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डिमेंशिया के अंतिम दौर में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

डिमेंशिया में व्यक्ति को महत्वपूर्ण चीजों को याद रखने भी मुश्किल होती है। आगे जानते हैं इसके कुछ गंभीर लक्षण के बारे में।   
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डिमेंशिया के अंतिम दौर में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

डिमेंशिया दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है, जिसमें अल्जाइमर रोग सबसे आम रूप है। जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती है, व्यक्ति बीमारी के लास्ट स्टेज तक पहुंच जाता है। डिमेंशिया की बीमारि की कई स्टेज होती हैं। डिमेंशिया की लास्ट स्टेज मरीज और उनके परिवार के लोगों के चुनौतीपूर्ण और भावनात्मक रूप से कठिन समय होता है। लास्ट स्टेज के लक्षणों को समझकर परिवार वाले और मरीज के करीबी उनकी देखभाल सही तरीके से कर सकते हैं। इस लेख में इस लेख में मैक्स अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉक्टर विवेक कुमार से जानते हैं कि डिमेंशिया की लास्ट स्टेज में किस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। 

डिमेंशिया के अंतिम दौर में क्या लक्षण दिखाई देते हैं | What Are The Signs Of End Stage Dementia In Hindi

कॉग्नेटिव लॉस 

डिमेंशिया के लास्ट स्टेज के दौरान, व्यक्ति की कॉग्नेटिव लॉस (शरीर के अंग और ब्रेन का तालमेल न हो पाना) हो जाता हैं। इसके साथ ही मरीज को करीबी परिवार के सदस्यों को पहचानने में परेशानी हो सकती है। कपड़े पहनना, खाना या शौचालय का उपयोग करना जैसे सरल कार्य भी कर पाना मुश्किल हो जाता है। उन्हें रोजाना के कार्य के लिए भी पूर्ण सहायता की आवश्यकता हो सकती है। 

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मैमोरी लॉस

मैमोरी लॉस डिमेंशिया की एक प्रमुख विशेषता है, और ला्स्ट स्टेज में यह समस्या गंभीर रूप ले लेती है। व्यक्ति को अपने या अपने जीवन के बारे में आम बातें भी याद रखने में कठिनाई हो सकती है। हो सकता है कि उन्हें हाल की घटनाएं याद न हों और उनको पुरानी घटनाओं के बारे में भी कुछ याद न आए। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, वे अपने घर या उन लोगों को नहीं पहचान पाते जिन्हें वह वर्षों से जानते हैं।

शारीरिक कार्य न कर पाना

बीमारी की लास्ट स्टेज में मरीज की शारीरिक क्षमताओं कम हो जाती है। मरीज एक्टिव नहीं रहता है और कई बार वह सारे कार्य बिस्तर पर लेटकर ही करता है। वह बिना सहायता के बैठने, खड़े होने या यहां तक कि बिस्तर पर करवट भी नहीं बदल पाते हैं। ऐसे में उनको घाव व अन्य समस्याए होन लगती हैं। 

निगलने में कठिनाई और वजन कम होना

जैसे-जैसे डिमेंशिया बढ़ता है, मरीज को निगलने में कठिनाई होने लगती है। इस स्थिति को डिस्पैगिया कहा जाता है। इसमें मरीज को भोजन चबाने और निगलने में परेशानी हो सकती है, जिससे दम घुटने और एस्पिरेशन निमोनिया का खतरा हो सकता है। खाने में इस तरह की परेशानी के चलते मरीज का वजन तेजी से कम होने लगता है।

बार-बार इंफेक्शन होना

डिमेंशिया, मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है, जिससे मरीज को इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में निमोनिया, यूरिनरी ट्रैक्ट का इंफेक्शन और त्वचा संक्रमण अक्सर चिंता का विषय बन जाते हैं। 

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इसके अलावा, डिमेंशिया के मरीज के नींद के पैर्टन में भी बदलाव आ जाता है। लास्ट स्टेज में मरीज के व्यवहार और इमोशन में भी तेजी से बदलाव होने लगता है। कई बार मरीज अक्रामक हो जाता है। इन लक्षणों को पहचानकर मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। मरीज को दवा के साथ ही परिवार के लोगों की सहानुभूति की भी जरूरत होती है। 

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