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हमेशा सताता है बीमारी का डर? मैनेज करने के लिए अपनाएं डॉक्टर के बताए ये 5 आसान उपाय

कुछ लोगों को डर हल्के सर्दी जुकाम होने पर भी गंभीर बीमारी होने का डर बना रहता है। यह एक मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा डिसऑर्डर है। आगे जानते हैं कि इसके लक्षण और इलाज के बारे में।
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हमेशा सताता है बीमारी का डर? मैनेज करने के लिए अपनाएं डॉक्टर के बताए ये 5 आसान उपाय


मौसम में बदलाव होते ही कुछ लोगों को संक्रमण, सर्दी-जुकाम और बुखार होने की समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन, कई बार हल्की छींक और सिरदर्द होने पर भी कुछ लोग घबरा जाते हैं। लोगों को लगता है कि यह लक्षण किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इस दौरान वह कई तरह के टेस्ट भी करवा लेते हैं। लेकिन, रिपोर्ट्स नॉर्मल आने के बाद भी इन लोगों को बीमारी का डर सताता रहता है। ऐसे में यदि आपको हल्की गंभीर बीमारी होने पर भी बीमारी की आशंका रहती है तो यह मेंटल डिसऑर्डर की समस्या का संकेत होता है। इसे इलनेस एंग्जायटी डिसऑर्डर (Illness Anxiety Disorder) और हाइपोकॉन्ड्रिया (Hypochondria) कहा जाता है। इस लेख में वेदा क्लीनिक के बाल किशोर और फोरेंसिक मनोचिकित्सक डॉ आस्तिक जोशी से जानते हैं कि इलनेस एंग्जाइटी डिसऑर्डर की समस्या क्यों होती है। इसके लक्षण और कारण क्या होते हैं?

इलनेस एंग्जायटी डिसऑर्डर क्या है? - What Is Illness Anxiety Disorder in Hindi

डॉक्टर्स बताते हैं कि इलनेस एंग्जायटी डिसऑर्डर में व्यक्ति को हर समय यह महसूस होता है कि उनको कोई गंभीर है या उनके बीमार होने का जोखिम ज्यादा होता है। इस दौरान व्यक्ति शरीर के नॉर्मल कामों को भी बीमारी का लक्षण ही समझ लेते हैं। जैसे यदि किसी व्यक्ति को बार बार सिरदर्द होता है तो वह इसको ब्रेन ट्यूमर से जोड़कर देखने लगते हैं। डॉक्टर के समझाने के बाद भी व्यक्ति इस डर को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं और किसी भी काम में फोकस नहीं कर पाते हैं। हालांकि यह डर बेबुनियादी हो सकता है, लेकिन मरीज के लिए यह डर वास्तविक होते हैं।

How to manage illness anxiety disorder in

इलनेस एंग्जायटी डिसऑर्डर के लक्षण क्या होते हैं? Symptoms of Illness Anxiety Disorder in hindi

  • इस दौरान मरीज बीमारियों के लक्षणों को इंटरनेट पर खोजने लगता है।
  • हमेशा बीमार होने के डर से लोगों से दूरी बनाना।
  • हल्के लक्षणों को भी मरीज बढ़ा चढ़ाकर बताते हैं।
  • ऐसे में व्यक्ति बार-बार बीपी और डायबिटीज आदि की जांच करते रहते हैं।
  • अपनी हेल्थ को लेकर हमेशा चिंता करना।
  • अपने लक्षणों के बारे में घर के लोगों के साथ बात करना।
  • गैस और पसीना आने पर बैचेन होना।

इलनेस एंग्जाइटी डिसऑर्डर का क्या कारण है? - Causes Of Illness Anxiety Disorder in Hindi

विशेषज्ञों को इलनेस एंग्जाइटी डिसऑर्डर या हाइपोकॉन्ड्रिया के सही कारणों के बारे में सटिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। यदि, किसी के घर में पहले से किसी सदस्य को इलनेस एंग्जाइटी डिसऑर्डर हो सकता है। लेकिन, कई कारक इस समस्या को बढ़ाने का कार्य करते हैं।

