नींद की कमी आपके दिमाग को तेजी से बनाती है बूढ़ा, स्टडी में सामने आया सच

नई स्टडी में पाया गया है कि लंबे समय तक अनिद्रा रहने पर मस्तिष्क तेजी से उम्रदराज होता है और डिमेंशिया और मेमोरी लॉस का खतरा बढ़ जाता है।
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नींद की कमी आपके दिमाग को तेजी से बनाती है बूढ़ा, स्टडी में सामने आया सच


क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि रात में आप सोना चाहते हैं लेकिन नींद नहीं आती? या आती भी है, तो बीच में जाग जाते हैं और फिर दोबारा सोना मुश्किल हो जाता है? ये अनिद्रा (Insomnia) है, जो इन दिनों युवाओं में बहुत सामान्य होती जा रही है। और आपको जानकर हैरानी होगी कि लंबे समय में ये अनिद्रा आपकी सेहत पर बहुत बुरा असर डाल सकती है, खासकर दिमाग पर। जी हां, एक नए अध्ययन में सामने आया है कि अगर आप रात में देर तक जागते हैं या आपकी नींद अक्सर पूरी नहीं होती है, तो आपका दिमाग तेजी से बूढ़ा होता है।

अनिद्रा का याददाश्त से सीधा कनेक्शन

Neurology Journals में प्रकाशित इस क्लिनिकल अध्ययन में पाया गया कि जो लोग लंबे समय से अनिद्रा से जूझ रहे हैं, उनमें याददाश्त की कमी और संज्ञानात्मक कमजोरी (Mild Cognitive Impairment) का खतरा उन लोगों की तुलना में करीब 40% अधिक है, जिन्हें अनिद्रा नहीं है। यह ‘न्यूरोलॉजिकल एजिंग’ यानी मस्तिष्क की उम्र बढ़ने से सीधे जुड़ा हुआ संकेत है।

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उम्र के साथ बढ़ता जाता है खतरा

यह अध्ययन करीब 2,750 स्वस्थ बुजुर्गों (लगभग 70 वर्ष उम्र) पर किया गया था, जिनका फॉलो-अप लगभग 5.6 वर्षों तक किया गया। इस दौरान देखा गया कि अनिद्रा से पीड़ित लोगों में से लगभग 14% लोगों को याददाश्त संबंधी समस्या या डिमेंशिया की समस्या हुई, जबकि जिन लोगों ने अच्छी नींद ली यानी जिन्हें अनिद्रा नहीं था, उनमें से सिर्फ 10% लोगों को ही ये समस्याएं हुईं। अध्ययन में मेमोरी कम करने वाले अन्य कारक जैसे उम्र, हाई ब्लड प्रेशर, स्लीप एप्निया (sleep apnea), नींद की दवा लेने की आदत आदि प्रभावों को भी ध्यान में रखा गया।

अनिद्रा को कैसे पहचानें?

अनिद्रा या इन्सोम्निया के लक्षण बहुत सामान्य होते हैं। ऐसा भी संभव है कि आपको अनिद्रा न हो और नीचे बताए गए लक्षण कभी-कभार दिखें। ऐसे में घबराना नहीं है। इन लक्षणों के दिखने पर आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

  • सोने में कठिनाई या देर लगना
  • रात में बार-बार जागना
  • सुबह जल्दी उठ जाना और फिर नींद न आना
  • दिन में थकान, ध्यान न लगना, चिड़चिड़ापन
  • मन में नींद न आने की चिंता बनी रहना

यदि ये लक्षण लगातार हफ्तों से अधिक चल रहे हों और रोजमर्रा की जिन्दगी को प्रभावित कर रहे हों, तो अनिद्रा पुरानी (chronic) मानी जाती है।

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इस स्टडी में बताई गई बातों से पता चलता है कि अनिद्रा को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। इसका असर भले ही आपको अभी न दिखे, लेकिन लंबे समय में ये समस्या आपके मस्तिष्क और याददाश्त को प्रभावित कर सकती है। अगर आप अनिद्रा से जूझ रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। अपनी दिनचर्या बदलें, नींद को प्राथमिकता दें, और जरूरत पड़े तो डॉक्टर की मदद लें।

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  • Oct 16, 2025 19:00 IST

    Modified By : Anurag Gupta
  • Oct 16, 2025 19:00 IST

    Published By : Anurag Gupta

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