डिमेंशिया कितने प्रकार के होते हैं? डॉक्टर से जानें

डिमेंशिया रोग का प्रभाव मरीज की आम जिंदगी पर भी देखने को मिलता है। आगे जानते हैं इस समस्या के बारे में।   
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डिमेंशिया कितने प्रकार के होते हैं? डॉक्टर से जानें


उम्र के साथ व्यक्ति की याददाश्त धीरे-धीरे कम होने लगती है। दरअसल, ब्रेन के फंक्शन में होने वाली इस समस्या को डिमेंशिया कहते हैं। इसकी वजह से व्यक्ति की रोजाना लाइफ प्रभावित होती है। उसे अपनी खुद की चीजों का ध्यान नहीं रहता है। अल्जाइमर में भी व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है। दरअसल, अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का ही एक प्रकार है। डिमेंशिया के मरीज के घर में रहने वाले लोगों को उनकी केयर करनी पड़ती है। साथ ही, उनका हर समय ध्यान रखना पड़ता है कि उन्हें किस चीज की आवश्यकता है। इस लेख में मैक्स अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉक्टर विवेक कुमार आपको डिमेंशिया से जुड़े कुछ मुख्य प्रकार के बारे में बता रहें हैं।

डिमेंशिया क्या है? What is Dementia In Hindi 

डिमेंशिया बीमारी के अंदर कई अन्य बीमारियों को शामिल किया जाता है। यह रोग अधिक आयु से संबंधित हैं। इसमें व्यक्ति की याददाश्त पर असर पड़ता है। उसे चीजों को याद रखने में परेशानी होती है। साथ ही, मरीज किसी भी तरह के डिसीजन नहीं ले पाता है। इस समस्या में व्यक्ति घर के आसपास की चीजों को याद नहीं रख पाता है। इसके अलावा, उसे किसी चीज को समझाने के लिए शब्द याद नहीं रहते हैं। इस समस्या में व्यक्ति को पहले की बातें या घटनाएं याद नहीं रहती हैं। डिमेंशिया में मरीज किसी भी काम को दूसरे की मदद के बिना नहीं कर पाता है। इस समस्या में व्यक्ति को इस तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। लेकिन, यह जरूर नहीं है कि हर बुजुर्ग को इस तरह की समस्या का सामना पड़े। 

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type of dementia in hindi

डिमेंशिया कितने प्रकार के होते हैं

अल्जाइमर (Alzheimer)

अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का ही एक आम प्रकार है। डब्लूएचओ के अनुसार 60 से 70 फीसदी बुजुर्गों को यह समस्या हो सकती है। इस समस्या में मरीज के लक्षण समय के साथ गंभीर होने लगते हैं। इस समस्या में मरीज को कंफ्यूजन होने लगता है, वह चीजों को सही ढंग से समझ नहीं पाता है। उसके मूड में बदलाव आने लगता है। वह घर के लोगों को पहचान नहीं पाता है। साथ ही, ऐसे व्यक्ति को खाने पीने में भी परेशानी होने लगती है। 

वैस्कुलर डिमेंशिया (Vascular Dementia)

वैस्कुलर डिमेंशिया में व्यक्ति का ब्लड सर्कुलेशन ब्रेन तक सही तरह से नहीं पहुंच पाता है, जिससे ब्रेन के सेल प्रभावित होते हैं। कुछ समय के बाद सेल डैमेज होने लगते हैं। इसके वजह से व्यक्ति को स्ट्रोक, ब्रेन की नसों का सुकड़ना, नसों का ब्लॉक होना, आदि परेशानियां हो सकती हैं। किसी व्यक्ति को एक ही समय में अल्जाइमर और वैस्कुलर डिमेंशिया एक साथ हो सकते हैं। वैस्कुलर डिमेंशिया में दवाओं से मरीज की गंभीरता को कम किया जा सकता है। 

पार्किंसंस रोग डिमेंशिया (Parkinson's Disease Dementia)

पार्किंसंस रोग डिमेंशिया (पीडीडी) में याददाश्त में कमी आती है, जो पार्किंसंस रोग वाले व्यक्तियों में हो सकती है। एक न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है, जो ब्रेन के फंक्शन को प्रभावित करता है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, कुछ व्यक्तियों में ज्यादा समस्या होने लगती है। 

डिमेंशिया लीयू बॉडीज (Dementia With Lewy Bodies - DLB)

लीयू बॉडी डिमेंशिया (एलबीडी) में व्यक्ति के मस्तिष्क में असामान्य प्रोटीन इकट्ठा होता जाता है, जिसे लीयू बॉडी कहा जाता है। इसके लक्षण अल्जाइमर रोग और पार्किंसंस रोग दोनों के समान होते हैं। लेकिन इस स्थिति में व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होती है। साथ ही उसकी नींद में कमी, किसी चीज पर एकाग्र न हो पाना, व हाथ-पैरों को चलाने में मुश्किल होने लगती है।

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डिमेंशिया एक मस्तिष्क से संबंधित रोग हैं। इसके लक्षणों को दवाओं के माध्यम से कुछ हद तक कम किया जा सकता है। अगर, व्यक्ति को ज्यादा समस्या हो, तो उसे तुरंत इलाज कराना चाहिए।

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