कोलेस्ट्रॉल बढ़ना शरीर के लिए कई तरीकों से नुकसानदायक होता है। कुछ लोगों में एचडीएल यानि गुड कोलेस्ट्रॉल सेहत के लिए फायदेमंद होने की धारणा बनी हुई है। लेकिन शरीर में इसकी ज्यादा मात्रा भी हानिकारक साबित हो सकती है। हाल ही में लांसेट रीजनल हेल्थ में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक शरीर में ज्यादा गुड कोलेस्ट्रॉल होने से डिमेंशिया का जोखिम बढ़ता है। आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
क्या कहती है स्टडी?
स्टडी के शोधकर्ताओं की मानें तो शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की ज्यादा मात्रा होना ब्रेन को प्रभावित कर सकती है। इससे ब्रेन पर प्रभाव पड़ सकता है। बड़ी उम्र के लोगों में इसका जोखिम ज्यादा रहता है। स्टडी में कुल 2709 लोगों को शामिल किया गया, जिनकी उम्र 75 साल या फिर उससे ज्यादा थी। इनकी शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक थी। कुछ साल चली इस स्टडी के बाद सामने आया कि कम एचडीएल वालों की तुलना में ज्यादा एचडीएल कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में डिमेंशिया का खतरा 27 प्रतिशत तक बढ़ा था।
कैसे करता है ब्रेन को प्रभावित?
एचडीएल कोलेस्ट्रॉल शरीर को अन्य तरीकों से प्रभावित करने के साथ ही साथ ब्रेन को भी प्रभावित करता है। दरअसल, शरीर में इस एचडीएल का जमाव होने पर रक्त वाहिकाओं में सिकुड़न आने लगती है, जिससे स्ट्रोक होने की भी आशंका बढ़ जाती है। यह कोलेस्ट्रॉल शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में ब्रेन में काफी अलग तरीके से प्रतिक्रिया करता है, जिससे डिमेंशिया होने का जोखिम बढ़ने लगता है।
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एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के नुकसान
- लांसेट जर्नल में प्रकाशित हो चुकी पिछली स्टडी के मुताबिक एलडीएल के साथ ही एचडीएल कोलेस्ट्रॉल भी हार्ट से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ाता है।
- हाई एचडीएल कोलेस्ट्रॉल कई बार मौत के जोखिम को भी बढ़ाता है।
- शरीर में इसकी मात्रा ज्यादा होने पर डायबिटीज होने का भी खतरा बढ़ता है।
- इससे व्यक्ति में मेटाबॉलिक सिंड्रॉम के साथ ही साथ स्ट्रोक होने का भी खतरा बढ़ने लगता है।
- इससे रक्त वाहिकाओं पर भी दबाव पड़ता है।