हाल ही में रिलीज हुई फिल्म सैयारा (Saiyaara) ने दर्शकों के दिलों को छू लिया, खासकर उस कहानी से जो फिल्म की मुख्य किरदार वानी बत्रा को अल्जाइमर रोग से जूझने के संघर्ष को दिखाती है। फिल्म में यह दिखाया गया है कि अल्जाइमर या डिमेंशिया जैसी बीमारियां केवल याददाश्त ही नहीं, पहचान और अस्तित्व की भावना पर भी असर डालता है। फिल्म इस बात पर जोर देती है कि भूलने की समस्या को हल्के में न लें, क्योंकि यह किसी गंभीर मानसिक स्थिति का संकेत हो सकता है।
बढ़ती उम्र के साथ कभी-कभी भूल जाना सामान्य माना जाता है। जैसे चश्मा कहां रखा, कोई नाम याद न आना या मोबाइल कहीं छोड़ देना। लेकिन जब यह भूलने की आदत रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करने लगे, तो यह सिर्फ साधारण भूलने की समस्या नहीं रह जाती। लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद ने बताया कि कई बार ये लक्षण डिमेंशिया (Dementia) की ओर इशारा करते हैं, जो मस्तिष्क से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। डिमेंशिया केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि एक समूह है- जिसमें अल्जाइमर (Alzheimer's), वास्कुलर डिमेंशिया (Vascular Dementia) और अन्य प्रकार की दिमागी क्षमताओं की कमी शामिल है। इसका असर सोचने, याद रखने, बातचीत करने और निर्णय लेने की क्षमता पर पड़ता है। यह जानना जरूरी है कि कब किसी व्यक्ति को डॉक्टर को दिखाना चाहिए। कई बार परिवार वाले यह मानकर बैठ जाते हैं कि बुजुर्ग है, भूलना तो सामान्य है, लेकिन अगर समय पर इलाज न हो, तो यह स्थिति बिगड़ती जाती है। आइए जानते हैं कैसे पहचानें कि यह सामान्य भूलने की आदत है या डिमेंशिया की शुरुआत।
डिमेंशिया और भूलने की आदत में अंतर कैसे समझें?- Difference Between Forgetfulness or Dementia
- भूलने की आदत होने पर व्यक्ति कभी-कभी चीजें भूल जाता है, जैसे चाबी या किसी का नाम, लेकिन थोड़ी देर में याद आ जाता है और उसकी लाइफ पर ज्यादा असर नहीं पड़ता।
- वहीं, डिमेंशिया एक मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति की याददाश्त, सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता लगातार कमजोर होती जाती है। डिमेंशिया में व्यक्ति बार-बार बातें भूलता है, परिचित रास्तों पर भटक जाता है, गलत जगहों पर चीजें रख देता है और अपनी बात कहने में भी कठिनाई महसूस करता है। इसके अलावा, भावनात्मक बदलाव, भ्रम और व्यवहार में असामान्यता भी दिख सकती है।
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1. बातचीत में रुकावट आ रही है?- Are Your Conversations Getting Interrupted
डिमेंशिया से जूझ रहे लोग अक्सर बातचीत के दौरान शब्दों को ढूंढ नहीं पाते या अपनी बात ठीक से पूरी नहीं कर पाते। उन्हें बातों की कड़ी जोड़ने में दिक्कत होती है। वहीं, सामान्य भूलने की आदत में ऐसा बहुत कम होता है।
- भूलने की आदत: कभी-कभी शब्द भूल जाना और बाद में याद आ जाना।
- डिमेंशिया का संकेत: बार-बार वाक्यों को बीच में रोक देना, बातों को बार-बार दोहराना और विषय बदलना।
2. समय, तारीख या मौसम का अंदाजा नहीं रहता?- Do You Lose Track of Time, Date or Season
अगर किसी व्यक्ति को समय, दिन या तारीख का लगातार भ्रम रहता है या मौसम को पहचानने में परेशानी होती है, तो यह डिमेंशिया का एक शुरुआती संकेत हो सकता है।
- भूलने की आदत: किसी दिन की तारीख भूल जाना लेकिन बाद में याद आ जाना।
- डिमेंशिया का संकेत: साल, महीना या मौसम को लेकर बार-बार भ्रम होना और याद न रहना।
3. परिचित जगहों पर भी रास्ता भूल जाते हैं?- Do You Get Lost in Familiar Places
अगर कोई व्यक्ति अपने ही घर के पास या जानी-पहचानी जगहों पर भी रास्ता भूलने लगे, तो यह डिमेंशिया का गंभीर लक्षण हो सकता है।
- भूलने की आदत: कभी-कभी गलत रास्ता पकड़ लेना, लेकिन जल्दी समझ आ जाना।
- डिमेंशिया का संकेत: बार-बार भटक जाना, घर का रास्ता न पहचान पाना या किसी गली को भूल जाना।
4. चीजें रखकर भूल जाते हैं और याद नहीं आता कहां रखीं?- Are You Losing Things and Can’t Figure Out Where They Went
कभी-कभी चाबी या मोबाइल रखकर भूल जाना आम बात है। लेकिन जब कोई व्यक्ति चीजों को अजीब जगहों पर रखे और फिर उन्हें खोज न पाए, तो यह सामान्य नहीं है।
- भूलने की आदत: चीजें रखकर भूल जाना लेकिन बाद में याद आ जाना।
- डिमेंशिया का संकेत: चीजों को जैसे फ्रिज में मोबाइल या जूते में चाबी रख देना और फिर भ्रमित हो जाना कि किसी ने चुरा ली हों।
डॉक्टर को कब दिखाएं?- When to Consult a Doctor
- अगर किसी बुजुर्ग व्यक्ति के व्यवहार में अचानक बदलाव आए।
- रोजमर्रा के काम करने में परेशानी हो।
- याददाश्त लगातार कमजोर होती जा रही हो।
- बात करते हुए भटकाव या भ्रम की स्थिति हो।
- डिमेंशिया जितनी जल्दी पकड़ा जाए, उसका मैनेजमेंट उतना बेहतर हो सकता है। समय पर इलाज और सपोर्ट से व्यक्ति की लाइफ क्वालिटी बेहतर की जा सकती है।
अगर आप कभी-कभी बातें भूलन जाते हैं, तो चिंता की बात नहीं है, लेकिन जब यह आदत जिंदगी को प्रभावित करने लगे, तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। डिमेंशिया कोई आम बात नहीं है, बल्कि दिमाग से जुड़ी एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है। अगर आपको या आपके किसी करीबी को ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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FAQ
डिमेंशिया रोग क्यों होता है?
डिमेंशिया मुख्य रूप से दिमाग की कोशिकाओं के डैमेज के कारण होता है। यह बढ़ती उम्र, सिर की चोट, स्ट्रोक या न्यूरोलॉजिकल रोगों के कारण हो सकता है।भूलने की आदत क्यों हो जाती है?
भूलने की आदत स्ट्रेस, नींद की कमी, पोषण की कमी, डिप्रेशन या उम्र बढ़ने के कारण हो सकती है। कई बार यह मानसिक थकावट या मल्टीटास्किंग का परिणाम भी होती है।भूलने की बीमारी को कैसे रोकें?
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, रोज एक्सरसाइज करें, संतुलित आहार लें और पर्याप्त नींद लें। सोशल रूप से एक्टिव रहें और समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराना भी जरूरी है।