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क्या बढ़ती उम्र में ज्यादा नींद आना डिमेंशिया का संकेत हो सकता है? बता रहे हैं एक्सपर्ट

बढ़ती उम्र में ज्यादा नींद आना डिमेंशिया का संकेत हो सकता है। आखिर इनके बीच क्या कनेक्शन है, जानें एक्सपर्ट से-
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क्या बढ़ती उम्र में ज्यादा नींद आना डिमेंशिया का संकेत हो सकता है? बता रहे हैं एक्सपर्ट

Sleepiness Associated With Dementia In Hindi: डिमेंशिया कई तरह की बीमारियों का एक समूह है। यह मरीजों की सोचने-समझने, याददाश्त, व्यक्तित्व, मनःस्थिति आदि को प्रभावित करता है। यह नहीं, डिमेंशिया कई तरह के मेंटल वर्क की एबिलिटी को भी इफेक्ट करता है। विशेषज्ञों की मानें, तो 85 साल से अधिक उम्र के लोगों में करीब 50 फीसदी लोग डिमेंशिया के मरीज हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, लोगों में डिमेंशिया की समस्या बढ़ती जाती है। बहरहाल, डिमेंशिया को कमजोर याददाश्त से ही जोड़कर देखा जाता है। वहीं, यह भी माना जाता है कि बढ़ती उम्र में बुजुर्गों में नींद की कमी हो जाती है। वे पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं ले पाते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि अगर कोई बढ़ती उम्र में बहुत ज्यादा सोता है, तो क्या यह डिमेंशिया का संकेत हो सकता है? आखिर, डिमेंशिया और नींद के बीच क्या कनेक्शन है? इस बारे में हमने क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी से बात की।

क्या बढ़ती उम्र में ज्यादा नींद आना डिमेंशिया का संकेत हो सकता है?- Is Sleepiness An Early Sign Of Dementia In Hindi

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यूं तो बढ़ती उम्र में लोगों को पर्याप्त नींद की आवश्यकता होता है। एनसीबीआई की मानें, तो बढ़ती उम्र में भी लोगों को कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद चाहिए। हालांकि, लोगों को लगता है कि बुजुर्गों को इतनी लंबी नींद की आवश्यकता नहीं होती है। विशेषज्ञों की सलाह है कि हर उम्र में पर्याप्त नींद की जरूरत होती है। ये बात अलग है कि बुजुर्गों का स्लीप पैटर्न बदल जाता है। इसलिए, वे सुबह जल्दी उठ जाते हैं और रात को देर से सोते हैं। जहां तक सवाल इस बात का है कि क्या बढ़ती उम्र में ज्यादा नींद लेना डिमेंशिया का संकेत हो सकता है? इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है, "दिन के समय बहुत ज्यादा नींद लेना डिमेंशिया की ओर इशारा कर सकता है। लेकिन, आपको यह भी पता होना चाहिए कि दिन के समय बहुत ज्यादा नींद लेना अपने आप में एक समस्या है और यह कई अन्य समस्याओं की ओर भी इशारा करता है।" विशेषज्ञ आगे बताते हैं कि दिन में सोना डिमेंशिया की निशानी हो सकती है। खासकर, अल्जाइमर की वजह से मरीज को दिन में नींद आ सकती है। असल में, अल्जाइमर के मरीजों में सोने का पैटर्न बदल जाता है। उन्हें अक्सर दिन के समय अधिक नींद आती है। हालांकि, इस बात को नजरअंदाज न करें कि दिन में सोना अल्जाइमर का पहला संकेत नहीं है।

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बढ़ती उम्र में डिमेंशिया के जोखिम को कैसे कम करें

डिमेंशिया एक तरह की भूलने की बीमारी है। ऐसे में अपनी याददाश्त को दुरुस्त बनाए रखने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जैसे-

  1. फिजिकली एक्टिव रहें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें। विशेषज्ञों की मानें, तो एक सप्ताह में 150 मिनट एक्सरसाइज जरूर करना चाहिए। इसमें मोडरेट से लेकर इंटेंस एक्सरसाइज करना फायदेमंद होता है। इसके लिए, वॉकिंग, जॉगिंग और स्ट्रेंथ एक्सरसाइज शामिल करें।
  2. अपनी डाइट में हेल्दी चीजें लेना बहुत जरूरी है। इसमें सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन आदि शामिल करें। बैलेंस्ड डाइट की मदद से स्वास्थ्य में सुधार होता है। इसका मेंटल हेल्थ पर भी अच्छा असर पड़ता है।
  3. अपने ब्रेन को एक्टिव रखने की कोशिश करें। इसके लिए कुछ इनडोर गेम्स पर फोकस करें। इसमें बोर्ड गेम्स, पजल गेम्स आदि शामिल हैं। आप जितना ज्यादा अपने दिमाग को चैलेंजेस देंगे, दिमाग उतना ही एक्टिव रहेगा। इससे दिमाग दुरुस्त रहेगा और याददाश्त में सुधार होगा।
All Image Credit: Freepik

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