दुबले-पतले हों या ओवरवेट दोनों तरह के बच्चों को बराबर होता है फेफड़ों की बीमारी का खतरा: स्टडी

हाल की एक स्टडी के मुताबिक बीएमआई से कम या ज्यादा वजन दोनों तरह के बच्चों को फेफड़ों से जुड़ी बीमारी होने का बराबर खतरा रहता है।
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दुबले-पतले हों या ओवरवेट दोनों तरह के बच्चों को बराबर होता है फेफड़ों की बीमारी का खतरा: स्टडी


Skinny or overweight both can affect lung function in children in Hindi: कई बार बच्चे दुबले-पतले होते हैं तो कुछ बच्चे ओवरवेट होते हैं। हालांकि, दोनों ही स्थितियां सामान्य नहीं हैं। ज्यादा दुबला या ज्यादा मोटा होना दोनों कई बार स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा हो सकता है। हमेशा बॉडी मास इंडेक्स (BMI) उनकी हाइट के हिसाब से रहना चाहिए। अगर आपका बच्चा भी ज्यादा पतला या ओवरवेट है तो इस लेख को जरूर पढ़ें। हाल की एक स्टडी के मुताबिक बीएमआई से कम या ज्यादा वजन दोनों तरह के बच्चों को फेफड़ों से जुड़ी बीमारी होने का बराबर खतरा रहता है। इससे बच्चें के लंग फंक्शन्स यानि फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।

क्या कहती है स्टडी?

करोलिंक्सा इंस्टीट्यूट के डॉ. गैंग वैंग द्वारा की गई स्टडी के मुताबिक बच्चे का वजन अगर बीएमआई से कम है या ज्यादा है तो यह दोनों ही स्थितियां उनके फेफड़ों के लिए हानिकारक हो सकती हैं। स्टडी के मुताबिक फेफड़ों के फंक्शन्स मां के गर्भ से बच्चों में पहुंचते हैं। अगर बचपन से ही बच्चे का वजन ज्यादा या सामान्य से बेहद कम है तो इससे फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। लंग फंक्शन ठीक से काम नहीं करने पर कई बार बच्चों को डायबिटीज या हार्ट से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं।

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24 सालों तक बच्चों पर रखी गई नजर 

डॉ. वैंग के मुताबिक इस स्टडी में शामिल किए गए बच्चों को जन्म से लेकर 24 साल की उम्र होने तक उनपर नजर रखी गई। जिसमें उनके फेफड़ों के फंक्शन्स को बेहद करीब से देखा गया। इसमें उनके फेफड़ों के फंक्शन्स में हो रहे बदलावों पर नजर रखी गई। जिसमें पाया गया कि बॉडी मास इंडेक्स से कम या ज्यादा वाले बच्चों के फेफड़ों में वाकई समस्या हो सकती है। यह स्टडी कुल 4 हजार बच्चों पर की गई थी। इसलिए बच्चों के फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए उनके बीएमआई को जरूर ध्यान रखें।

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