
दिमाग को तेज रखने के लिए हम अक्सर पजल, याददाश्त बढ़ाने वाले गेम या दवाओं की बात करते हैं। लेकिन नई रिसर्च कहती है कि दिमाग को बूढ़ा होने से बचाने का सबसे आसान तरीका है रोज थोड़ी देर एक्सरसाइज। जी हां, Johns Hopkins Bloomberg School of Public Health की इस स्टडी में पाया गया कि सिर्फ 20 मिनट की मॉडरेट या तेज एक्सरसाइज डिमेंशिया का खतरा कम कर सकती है। यानी बहुत भारी वर्कआउट, जिम में घंटे भर की मेहनत या स्पेशल ट्रेनिंग… कुछ भी जरूरी नहीं। बस रोज थोड़ा सा चलना, तेज चाल से घूमना या घर के कामों में एक्टिव रहना भी असर दिखा सकता है।
दिमाग पर एक्सरसाइज का असर कैसे पड़ता है?
ये बात तो आप जानते ही हैं कि दिमाग और शरीर एक-दूसरे से बहुत गहराई से जुड़े होते हैं। जब आप वॉक करते हैं, तेजी से सांस लेते हैं या मसल्स एक्टिव होती हैं, तो शरीर के साथ-साथ दिमाग में भी कई बदलाव होते हैं, जैसे-
- खून का बहाव दिमाग तक बेहतर पहुंचता है
- नए न्यूरॉन कनेक्शन बनने में मदद मिलती है
- इंफ्लेमेशन कम होता है
- दिमाग से जुड़ी कोशिकाएं ज्यादा समय तक स्वस्थ रहती हैं
यही वजह है कि रोज थोड़ी देर की एक्सरसाइज भी लंबे समय में दिमाग पर गहरा असर छोड़ सकती है।
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कितनी एक्सरसाइज सही मानी गई?
स्टडी के अनुसार रोज 20 मिनट की मॉडरेट या तेज एक्सरसाइज करना फायदेमंद है। अगर किसी के पास रोज एक्सरसाइज का टाइम नहीं है, तो हफ्ते में 2-3 बार लगभग 35-40 मिनट की तेज गति वाली एक्टिविटीज (Vigorous Activities) करना भी फायदेमंद हो सकता है। इन दोनों का दिमाग पर पॉजिटिव असर पड़ता है।
- किसको एक्सरसाइज करने से मिल सकता है फायदा?
- 40 से 75 साल की उम्र के लोग
- जिनके परिवार में डिमेंशिया का इतिहास है
- जो लंबे समय से sedentary lifestyle में रहे हैं
- जिनमें याददाश्त को लेकर शुरुआती बदलाव दिख रहे हैं
एक अच्छी बात ये भी है कि इसमें उम्र, वजन और मेडिकल इतिहास बहुत बड़ी बाधा नहीं बनते। अगर आप रोज 20 मिनट एक्टिव रहना शुरू कर देते हैं, तो भी फर्क पड़ सकता है।
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यह स्टडी कैसे की गई?
Johns Hopkins के वैज्ञानिकों ने हजारों लोगों के Health और Activity Data का कई सालों तक विश्लेषण किया। इन लोगों को विशेष ट्रैक्सर्स की मदद से ट्रैक किया गया और कुछ सवालों के जवाब Questionnaires के रूप में रिकॉर्ड किए गए। इस रिकॉर्ड में यह शामिल था कि लोग रोज कितनी देर चलते हैं या एक्टिव रहते हैं। फिर रिसर्चर्स ने यह देखा कि जिन लोगों की फिजिकल एक्टिविटी कम थी, उनमें भविष्य में डिमेंशिया का खतरा ज्यादा पाया गया। सबसे खास बात यह थी कि थोड़ी-सी भी एक्टिविटी करने वाले लोगों में दिमागी समस्या का जोखिम काफी कम हो गया। यानी शुरुआत भारी एक्सरसाइज से नहीं, बल्कि छोटे कदमों से भी हो सकती है।
ध्यान रखें कि डिमेंशिया ऐसी बीमारी है, जो धीरे-धीरे जीवन की गुणवत्ता पर असर डालती है। लेकिन सही लाइफस्टाइल के द्वारा इसकी शुरुआत को कई सालों तक टाला जा सकता है। अगर आप दिमाग को लंबी उम्र तक स्वस्थ रखना चाहते हैं और डिमेंशिया या अल्जाइर जैसी याददाश्त से जुड़ी गंभीर बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो आपको रोज थोड़ी एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। शुरुआत के लिए आप रोज 20 मिनट तेज चाल से चलना शुरू कर सकते हैं। अगर समय कम हो तो 10-10 मिनट के दो हिस्सों में भी वॉक कर सकते हैं।
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Dec 12, 2025 20:30 IST
Published By : Anurag Gupta