Sleepy During Day Can Be a Sign of Pre-Dementia in Hindi: डिमेंशिया मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों का एक समूह है। डिमेंशिया के मामले पिछले कुछ समय से देश-दुनिया में तेजी से पैर पसार रहे हैं। पहले यह बीमारी सिर्फ 65 साल के ऊपर की उम्र वाले लोगों को होती थी। लेकिन अब डिमेंशिया युवाओं को भी अपना शिकार बना रहा है। इस बीमारी से पीड़ित होने पर व्यक्ति अपने रोजमर्रा के कामों को भी ठीक से करने में असमर्थ हो जाता है। हाल ही में एक स्टडी सामने आई है, जिसके मुताबिक दिन में ज्यादा नींद आना प्री-डिमेंशिया का लक्षण या संकेत हो सकता है। आसान शब्दों में समझें तो दिन में ज्यादा सोने वाले लोगों में डिमेंशिया का खतरा अधिक बढ़ता है।
क्या कहती है स्टडी?
यह स्टडी न्यूरोलॉजी (Neurology), मेडिकल जर्नल ऑफ द अमेरिकन अकादमी ऑफ न्यूरोलॉजी (Medical Journal of the American Academy of Neurology) में प्रकाशित हुई है। स्टडी के शोधकर्ताओं के मुताबिक दिन में ज्यादा सोने और डिमेंशिया का आपस में सीधा कनेक्शन है। आमतौर पर बुजुर्ग लोग दिन के समय में ज्यादा सोना पसंद करते हैं, उनमें डिमेंशिया होने का खतरा ज्यादा रहता है। यह स्थिति प्री-डिमेंशिया की ओर इशारा करती है। इसका मतलब है कि आप डिमेंशिया के काफी करीब हैं।
दिन में सोने का डिमेंशिया का क्या है कनेक्शन?
इस स्टडी में 76 वर्ष के कुल 445 बुजुर्गों को शामिल किया गया, जिनकी दैनिक गतिविधियों पर बेहद करीब से नजर रखी गई। इन लोगों के सोने की आदत को देखा गया। स्टडी में शामिल 177 लोगों की नींद में किसी न किसी प्रकार की बाधा थी। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को दिन में ज्यादा नींद आती है या जिनमें ऊर्जा की कमी और थकान बनी रहती है उन्हें प्री डिमेंशिया की स्थिति मोटोरिक कॉग्निटिव रिस्क सिंड्रॉम (MCR) होने का अधिक खतरा रहता है।
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डिमेंशिया से बचने के तरीके
डिमेंशिया से बचने के लिए आपको एक बैलेंस्ड और अच्छी डाइट लेनी चाहिए।
इसके लिए आपको ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन को कंट्रोल रखना चाहिए।
इससे बचने के लिए मानसिक रूप से सक्रिय रहें और लोगों से बातचीत करें।