रेगुलर से 5 मिनट भी ज्यादा करते हैं एक्सरसाइज, तो बीपी की समस्या में मिल सकता है ज्यादा फायदा: स्टडी

एक स्टडी के मुताबिक डेली रूटीन में 5 मिनट ज्यादा एक्सरसाइज करने से आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर होने का जोखिम कम हो सकता है। 
  • SHARE
  • FOLLOW
रेगुलर से 5 मिनट भी ज्यादा करते हैं एक्सरसाइज, तो बीपी की समस्या में मिल सकता है ज्यादा फायदा: स्टडी

Exercise Prevents High Blood Pressure in Hindi: स्वस्थ रहने के लिए नियमित तौर पर एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी होती है। कुछ लोग एक्सरसाइज को लेकर काफी एक्टिव रहते हैं और देर तक शारीरिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो एक्सरसाइज तो करते हैं, लेकिन समय देखकर और समय निर्धारित करके करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं अपने डेली रूटीन में से रोजाना केवल 5 मिनट ज्यादा एक्सरसाइज करने से सेहत को ढेरों फायदे मिल सकते हैं। जी हां, इसपर एक स्टडी की गई है, जिसके मुताबिक डेली रूटीन में 5 मिनट ज्यादा एक्सरसाइज करने से आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर होने का जोखिम कम हो सकता है।

5 मिनट ज्यादा एक्सरसाइज करने से नहीं होगा हाई बीपी

जर्नल सर्कुलेशन में छपी इस स्टडी के मुताबिक अगर आप अपने डेली रूटीन में से 5 मिनट अधिक एक्सरसाइज करते हैं और इस रूटीन को लंबे समय तक फॉलो करते हैं तो इससे ब्लड प्रेशर हाई होने का जोखिम कम होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी एंड यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने स्टडी में कुल 14 हजार वॉलेंटियर्स को शामिल कर उन्हें एक डिवाइस दी। डिवाइस में उनके दिनभर की गतिविधियां रिकॉर्ड हो रही थीं, जिसमें नींद से लेकर एक्सरसाइज सभी का पता चल रहा था। 7 दिनों तक लगातार इसपर नजर रखने के बाद यह पता चला कि 5 मिनट ज्यादा एक्सरसाइज करने से हाई बीपी की समस्या नहीं होगी। 

ips-inside

कम होता है अन्य बीमारियों का भी जोखिम

स्टडी के मुताबिक रोजाना 5 मिनट ज्यादा एक्सरसाइज करना आपकी कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को बेहतर रखने के साथ ही शरीर के अन्य अंगों को भी हेल्दी रखती है। इसके लिए आप 5 मिनट किसी भी एक्सरसाइज को शामिल कर सकते हैं। चाहे वह साइकिलिंग, जॉगिंग, रनिंग या ब्रिस्क वॉकिंग हो। ऐसा करने से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने का जोखिम भी 28 फीसदी तक कम होता है। वहीं, अगर आपको पहले से ही हाई बीपी की समस्या है तो संभव है कि यह ठीक भी हो सकती है।

Read Next

दुबले-पतले हों या ओवरवेट दोनों तरह के बच्चों को बराबर होता है फेफड़ों की बीमारी का खतरा: स्टडी

Disclaimer