बैठाएं। यदि, डॉक्टर ने हार्ट अटैक के समय एस्पिरिन चबाने की सलाह दी है तो मरीज को ये दवा दें।
दवाइयों द्वारा उपचार
हार्ट अटैक के मरीजों को कई प्रकार की दवाइयां दी जाती हैं। इसमें ब्लड क्लॉट को घोलने में मदद करने वाली थ्रोम्बोलिटिक्स (Thrombolytics), खून क गाढ़ा होने से रोकने के लिए एंटीप्लेटलेट दवाएं (Antiplatelet Drugs), धड़कनों को नियमित करने के लिए बीटा-ब्लॉकर्स आदि दवाएं दी जा सकती हैं।
एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग
अगर हार्ट अटैक गंभीर है, तो एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) की जाती है। इसमें एक पतली ट्यूब (कैथेटर) को धमनी यानी नसों में डाला जाता है और संकरी हुई धमनियों को खोलने के लिए स्टेंट (Stent) लगाया जाता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन दोबारा से ठीक हो जाता है।
बायपास सर्जरी (Bypass Surgery)
यदि हार्ट की नसों बहुत ज्यादा संकरी हो चुकी हैं, तो कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्टिंग (CABG) सर्जरी की जाती है। इसमें एक नई नस जोड़कर ब्लड सर्कुलेशन को दोबारा ठीक किया जाता है।
कार्डियक अरेस्ट का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Cardiac Arrest in Hindi
कार्डियक अरेस्ट एक इमरजेंसी स्थिति है, जिसमें तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है। इसमें सीपीआर (CPR) और एईडी (AED) का उपयोग जीवन बचाने में मदद कर सकता है।
सीपीआर (CPR - Cardiopulmonary Resuscitation)
अगर कोई व्यक्ति अचानक गिर जाए, बेहोश हो जाए और सांस न ले रहा हो, तो तुरंत सीपीआर शुरू करें। इसमें व्यक्ति को फ्लैट जगह पर लेटाकर उसके सीने को दोनों हथेलियों से पंप करना होता है।
एईडी (AED - Automated External Defibrillator)
यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है, जो हृदय की अनियमित धड़कनों को झटका देकर सामान्य कर सकता है। अगर एईडी उपलब्ध हो, तो इसे मरीज के सीने पर लगाएं और निर्देशों का पालन करें।
हृदय प्रत्यारोपण (Implantable Devices)
हार्ट की अनियमित धड़कनों को रोकने के लिए आईसीडी (ICD - Implantable Cardioverter Defibrillator) डिवाइस को लगााय जा सकता है। इसके अलावा, हृदय को सही तरीके से धड़कने में मदद करने के लिए पेसमेकर (Pacemaker) लगाया जा सकता है।
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हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों गंभीर चिकित्सा स्थितियां हैं, जिनमें तुरंत उपचार की आवश्यक होता है। हार्ट में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होने से यह स्थितियां उत्पन्न होती हैं। इससे बचने के लिए आप नियमित रूप से आवश्यक टेस्ट कराएं और किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।