  • अत्यधिक तनाव से ग्रस्त रहना।
  • बचपन में किसी तरह से बीमारी का खराब अनुभव होना।
  • मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे चिंता और अवसाद
  • घर के किसी सदस्य को गंभीर होना, आदि।

इलनेस एंग्जायटी डिसऑर्डर को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है? - How To Manage illness Anxiety Disorder In Hindi

मनोचिकित्सक से मिलें

इस डिसऑर्डर में व्यक्ति को कॉग्नेटिव बिलेवरियल थेरेपी से इलाज करने या लक्षणों को मैनेज करने का प्रयास किया जाता है। इस थेरेपी में व्यक्ति के सोचने के गलत तरीकों को बदला जाता है।

इंटरनेट का इस्तेमाल कम करें

आज के दौर में आप इंटरनेट पर जिन चीजों को देखते हैं आपकी गूगल पर उससे जुड़े विषय ही दिखने लगते हैं। ऐसे में आपका डर और बढ़ सकता है। इस स्थिति में आप माइंड को डायवर्ट करने पर जोर दें।

दोस्तों के साथ हर समय बीमारी पर बात न करें

अपने दोस्तों के साथ आप आप बीमारी के अलावा देश दुनिया के किसी अन्य विषय पर विचार कर सकते हैं। साथ ही, इस तरह के विचारों से बचने के लिए आप छुट्टियों और आउटिंग पर जा सकते हैं।

मेडिटेशन

ध्यान और मेडिटेशन सदियों से आपको मानसिक समस्याओं में आराम पहुंचाने में मदद करता है। यदि आप सुबह और शाम को नियमित रूप से मेडिटेशन करते हैं तो ऐसे में आपको स्ट्रेस, चिंता, तनाव, और अवसाद में आराम मिलता है।

एक्सरसाइज करें

किसी भी तरह का डर सताने या मानसिक समस्या होने पर आप एक्सरसाइज कर सकते हैं। एक्सरसाइज आपको भीतर से मजबूत बनाने में मदद करती है। साथ ही इससे आप फ्रेश और फिट महसूस करते हैं। ऐसे में आपका ध्यान बीमारियों की ओर नहीं जाता है।

इसे भी पढे़ं: बीमारी, डिसऑर्डर और सिंड्रोम में क्या अंतर होता है? समझें डॉक्टर से

इलनेस एंग्जाइटी डिसऑर्डर एक गंभीर मेंटल डिसऑर्डर है जिसे नजरअंदाज करना आपकी सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है। यह समस्या मरीज की लाइफ क्वालिटी को प्रभावित कर सकती है। लेकिन, यदि आप लाइफस्टाइल में कई तरह के बदलाव करते हैं तो ऐसे में आपको मानसिक रोग से जुड़ी इस समस्या में आसानी से आराम मिल सकता है।

FAQ

  • क्या इलनेस एंग्जायटी डिसऑर्डर का इलाज संभव है?

    हां, यदि समय पर CBT (Cognitive Behavioral Therapy), जीवनशैली सुधार और डॉक्टर की मदद ली जाए, तो यह पूरी तरह मैनेज और कंट्रोल किया जा सकता है।
  • क्या यह डिसऑर्डर किसी गंभीर बीमारी में बदल सकता है?

    यह मानसिक विकार है, लेकिन यदि इसे अनदेखा किया जाए, तो यह डिप्रेशन या पैनिक डिसऑर्डर जैसे अन्य मानसिक रोगों में बदल सकता है।
  • क्या खुद को व्यस्त रखने से इस समस्या से राहत मिल सकती है?

    हां, व्यस्त रहना, सकारात्मक गतिविधियों में भाग लेना और ध्यान व योग का अभ्यास करने से सोच को सही दिशा में मोड़ा जा सकता है और चिंता कम की जा सकती है।

 

 

 

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