How can poor sleep harm kids brain development in Hindi: अधूरी या खराब नींद लेना सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बनता है। इस रूटीन को लंबे समय तक फॉलो करना कई बीमारियों का सबब भी बन सकता है। ऐसी आदत न सिर्फ व्यसकों बल्कि, बच्चों के लिए भी नुकसानदायक होती है। यह आदत न केवल बच्चों को मोटापे का शिकार बनाती है, बल्कि उनके शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास को भी धीमा कर देती है। हाल ही में एक स्टडी की गई है, जिसके मुताबिक खराब नींद लेने से बच्चों के दिमाग का विकास प्रभावित होता है। आइये जानते हैं ऐसा क्यों होता है।
क्या कहती है स्टडी?
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैलिफॉर्निया द्वारा की गई इस स्टडी के मुताबिक बच्चे जब सोते हैं तो इस दौरान उनके दिमाग में न्यूरल कनेक्शनंस मजबूत बनते हैं, जिससे दिमाग का विकास होता है। वहीं, जब बच्चे खराब या अधूरी नींद लेते हैं तो इससे उनका न्यूरल कनेक्शन कमजोर पड़ जाता है, जिससे उनके दिमाग का विकास भी धीमी गति से होता है। हालांकि, अभी यह स्टडी चूहों पर की गई है। आगे चलकर इंसानों पर भी इसे किया जा सकता है। कम उम्र के चूहों पर नींद का असर बड़े चूहों के मुकाबले ज्यादा था।
खराब नींद का पड़ता है असर
यूनीवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलीना के प्रोफेसर ग्राहम डियरिंग द्वारा की गई इस स्टडी को करके मुख्यतौर पर यह समझना था कि नींद इंसानों में कैसे काम करती है। स्टडी कर देखा गया कि व्यसकों में नींद दिमाग की मरम्मत यानि उसे हील करने का काम करती है। इसलिए बच्चों के दिमाग का विकास तेजी से करने के लिए उन्हें भरपूर नींद लेना जरूरी है।
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बच्चों की नींद कैसे सुधारें?
- बच्चों को भरपूर नींद लेने के लिए सोने से पहले उनसे मोबइल या स्क्रीन ले लें।
- इसके लिए उनके सोने का एक सटीक समय निर्धारित कर लें।
- सुलाने से पहले आप बच्चों की मालिश भी कर सकते हैं।
- ऐसे में बच्चे के कमरे की लाइट जरूर बंद करें। रात में सोने से पहले उन्हें ज्यादा पानी न पिलाएं।